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'विदेशी तो यहां से चले गए, लेकिन इस्लाम..!' RSS प्रमुख मोहन भागवत ने हिंदू राष्ट्र और नई संसद पर दिया ये बयान
Mohan Bhagwat News: नागपुर में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि, 'हिंदी स्वराज को ही हम हिंदू राष्ट्र कहते हैं। अपने संबोधन उन्होंने इस्लाम, हिंदू राष्ट्र और नई संसद पर भी बयान दिया।
Mohan Bhagwat News: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत (RSS Chief Mohan Bhagwat) ने कहा कि, '75 वर्षों की स्वतंत्रता देखकर हमारे अंदर उत्साह जगा है। कोरोना महामारी के दौर में किसी देश ने अच्छा किया तो वो है भारत। जी- 20 की अध्यक्षता भी हमें मिली। सरसंघचालक मोहन भागवत ने आगे कहा, हिंदी स्वराज को ही हम हिंदू राष्ट्र कहते हैं।'
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि, 'सीमाओं पर बुरी नजर रखने वाले दुश्मनों को ताकत दिखाने के बजाय हम आपस में ही लड़ रहे हैं। देश में भाषा, पंथ-संप्रदाय और सहुलियतों को लेकर तमाम तरह के विवाद हो रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, भारत की एकता और अखंडता के लिए हर किसी को प्रयास करते रहना चाहिए।' मोहन भागवत ने ये बातें 01 जून को नागपुर में आरएसएस के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।
'इस्लाम की पूजा कहां सुरक्षित चलती है'
सरसंघचालक मोहन भागवत ने अपने संबोधन में इस्लाम पर भी विचार रखे। उन्होंने कहा, 'पूरी दुनिया में इस्लाम का आक्रमण हुआ। स्पेन (Spain) से मंगोलिया (Mongolia) तक इस्लाम छा गया। धीरे-धीरे वहां के लोग जागे। उन्होंने आक्रमणकारियों को हराया तो अपने कार्य क्षेत्र में इस्लाम सिकुड़ गया। अब विदेशी तो यहां से चले गए लेकिन इस्लाम की पूजा कहां सुरक्षित चलती है, यहीं सुरक्षित चलती है। मोहन भागवत कहते हैं कितने दिन हुए, कितने शतक हुए। यह सह जीवन चल रहा है। इसको न पहचानते हुए आपस के भेदों को ही बरकरार रखने वाली नीति चलाना, ऐसा करेंगे तो कैसे होगा।'
नई संसद में लगी तस्वीरों से लोग आनंदित
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने आगे कहा, 'देश को नई संसद मिली। उसमें जिस प्रकार के चित्र लगे हैं, वो दिखा रहा है कि उसे देखकर जन सामान्य आनंदित है। उन्होंने कहा, नए संसद भवन (New Parliament House) का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। उन्हें देखकर गौरव होता है। लेकिन, परेशान करने वाली बात भी देश में देखने को मिल रही है। देश में भाषा, पंथ-संप्रदाय और सहुलियतों को लेकर तमाम तरह के विवाद भी हो रहे हैं।'
हम विश्व के सिरमौर देशों में आने लगे हैं
संघ प्रमुख बोले, 'अब हम विश्व के सिरमौर देशों में आने लगे हैं। दुनिया हमसे अब अलग अपेक्षा करता है। इसके लिए हमें अलग से प्रयत्न करने होंगे। विवाद नहीं बातचीत से सब सुलझाना है। उन्होंने कहा कि, हमारी पूजा पद्धति अलग-अलग है, लेकिन हमारी पूजा इस देश की है। हम विभाजित हो गए तो हमारा बल चला गया। एक-दूसरे को ऊंचा-नीचा मानने में लगे हैं।'