कम हो जाएगी सैलरी! सरकार का ये है बड़ा प्लान, शुरू कर दें बचत   

डस्ट्री के साथ त्रिपक्षीय बैठक हुई और इसमें सैद्धांतिक रूप से इंडस्ट्री इस बात पर सहमति हो गई है कि बेसिक सैलरी में सरकार जो भी अलाउंसेस तय करेगी उसको शामिल किया जाएगा। इससे ये होगा कि बेसिक सैलरी में बढ़ोतरी होगी। बेसिक सैलरी में बढ़ोतरी होने से PF का कैलकुलेशन बदल जाएगा।

SK Gautam
Published on: 25 Nov 2019 3:15 PM GMT
कम हो जाएगी सैलरी! सरकार का ये है बड़ा प्लान, शुरू कर दें बचत   
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नई दिल्ली: सरकार जल्द ही ऐसा फैसला ले सकती है जिसके कारण आपकी बेसिक सैलरी में अलाउंसेस भी शामिल हो सकते हैं। जानकारी के मुताबिक इस पर इंडस्ट्री इस शर्त के साथ तैयार हुई है कि सरकार अलाउंसेस की स्पष्ट कैटेगरी तय कर दे।

इस मामले पर चर्चा काफी समय से चल रही है और सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने निर्देश में इसे सुनिश्चित करने को कहा था। बेसिक सैलरी में अलाउंसेस का कितना कंट्रीब्यूशन होगा, उसमें कितना जोड़ा जाएगा, कौन से अलाउंस बेसिक सैलरी के हिस्सा होंगे, कौन से अलाउंसेस को उनसे बाहर रखा जाएगा।

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बढ़ेगा PF में योगदान

इंडस्ट्री के साथ त्रिपक्षीय बैठक हुई और इसमें सैद्धांतिक रूप से इंडस्ट्री इस बात पर सहमति हो गई है कि बेसिक सैलरी में सरकार जो भी अलाउंसेस तय करेगी उसको शामिल किया जाएगा। इससे ये होगा कि बेसिक सैलरी में बढ़ोतरी होगी। बेसिक सैलरी में बढ़ोतरी होने से PF का कैलकुलेशन बदल जाएगा। मतलब आपका पीएफ का कंट्रीब्यूशन बढ़ेगा, लेकिन आपकी टेक होम सैलरी में कुछ कमी आ सकती है।

इंडस्ट्री की दो शर्तें

हालांकि इंडस्ट्री ने इसके लिए दो शर्तें रखी हैं। पहला ये कि सरकार स्पष्ट रूप ये तय कर दे कि कौन से अलाउंसेस बेसिक सैलरी के साथ क्लब किए जाएंगे और कौन से अलाउंसेस नहीं किए जाएंगे।

इसके अलावा दूसरी शर्त ये रखी गई है कि सारे सेक्टर पर इसे यूनिफॉर्म रूप से लागू नहीं किया जाए। इसके लिए सेक्टर्स तय किए जाएं। सूत्रों के मुताबिक, अब सरकार और इंडस्ट्री बैठकर उन सेक्टर्स को क्लासीफाई करेगी।

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कब होगा लागू

मिनिमम वेज के लिए ड्राफ्ट कोड को सरकार ने जारी कर दिया है और उस पर कानून बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कानून बनाने की प्रक्रिया के साथ ही बेसिक सैलरी में अलाउंसेस को शामिल किया जा सकता है।

अलाउंसेस का 50% बेसिक में शामिल

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक HRA को बेसिक से बाहर रखने का प्रस्ताव है। बाकी अलाउंसेस का 50 फीसदी बेसिक में शामिल किया जाएगा। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक PLI यानी परफॉर्मेंस लिंक्ड इंसेंटिव को अलाउंसेस नहीं माना जाएगा। बेसिक सैलरी मिनिमम वेज से कम नहीं हो सकती।

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