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Rented House in Metro Cities: किराए पर घर लेना अब नहीं आसान, जेब करनी होगी अधिक ढीली, इतना बढ़ चुका रेंट

Rented House in Metro Cities: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कुछ क्षेत्रों में किराया लाखों में पहुंच चुका है। एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के मालचा मार्ग, शांति निकेतन, जोर बाग, वेस्ट एंड और वसंत विहार जैसे पॉश इलाकों में किराए के मकानों की भारी डिमांड है।

Krishna Chaudhary
Published on: 9 Jun 2023 8:08 AM IST
Rented House in Metro Cities: किराए पर घर लेना अब नहीं आसान, जेब करनी होगी अधिक ढीली, इतना बढ़ चुका रेंट
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Rented House in Metro Cities (photo: social media )

Rented House in Metro Cities : देश में ऐसे करोड़ों लोग हैं, जो रोजगार के लिए गांवों और कस्बों से बड़े शहरों की ओर पलायन करते हैं। इनमें अशिक्षित से लेकर शिक्षित दोनों तबका शामिल है। हालांकि, कोरोना महामारी के कारण रिवर्स माइग्रेशन हुआ था। अधिकांश लोगों का पलायन इसलिए हुआ, क्योंकि उनकी नौकरियां जा चुकी थीं। इसके अलावा वर्क फ्रॉम होम कल्चर के चलन में आने के कारण भी लोग अपने-अपने पैतृक घरों की ओर लौटे। लेकिन अब कोरोना का दौर बीच चुका है।

भारी संख्या में एकबार फिर लोगों का पलायन देश के बड़े शहरों की ओर शुरू हो गया है। कोरोना के प्रकोप के घटने और फैक्ट्रियां एंव निर्माण कार्य के चालू होने से एकबार फिर मजदूरों की बड़ी खेप बड़े शहरों की ओर कूच करने लगी है। इसके अलावा वर्क फ्रॉम होम कल्चर पर भी काफी हद तक लगाम लग चुका है। कंपनियां अब अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति नहीं दे रही हैं। जिसके कारण दिल्ली-एनसीआर जैसे महानगरों में नौकरीपेशा वर्ग के लोगों की बाढ़ आ गई है।

किराए में भारी बढ़ोतरी

लोगों का माइग्रेशन दोबारा शुरू होने की वजह से शहरों में भीड़ काफी बढ़ गई है। लोगों को अगर किसी अच्छी जगह नौकरी मिल भी जा रही है तो उनके सामने आशियाने की सबसे बड़ी चुनौती है। दिल्ली-एनसीआर के शहरों, मुंबई, बेंगलुरू समेत अन्य बड़ी सिटीज में किराए के मकान के लिए मारामारी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, हाल के दिनों में दिल्ली, गुरूग्राम, नोएडा और मुंबई जैसे शहरों में किराए के घरों की कीमत 50 फीसदी बढ़ गई है।

कीमतों में भारी बढ़ोतरी के बावजूद लोगों के बीच किराए के मकान के लिए मारामारी मची है। बड़ी संख्या में प्रोफेशनल्स गांवों, कस्बों और छोटे शहरों से इन बड़े शहरों की ओर रूख कर रहे हैं। जिससे किराए के घर के डिमांड में बेतहाशा वृद्धि हुई है। लोगों को किराए पर मकान दिलाने वाले ब्रोकर्स का कहना है कि अगर किसी घर के रेंट पर देने के लिए विज्ञापन दिया जाता है तो 12 घंटे के अंदर वो बुक हो जाती है।

लाखों में पहुंच चुका है किराया

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कुछ क्षेत्रों में किराया लाखों में पहुंच चुका है। एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के मालचा मार्ग, शांति निकेतन, जोर बाग, वेस्ट एंड और वसंत विहार जैसे पॉश इलाकों में किराए के मकानों की भारी डिमांड है। इन क्षेत्रों में तो मकानों के लिए बोलियां लगती है और जो अधिक रकम देता है, उसे रेट पर घर मिल जाता है। ब्रोकर्स के मुताबिक, यहां मकान का किराया 3 लाख से लेकर 14 लाख रूपये प्रति महीना पर पहुंच चुका है।

खरीदने के मुकाबले रेंट पर लेना मुश्किल

नवंबर 2022 में हाउसिंग सेक्टर पर काम करने वाली एक कंपनी मैजिकब्रिक्स की रिपोर्ट आई थी। जिसमें देश के महानगरों में किराए पर मकानों की उपलब्धता की स्थिति के बारे में बताया गया था। इसमें कोरोना के बाद स्थिति सामान्य होने के कारण शहरों में बेतहाशा पलायन हुआ है। शहरों में आ रहे लोगों के लिए मकानों की कमी हो गई है। डिमांड और सप्लाई में भारी अंतर के कारण रेट काफी बढ़ गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, घरों का किराया पिछले दो साल में 18 प्रतिशत तक बढ़ा है लेकिन उसी मकान की कीमत अधिकतम 9 प्रतिशत बढ़ी है।



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Krishna Chaudhary

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