शाहीन बाग में 500 रुपये देकर भीड़ जुटाने के मामले में BJP को लगा तगड़ा झटका

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में प्रदर्शन जारी है। इस बीच बीजेपी की ओर से प्रदर्शनकारी महिलाओं पर पैसे लेकर धरने पर बैठने का इल्जाम लगाया गया था।

Aditya Mishra
Published on: 21 Jan 2020 11:36 AM GMT
शाहीन बाग में 500 रुपये देकर भीड़ जुटाने के मामले में BJP को लगा तगड़ा झटका
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नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में प्रदर्शन जारी है। इस बीच बीजेपी की ओर से प्रदर्शनकारी महिलाओं पर पैसे लेकर धरने पर बैठने का इल्जाम लगाया गया था।

इस मामले में मंगलवार को शाहीन बाग की दो महिलाओं ने बीजेपी आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय को एक करोड़ की मानहानि का नोटिस भेजा है।

वकील महमूद पारचा के जरिए अमित मालवीय के साथ ही उन चैनलों को भी नोटिस भेजा गया है, जिसने वायरल वीडियो को चलाया था। अभी व्यक्तिगत तौर पर नोटिस भेजा गया है। फिलहाल निचली अदालत में मानहानि का मुकद्दमा दायर नहीं हुआ है।

नोटिस में अमित मालवीय से कहा गया है कि उनके द्वारा पोस्ट और प्रसारित किए गए वीडियो में प्रदर्शनकारी 500-700 रुपये लेकर प्रदर्शन करते दिखाए जा रहे हैं। इस तरह के बयान न सिर्फ झूठ हैं बल्कि इनकी वजह से प्रदर्शन को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बीच बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।

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आज प्रदर्शन का 37वां दिन

दिल्ली के चर्चित शाहीन बाग में धरने पर बैठी महिलाओं को मंगलवार को 37 दिन पूरे हो गए। ये प्रदर्शन केंद्र सरकार की ओर से नए नागरिकता संशोधन कानून और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर लागू करने के फैसले के विरोध में किया जा रहा है।

मालवीय को ये नोटिस वकील महमूद पारचा के दफ्तर से भेजा गया है। पारचा प्रदर्शनकारियों के कानूनी सलाहकार हैं। नोटिस दो महिलाओं की ओर से भेजा गया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि अमित मालवीय केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी से जुड़े हैं। इसलिए प्रदर्शनकारियों की छवि खराब करने में उनका निहित स्वार्थ है।

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