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फिर पहुंची अहमद पटेल के आवास पर ईडी, जानें क्या है मामला
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तीन सदस्यीय टीम सुबह करीब 11 बजे मध्य दिल्ली के लुटियंस जोन में स्थित अहमद पटेल के 23, मदर टेरेसा क्रीसेंट होम पहुंची। टीम के सभी सदस्यों ने कोरोना को ध्यान में रखते हुए मास्क और दस्ताने पहन रखे थे।
नई दिल्ली: संदेसरा घोटाले को लेकर पूछ-ताछ के प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम आज गुरुवार को तीसरी बार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल के दिल्ली स्थित आवास पर पहुंची। बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ईडी की टीम अहमद पटेल संदेसरा बंधुओं से जुड़े धनशोधन रोकथाम कानून मामले में पूछताछ कर रही है।
टीम के सभी सदस्यों ने मास्क और दस्ताने पहन रखे थे
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तीन सदस्यीय टीम सुबह करीब 11 बजे मध्य दिल्ली के लुटियंस जोन में स्थित अहमद पटेल के 23, मदर टेरेसा क्रीसेंट होम पहुंची। टीम के सभी सदस्यों ने कोरोना को ध्यान में रखते हुए मास्क और दस्ताने पहन रखे थे। कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के कारण एहतियातन पूछताछ शुरू करने से पहले अपने हाथों और जूतों को सैनेटाइज करते हुए देखा गया। गौरतलब है कि एजेंसी के अधिकारियों ने इससे पहले 27 और 30 जून को करीब 17 घंटों तक दो अलग-अलग सत्रों में पटेल से पूछताछ की थी।
तीसरी बार पहुंची ईडी की टीम पूछताछ करने
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने इससे पहले 27 और 30 जून को उनके आवास पर पहुंचकर बयान दर्ज किया था। 27 जून को हुई पूछताछ से पहले ईडी ने पटेल को दो बार तलब किया था, लेकिन गुजरात से राज्यसभा के सदस्य पटेल ने वरिष्ठ नागरिकों को घर में ही रहने की सलाह देने वाले कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का हवाला दिया। इसके बाद एजेंसी ने उनके अनुरोध पर सहमति जताई और उन्हें सूचित किया कि वह उनसे पूछताछ के लिए एक जांच अधिकारी को भेजेगी।
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यहां जानें क्या है पूरा मामला
ईडी ने दावा किया है कि संदेसरा भाइयों ने भारतीय बैंकों को नीरव मोदी से ज्यादा चूना लगाया है। एजेंसी के सूत्रों ने बताया कि जांच में स्टर्लिंग बायोटेक लिमिटेड (एसबीएल) /संदेसरा समूह और इसके मुख्य प्रमोटरों, नितिन संदेसरा, चेतन संदेसरा और दीप्ति संदेसरा ने भारतीय बैंकों में लगभग 14,500 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा किया। वहीं नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक को 11,400 करोड़ रुपये का चूना लगाने का आरोप है।
विदेशी मुद्रा में कर्ज
जांच अधिकारी का कहना है कि एसबीएल समूह ने भारतीय बैंकों से रुपये के साथ-साथ विदेशी मुद्रा में भी कर्ज लिया था। समूह को आंध्रा बैंक, यूको बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई), इलाहाबाद बैंक और बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई) की अगुवाई वाले बैंकों के कंसोर्टियम ने कर्ज दिया था।
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जांच में पता चला कि कर्ज में मिली राशि का इजाजत से इतर प्रयोग किया गया और कुछ राशि को फर्जी देसी-विदेशी संस्थानों के जरिए इधर से उधर हस्तांतरित किया गया। समूह के प्रमुख प्रमोटरों ने कर्ज की रकम को न केवल नाइजीरिया में अपने तेल के कारोबार में लगाया बल्कि इसका निजी उद्देश्य में भी इस्तेमाल किया गया। 27 जून को ईडी ने एसबीएल /संदेसरा समूह की 9,778 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी।