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सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: बीजेपी नेता को किया मंत्री पद से बर्खास्त, जानें पूरा मामला
सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐसा ऐतिहासिक फैसला सुनाया है, जिसे भारत की न्यायपालिका के इतिहास में काफी कम ही देखा गया है। सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर के मंत्री और बीजेपी नेता थोनाजम श्यामकुमार को तुरंत प्रभाव से मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया। साथ ही उनके विधानसभा में जाने पर भी रोक लगा दी है।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐसा ऐतिहासिक फैसला सुनाया है, जिसे भारत की न्यायपालिका के इतिहास में काफी कम ही देखा गया है। सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर के मंत्री और बीजेपी नेता थोनाजम श्यामकुमार को तुरंत प्रभाव से मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया। साथ ही उनके विधानसभा में जाने पर भी रोक लगा दी है।
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सुप्रीम कोर्ट की तरफ से ये कड़ा फैसला इसलिए लिया गया, क्योंकि विधानसभा स्पीकर मंत्री के खिलाफ लंबे समय से फैसला नहीं ले रहे थे। मंत्री की विधानसभा सदस्यता को अयोग्य घोषित करने के लिए स्पीकर को फैसला लेना था। इसके लिए स्पीकर को आदेश भी जारी किए गए थे। जिसमें कहा गया था कि वो चार हफ्तों में मंत्री की अयोग्यता पर फैसला लें, लेकिन स्पीकर ने इसे लेकर कोई भी फैसला नहीं लिया।
जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के आर्टिकल 142 के तहत अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल कर मंत्री को तत्काल प्रभाव से हटाने का फैसला दिया। सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर सरकार के वन मंत्री को पद से हटा दिया है। इतना ही नहीं, शीर्ष कोर्ट ने मणिपुर के वन मंत्री टी श्यामकुमार के विधानसभा में प्रवेश करने पर भी रोक लगा दी है। जस्टिस आर. एफ. नरीमन की बेंच ने कोर्ट के आदेश के बावजूद मणिपुर के स्पीकर द्वारा अयोग्यता याचिका पर फैसला न लेने से नाराज होकर यह कदम उठाया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत मिले विशेषाधिकार का इस्तेमाल करते हुए टी श्यामकुमार को मंत्री पद से हटाया जा रहा है। दरअसल 21 जनवरी को दल-बदल कानून के तहत फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर स्पीकर से कहा था कि वो टी श्यामकुमार की अयोग्यता पर चार हफ्ते में फैसला लें। इस दौरान विधानसभा स्पीकर ने टी श्यामकुमार की अयोग्यता पर कोई फैसला नहीं लिया। इसके बाद कांग्रेसी विधायकों फजुर रहीम और के. मेघचंद्र ने मंत्री को अयोग्य ठहराए जाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
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बता दें कि इस मामले में विधानसभा चुनाव कांग्रेस की टिकट पर जीतकर श्यामकुमार बाद में बीजेपी में शामिल हो गए थे। इसके बाद उन्हें सरकार में मंत्री भी बना दिया गया था, जिसके बाद इस मामले में अप्रैल 2017 से 13 याचिकाएं दाखिल की गई थीं। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने अब मंत्री को पद से हटाने का आदेश दिया है।