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SBI ने दिया तगड़ा झटका: बैंक ने महंगी की ये सुविधा, यहां पढ़ें पूरी खबर  

SBI का मीडियम साइज लॉकर अब 1,000 से 4,000 तक महंगा हो जाएगा जबकि बड़े लॉकर का किराया 2,000 से 8,000 रुपये तक होगा। ये नए रेट केवल मेट्रो शहरों और शहरी क्षेत्रों में लागू होगा और इसमें GST शामिल नहीं है।

SK Gautam
Published on: 25 Feb 2020 4:35 PM IST
SBI ने दिया तगड़ा झटका: बैंक ने महंगी की ये सुविधा, यहां पढ़ें पूरी खबर  
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नई दिल्ली: भारतीय स्टेट बैंक अपने ग्राहकों को समय-समय पर जहां कई सुविधाएं दिए हैं तो वहीं अपने नए फैसले में सुरक्षित जमा लॉकर का किराया बढ़ा दिया है। नया किराया 31 मार्च, 2020 से लागू होगा। इस बढ़ोतरी के बाद एसबीआई लॉकर का सालाना शुल्क कम से कम 500 रुपये तक बढ़ जाएगा। SBI के छोटे लॉकर किराये के चार्ज में 500 रुपये से लेकर 2,000 रुपये तक इजाफा किया गया है, जबकि एक्स्ट्रा लार्ज लॉकर का सालाना किराया 9,000 से बढ़कर 12,000 हो गया है।

बैंक में लॉकर खोलने के नियम

RBI नोटिफिकेशन के मुताबिक, कोई भी किसी भी बैंक में बगैर खाते के भी लॉकर खोल सकता है, लेकिन लॉकर के किराए और चार्जेस के सिक्‍योरिटी डिपॉजिट का हवाला देते हुए बैंक बिना खाता लॉकर खोलने में आना-कानी करते हैं। यही नहीं कुछ बैंक आप पर बड़ी रकम के फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) के लिए भी दबाव बनाते हैं। इसलिए अच्छा होगा कि आप उसी बैंक में लॉकर लें, जहां सेविंग्‍स अकाउंट है।

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SBI का मीडियम साइज लॉकर अब 1,000 से 4,000 तक महंगा हो जाएगा जबकि बड़े लॉकर का किराया 2,000 से 8,000 रुपये तक होगा। ये नए रेट केवल मेट्रो शहरों और शहरी क्षेत्रों में लागू होगा और इसमें GST शामिल नहीं है। एसबीआई ब्रांच छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में सस्ती लॉकर सेवाएं प्रदान करती हैं जहां कीमतें 1,500 रुपये से शुरू होती हैं और 9,000 तक जाती हैं।

लॉकर को इस्तेमाल करने का तरीका

हर लॉकर की दो चाबी होती है। एक चाबी ग्राहक के पास होती है। दूसरी चाबी बैंक के पास होती है। दोनों चाबियां लगने के बाद ही लॉकर खुलता है। इसका मतलब यह है कि ग्राहक जब भी लॉकर ऑपरेट करना चाहेगा, उसे इसकी जानकारी ब्रांच (बैंक) को देनी होगी। एक साथ दो चाबियों के इस्तेमाल के पीछे सुरक्षा सबसे बड़ी वजह है।

अगर आपके लॉकर की चाबी किसी दूसरे के हाथ लग जाए तो वह इसे नहीं खोल पाएगा। साल में आप कितनी बार लॉकर आपरेट करेंगे, इसकी भी सीमा तय है। यह सीमा बैंक के हिसाब से अलग-अलग है। ज्वाइंट नाम से लॉकर खोलना फायदेमंद है। इससे जिन दो लोगों के नाम से लॉकर खुला है, उनमें से कोई एक इसे ऑपरेट कर सकता है।

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लॉकर में रखी चीजों के नुकसान पर कितना मिलता है मुआवजा

लॉकर में रखी चीजों के लिए बैंक जिम्मेदार नहीं है। भूकंप या बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा, आतंकी हमला या चोरी होने पर बैंक आसानी से मुआवजा देने से इनकार कर देते हैं। उनकी दलील यह होती है कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं होती कि लॉकर में क्या-क्या रखा गया है। इसलिए लॉकर में रखी आपकी कीमती चीजें भी 100 फीसदी सुरक्षित नहीं हैं।



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SK Gautam

SK Gautam

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