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Maharashtra: महाराष्ट्र में 20 जून को विश्व गद्दार दिवस करने की मांग, पुलिस ने एनसीपी और ठाकरे गुट को जारी किया नोटिस
Maharashtra Politics: राज्य की ताकतवर क्षेत्रीय पार्टी शिवसेना को टूटे हुए आज पूरे एक साल हो गए। शिवसेना के टूट की सालगिरह ने राज्य की राजनीति को एकबार फिर से गरमा दिया है।
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की राजनीति में बीते चार सालों से हलचल बनी हुई है। इतने वर्षों में राज्य में विभिन्न नाटकीय घटनाक्रमों में तीन मुख्यमंत्रियों ने पद की शपथ ली। इसके बाद भी सियासी घमासान थमता नजर नहीं आ रहा है। महाराष्ट्र की राजनीतिक इतिहास का आज एक अहम दिन है। राज्य की ताकतवर क्षेत्रीय पार्टी शिवसेना को टूटे हुए आज पूरे एक साल हो गए। शिवसेना के टूट की सालगिरह ने राज्य की राजनीति को एकबार फिर से गरमा दिया है।
उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना और एनसीपी आज यानी मंगलवार 20 जून को गद्दार दिवस के रूप में मना रही है। दरअसल, आज ही के दिन बीते साल कद्दावर शिवसैनिक एकनाथ शिंदे ने तत्कालीन मुख्यमंत्री और पार्टी सुप्रीमो उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत का झंडा उठाया था। यह बगावत इतनी बड़ी साबित हुई कि ठाकरे को सरकार के साथ-साथ संगठन भी शिंदे के हाथों गंवाना पड़ा। उद्धव ठाकरे और उनके करीबी आज भी उस घटना को पचा नहीं पा रहे हैं।
विश्व गद्दार दिवस घोषित करने की मांग
उद्धव गुट के नेता संयुक्त राष्ट्र से आज यानी 20 जून के दिन को विश्व गद्दार दिवस घोषित करने की मांग कर रहे हैं। राज्यसभा सांसद और उद्धव ठाकरे के करीबी संजय राउत ने कहा कि हम महाराष्ट्र में हस्ताक्षर अभियान चलाएंगे और लाखों लोगों की सहमति से साइन किया हुआ लेटर संयुक्त राष्ट्र (यूएन) को भेजेंगे। राउत ने कहा कि दुनिया में देशद्रोह की कई घटनाएं हुईं, महाराष्ट्र की जनता ने भी पिछले साल ऐसी ही एक घटना को देखा है। उन्होंने कहा कि सत्ता में आने पर हम 20 जून को गद्दार दिवस के रूप में मनाएंगे।
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मुंबई पुलिस ने जारी किया नोटिस
मुंबई में मंगलवार को एनसीपी और उद्धव गुट की शिवसेना (यूबीटी) ने गद्दार दिवस मनाने का ऐलान किया है। इस मौके पर व्यापक विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया गया है। जिसे देखते हुए मुंबई पुलिस अलर्ट हो गई है। जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने दोनों दलों के कार्यकर्ताओं को नोटिस थमाया और लॉ एंड ऑर्डर को प्रभावित न करने की चेतावनी दी है। एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने एक दिन पहले कहा था कि 20 जून को पार्टी देशद्रोही दिवस मनाएगी। इस दिन एनसीपी कार्यकर्ता हर नुक्कड़ पर सांकेतिक पैसे के बंडल दिखाकर प्रदर्शन करेंगे, जिसकी मदद से एकनाथ शिंदे सरकार सत्ता में आई है।
19 जून को उद्धव और शिंदे भिड़े
19 जून को शिवसेना का स्थापना दिवस था। पार्टी के अस्तित्व में आने के बाद ऐसा पहला मौका था जब एक ही पार्टी का स्थापना दिवस एक ही शहर में दो प्रमुख नेताओं द्वारा मनाया जा रहा था। दोनों खुद को पार्टी का असल राजनीतिक उत्तराधिकारी कहते हैं। चुनाव आयोग ने भले शिंदे गुट के पक्ष में फैसला सुनाया हो लेकिन उद्धव ठाकरे अपने पिता द्वारा बनाई गई पार्टी पर दावेदारी से पीछे नहीं हट रहे। सोमवार को उन्होंने मुंबई के सियोन स्थित शणमुखानंद हॉल में पार्टी का स्थापन दिवस मनाया।
इस दौरान पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि 20 जून गद्दार दिवस है। आप बाला साहाब ठाकरे का फोटो चुरा सकते हैं । लेकिन लोगों के दिल से नहीं। आप फसल तो ले गए । लेकिन खेत हमारे पास है।
इसी दिन गोरेगांव स्थित नेस्को ग्राउंड में शिवसेना का स्थापना दिवस मना रहे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर पलटवार किया। उन्होंने ठाकरे द्वारा गद्दार कहे जाने पर कहा कि 20 जून को हुआ, उसके लिए शेर का जिगरा चाहिए। शिंदे ने कहा कि आप हमें गद्दार कहते हैं, मगर आपने कुर्सी के लिए बालासाहाब के विचारों से गद्दारी की। उन्होंने कहा कि अगर हमने गद्दारी की होती तो हमारे साथ 40 विधायक नहीं आते।
क्या हुआ था 20 जून 2022 को
बता दें कि 20 जून 2022 को तत्कालीन महाविकास अघाड़ी सरकार में शिवसेना कोटे से कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने पार्टी के 40 विधायकों के साथ राज्य छोड़ दिया। इस बगावत ने महाविकास अघाड़ी सरकार को अल्पमत में ला दिया। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जरूरी संख्या बल न होने के कारण 29 जून को पद से इस्तीफा दे दिया। अगले दिन यानी 30 जून को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई में नई सरकार बनी। जिसमें बीजेपी के सीनियर नेता और पूर्व सीएम देवेंद्र फडनवीस बतौर डिप्टी सीएम शामिल हुए।