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Delhi: कुकी समुदाय के लोगों ने अमित शाह के घर के बाहर किया प्रदर्शन, मणिपुर में जारी है जातीय हिंसा

Delhi News: आज यानी बुधावर सुबह समुदाय के कुछ युवाओं ने हाथों में प्लेकॉर्ड लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास के बाहर प्रदर्शन किया।

Krishna Chaudhary
Published on: 7 Jun 2023 5:25 PM IST (Updated on: 7 Jun 2023 5:52 PM IST)
Delhi: कुकी समुदाय के लोगों ने अमित शाह के घर के बाहर किया प्रदर्शन, मणिपुर में जारी है जातीय हिंसा
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Manipur People of Kuki community protest (photo: social media )

Delhi News: हिंसाग्रस्त उत्तर पूर्वी राज्य मणिपुर में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। तमाम कोशिशों के बावजूद हिंसा की घटनाएं थमने का नाम ही नहीं ले रही हैं। इस बीच राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रह रहे कुकी जनजातीय समुदाय के लोग राज्य में फैली हिंसा को लेकर सड़कों पर उतर गए हैं। आज यानी बुधावर सुबह समुदाय के कुछ युवाओं ने हाथों में प्लेकॉर्ड लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास के बाहर प्रदर्शन किया। इस दौरान वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें शाह के निवास के पास आने से रोका। प्रदर्शनकारोयों ने राज्य की बीरेन सिंह सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

अमित शाह के आवास के बाहर प्रदर्शन कर रही कुकी समुदाय की महिलाओं के हाथ में जो तख्तियां थीं, उसमें लिखा था कि कुकी समुदाय के लोगों की रक्षा करें। साथ ही प्रदर्शनकारी महिलाएं मणिपुर की भाजपा सरकार को बर्खास्त करने की मांग भी करती नजर आईं। कुछ महिलाओं के हाथ में जो तख्तियां थीं, उसमें लिखा था ‘आर्टिकल 356 नॉट आर्टिकल 355’।

दरअसल, बीजेपी शासित मणिपुर में आदिवासी और गैर-आदिवासी समुदायों के बीच भीषण हिंसा भड़कने के बाद केंद्र सरकार ने राज्य में 10 मई 2023 को आर्टिकल 355 लागू कर दिया गया था। ये अब भी लागू है। आर्टिकल 355 के तहत केंद्र सरकार राज्य की पुलिस व्यवस्था, सेना की तैनाती और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाने का अधिकार देती है। इस आर्टिकल के लागू होने के बाद राज्य की सुरक्षा व्यवस्था का सारा कंट्रोल केंद्र सरकार के पास चला जाता है। लेकिन राज्य की सरकार को बर्खास्त नहीं किया जाता है।

किसी राज्य की सरकार को बर्खास्त करने के लिए आर्टिकल 356 का प्रयोग होता है। इस आर्टिकल के तहत राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाता है। आर्टिकल 355 और आर्टिकल 356 में सबसे बड़ा अंतर यह है कि 356 लागू होने की स्थिति में राज्य सरकार बर्खास्त हो जाती है जबकि आर्टिकल 355 लागू होने पर केंद्र सरकार के पास सुरक्षा की जिम्मेदारी आती है लेकिन राज्य में सरकार बनी रहती है। इसलिए कुकी और नागा जैसे जनजातीय समूह मणिपुर में आर्टिकल 356 लागू करने की मांग कर रहे हैं। क्योंकि वर्तमान की सरकार में उनके प्रतिद्वदी मैतेई समुदाय के लोगों का दबदबा है।

4 प्रदर्शनकारियों को मिली शाह से मिलने की इजाजत

पिछले दिनों चार दिवसीय मणिपुर दौरा समाप्त कर लौटे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के घर के बाहर कुकी समुदाय के लोग आज प्रदर्शन कर रहे हैं। चार प्रदर्शनकारियों को गृह मंत्री ने मुलाकात के लिए बुलाया है। जानकारी के मुताबिक, इनकी बैठक अंदर शाह से चल रही है। वहीं, अन्य प्रदर्शनकारियों को जंतर-मंतर भेज दिया गया है।

हिंसक भीड़ ने मां-बेटे को जिंदा जलाया

मणिपुर में हिंसा की शुरू हुए एक माह से अधिक समय हो चुका है लेकिन अभी भी हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं। रविवार को राजधानी इंफाल में 2 हजार लोगों की हिंसक भीड़ ने एक एंबुलेंस को आग के हवाले कर दिया। जिसमें तीन लोग जिंदा जल गए। मृतकों में मां-बेटे भी शामिल हैं। उनकी पहचान सात वर्षीय टॉन्सिंग हैंगिंग, उनकी मां मीना हैंगिंग और उनकी एक रिश्तेदार लोडिया लौरेम्बम के रूप में हुई है।

बता दें कि राज्य में 3 मई को शुरू हुई हिंसा में अब तक 98 लोगों की जान जा चुकी है और 310 से अधिक लोग घायल हुए हैं। हजारों घरों और दुकानों को जला दिया गया है। करीब 40 हजार लोग 272 राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। हजारों की तादाद में लोग पड़ोसी राज्यों और दिल्ली में भाग कर रह रहे हैं। राज्य में यह हिंसा मैतेई समुदाय को एसटी का दर्जा देने को लेकर भड़की है।

Krishna Chaudhary

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