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SBI का अलर्ट जारी: जान लें सभी खाताधारक, खाली हो सकता है आपका खाता
भारतीय स्टेट बैंक देश के सबसे बड़े बैंक ने ग्राहकों को एक नए तरीके के साइबर क्राइम के बारे में बताया है। एसबीआई ने कहा, 'धोखेबाज ग्राहकों को कॉल कर अपने लोन का ईएमआई रुकवाने के लिए अपना ओटोपी उनसे शेयर करने के लिए कह रहे हैं।'
नई दिल्ली : भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) देश के सबसे बड़े बैंक ने ग्राहकों को एक नए तरीके के साइबर क्राइम के बारे में बताया है। एसबीआई ने कहा, 'धोखेबाज ग्राहकों को कॉल कर अपने लोन का ईएमआई रुकवाने के लिए अपना ओटोपी उनसे शेयर करने के लिए कह रहे हैं।' एसबीआई ने ट्वीट कर बताया कि ईएमआई नहीं चुकाने के लिए ओटीपी साझा करना जरूरी नहीं है। इसलिए आप कुछ भी करके अपना ओटीपी किसी को न बताएं। एक बार ओटीपी शेयर करने के बाद धोखेबाजों द्वारा तुरंत आपके खाते से पैसे निकाल लिए जाते हैं। एसबीआई ने अपने ग्राहकों को अपने ओटीपी को साझा नहीं करने की चेतावनी दी है।
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एकमात्र तरीका सतर्क और जागरूक होना
एसबीआई ने ट्वीट में जानकारी दी कि साइबर जालसाजों ने लोगों को ठगने के लिए नए तरीके खोजे हैं। साइबर अपराधियों को हराने का एकमात्र तरीका सतर्क और जागरूक होना है। कृपया ध्यान दें कि ईएमआई डिफर्मेंट के लिए ओटीपी शेयरिंग की आवश्यकता नहीं है। अपने ओटीपी को साझा न करें। ईएमआई डिफर्मेंट स्कीम की ज्यादा जानकारी के लिए बैंक की साइट पर जाएं।
जानकारी के लिए बता दें कि कोरोना माहामारी के चलते लॉकडाउन की स्थिति को देखते हुए आरबीआई ने सभी भारतीय बैंकों और भारतीय वित्तीय संस्थानों को यह अनुमति दी है कि वे 1 मार्च 2020 से 31 मई, 2020 के बीच अपने ईएमआई भुगतानों पर 3 महीने तक के ग्राहकों को राहत दे सकते हैं।
मतलब कि ईएमआई को आगे बढ़ा सकते हैं। आरबीआई की सलाह के बाद सरकारी के साथ प्राइवेट बैंकों ने इसका फायदा ग्राहकों को दिया है।
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अपनाएं एसबीआई के ये सेफ्टी टिप्स-
लॉकडाउन स्थिति में फ्रॉड करने वाले भी एक्टिव हो गए हैं और फ्रॉड यूपीआई आईडी से डोनेशन मांग रहे हैं। बैंक ने कहा, फ्रॉड यूपीआई आईडी से डोनेशन मांगने वालों से सावधान रहें। अपनी कमाई को डोनेट करने से पहले सोचें।
फंड ट्रांसफर करने से पहले पैसे प्राप्त करने वाले की पहचान की जांच करें।
किसी भी ई-कॉमर्स साइट पर अपने कार्ड की डिटेल कभी सेव नहीं करें।
अनचाहे ई-मेल पर अपना सेंसेटिव इंफॉर्मेशन नहीं दें।
कोरोना वायरस से संबंधित किसी भी खबर पर क्लिक करने से पहले उसकी जांच करें।
विश्वसनीय स्रोत से तथ्य साझा करें।
जब आप स्कैम को देखें तो उसकी रिपोर्ट जरूर करें।
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