TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

अमेरिका से बोले विदेश मंत्री जयशंकर, भारत वही करेगा जो उसके राष्ट्रीय हित में है

भारत ने बुधवार को अमेरिका से कहा कि वह प्रतिबंधों से प्रभावित रूस सहित अन्य देशों के साथ संबंधों में राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखेगा। भारत रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीद रहा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने अमेरिकी समकक्ष माइक पोम्पिओ से व्यापक द्विपक्षीय बैठक के दौरान यह बात कहीं।

Dharmendra kumar
Published on: 26 Jun 2019 11:03 PM IST
अमेरिका से बोले विदेश मंत्री जयशंकर, भारत वही करेगा जो उसके राष्ट्रीय हित में है
X

नई दिल्ली: भारत ने बुधवार को अमेरिका से कहा कि वह प्रतिबंधों से प्रभावित रूस सहित अन्य देशों के साथ संबंधों में राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखेगा। भारत रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीद रहा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने अमेरिकी समकक्ष माइक पोम्पिओ से व्यापक द्विपक्षीय बैठक के दौरान यह बात कहीं।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने अमेरिकी समकक्ष माइक पोम्पिओ को मोदी सरकार के दोबारा सत्ता में आने के बाद दोनों देशों के बीच पहली उच्च स्तरीय बैठक के दौरान एस-400 समझौते पर भारत के मजबूत रूख के बारे में अवगत कराया। भारत रूस से एस- 400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीद रहा है।

यह भी पढ़ें…बेहद ‘बोल्ड’ अवतार में सामने आईं ये अभिनेत्री, इंटरनेट पर मचाई सनसनी

दोनों नेताओं ने आमने-सामने की वार्ता की और प्रतिनिधिमंडल स्तर पर भी बातचीत हुई। दोनों देशों ने आतंकवाद का मुकाबला करने में भारत-अमेरिका सहयोग को बढ़ाये जाने की भी प्रतिबद्धता जताई। इसके बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में पोम्पिओ और जयशंकर ने स्वीकार किया कि व्यापार पर अलग-अलग विचार है लेकिन उन्होंने कहा कि मित्रों और बड़े व्यापारिक साझेदारों के पास ‘‘मुद्दे’’ होंगे जिन्हें हल किया जा सकता है।

जयशंकर और पोम्पिओ ने ईरान से तेल खरीदने पर अमेरिकी प्रतिबंधों और खाड़ी में अमेरिका-ईरान तनाव के मद्देनजर पैदा हुई स्थिति के मद्देनजर ऊर्जा सुरक्षा के मुद्दे पर भी चर्चा की।

जयशंकर ने कहा, ‘‘ईरान पर हमारा एक निश्चित दृष्टिकोण है। मंत्री ने मेरे साथ ईरान पर अमेरिकी चिंताओं को साझा किया ... हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि वैश्विक ऊर्जा की आपूर्ति अनुमान के अनुसार बनी रहे।’’ पोम्पिओ ने ईरान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद पर अमेरिकी चिंताओं को स्पष्ट करते हुए कहा, ‘‘हम यह भी जानते हैं कि ईरान दुनिया का सबसे बड़ा आतंक का प्रायोजक है और हम भारतीय लोगों को जानते हैं कि वे दुनियाभर में आतंक से कैसे पीड़ित हैं।’’

यह भी पढ़ें…जानिए किसने और क्यों ऊर्जा निगमों को एक करने की उठाई मांग

एस-400 समझौते के साथ आगे बढ़ने के लिए ‘काउंटरिंग अमेरिकाज ऐडवरसरीज थ्रू सैंक्शन्स एक्ट’ (काटसा) के तहत भारत द्वारा प्रतिबंधों का सामना करने की संभावना के मुद्दे पर पोम्पिओ ने कहा, ‘‘वे इस समय मुद्दे हैं लेकिन हम उनके माध्यम से काम करने का एक तरीका खोज लेंगे और मुझे पता है कि जब हम दूसरी तरफ आएंगे तो संबंध और मजबूत होंगे।’’ काटसा के तहत प्रतिबंधों के मुद्दे पर एक सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा कि भारत के कई देशों के साथ संबंध हैं।

जयशंकर ने कहा, ‘‘हमारे कई देशों से संबंध हैं ... जिनका एक इतिहास है। हम वही करेंगे जो हमारे राष्ट्रीय हित में है और उस रणनीतिक साझेदारी का एक हिस्सा प्रत्येक देश की क्षमता और दूसरे के राष्ट्रीय हित का सम्मान करना है।’’ भारत ने पिछले वर्ष अक्टूबर में 40 हजार करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के लिए रूस के साथ एक समझौता किया था। भारत इसके खिलाफ अमेरिका की चेतावनियों के बावजूद यह समझौता करने के लिए आगे बढ़ा।

यह भी पढ़ें…तेजपत्ता जलाएं तनाव भगाएं, एक बार आजमाएं फायदा मिले तो बार-बार अपनाएं

इससे पहले पोम्पियो ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की । उन्होंने व्यापार और अर्थव्यवस्था, ऊर्जा, रक्षा, आतंकवाद के मुकाबले और लोगों का लोगों से संपर्क में द्विपक्षीय संबंधों की पूरी संभावनाओं को हासिल करने की मजबूत प्रतिबद्धता जताई। पोम्पिओ मंगलवार को यहां पहुंचे थे। उन्होंने बुधवार सुबह के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।

पोम्पिओ की यह यात्रा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी के बीच जापान के ओसाका में होने वाले जी..20 शिखर सम्मेलन के इतर होने वाली बैठक से पहले हुई है। पोम्पिओ ने कहा कि भारत अमेरिका एक महत्वपूर्ण साझेदार है और अमेरिकी-भारत साझेदारी नई ऊंचाइयों पर पहुंचने लगी है। उन्होंने कहा कि जब दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के 1.7 अरब लोग एक साथ आते हैं तो हम बड़े काम कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें…Viral Video: उन्नाव जेल में असलहा लहराते कैदी दे रहे सीएम योगी को धमकी

दोनों नेताओं के बीच अफगानिस्तान, खाड़ी और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में व्याप्त स्थिति जैसे क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की। दोनों पक्षों ने आतंकवाद के मुद्दे पर विस्तृत चर्चा की और भारतीय पक्ष ने आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए ट्रंप प्रशासन से मिले ‘‘मजबूत समर्थन’’ के लिए प्रशंसा व्यक्त की। जयशंकर ने कहा, ‘‘हमारी सीमा पार आतंकवाद पर कतई न सहन करने की नीति है। हमारे पास निश्चित रूप से आतंकवाद पर वैश्विक सम्मेलन आयोजित करने संबंधी प्रधानमंत्री की पहल है और मुझे यकीन है कि कुछ ऐसा है जिसे अमेरिका सकारात्मक रूप से देखेगा।’’

पोम्पिओ ने कहा कि अमेरिका यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि भारत के पास अपनी क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने और 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने के लिए सैन्य क्षमताएं है। उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवाद के मामले में भारत का अपना अनुभव बहुत वास्तविक है और हम इसे जानते हैं। श्रीलंका में गिरजाघरों में हुए विस्फोटों से पता चलता है कि इस क्षेत्र में आतंकवाद का खतरा लगातार बना हुआ है और भारत की इससे लड़ने की क्षमता किसी से भी कम नहीं है।’’उन्होंने कहा, ‘‘हमारी टीम आतंकवाद से लड़ने की भारत की क्षमता को मजबूत करने के लिए खुफिया जानकारी को बेहतर ढंग से साझा करने के लिए मिलकर काम करना जारी रखेगी।’’



\
Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

Next Story