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उत्तराखंड तबाही: एमपी में मचा कोहराम, लापता हुए इतने युवक

उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा की वजह से लापात शिवपुरी के युवकों के परिवार में कोहराम मचा हुआ है। इन चारों परिवार के बेटे ग्लेशियर के बहाव के बाद लापता हैं। इनके नाम भानू प्रताप, गजेंद्र पवैया, सोनू लोधी और राकेश लोधी हैं।

Dharmendra kumar
Published on: 8 Feb 2021 11:22 PM IST
उत्तराखंड तबाही: एमपी में मचा कोहराम, लापता हुए इतने युवक
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सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुताबिक अभी तक कुल 29 शव बरामद हुए हैं बाक़ी लोगों की ढूंढने का काम तेज़ी से किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज भी फ़ोन आया था।

शिवपुरी: उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने के बाद भारी तबाही मची है। इस तबाही में 100 से अधिक लोग लापता हैं। उत्तराखंड के अलावा कई राज्यों के लोग लापता हो गए हैं। इनमें मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के भी 4 युवक लापता हैं। यह चारों युवक पावर प्लांट में मजदूरी करने के लिए चमोली गए थे। कंपनी ने परिवार को लापता को युवकों की सूचना दी है और उन्हें चमोली बुलाया है।

उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा की वजह से लापात शिवपुरी के युवकों के परिवार में कोहराम मचा हुआ है। इन चारों परिवार के बेटे ग्लेशियर के बहाव के बाद लापता हैं। इनके नाम भानू प्रताप, गजेंद्र पवैया, सोनू लोधी और राकेश लोधी हैं। यह युवक शिवपुरी जिले के सतनवाड़ा और नरवर के निवासी हैं। परिजनों ने यह बताया कि यह चारों युवक ओम कंपनी में वेल्डिंग का काम करते थे। इस कम्पनी का प्लांट चमोली में है।

कंपनी की तरफ से दी गई जानकारी

परिवार ने कहा कि युवक पावर प्लांट में बेल्डिंग के काम के लिए चमोली गए थे। उन्होंने बताया कि सोमवार सुबह कंपनी ने टेलिफोन पर चारों के लापता होने की जानकारी परिवार को दी। इसके साथ ही कि वो तुरंत उत्तराखंड आ जाएं। सूचना मिलते ही परिवारों ने नरवर थाने में खबर दी और फौरन उत्तराखंड के लिए चले गए। 4 लापता युवकों में भानु प्रताप और गजेंद्र सिंह सतनवाड़ा के धमकन गांव के रहने वाले हैं, तो वहीं सोनू और राकेश लोधी नरवर के निवासी हैं।

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चमोली गया परिवार

परिजनों ने बताया कि यह कंपनी शिवपुरी जिले के मड़ीखेड़ा डैम में काम करने के लिए आई थी उसी समय से यह चारों उसमें काम कर रहे थे। जब कंपनी यहां से वापस चमोली गई तो चारों कंपनी के साथ काम करने के लिए चले गए। तब से ये सभी उसी कंपनी में वेल्डिंग का काम कर रहे थे।

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उत्तराखंड ग्लेशियर टूटने की जानकारी मिलने के बाद से ही परिवार को डर सता रहा था। उनका डर तब सही साबित हो गया जब सुबह कंपनी ने फोन पर उन्हें जानकारी दी। खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया और वह उत्तराखंड के लिए रवाना हो गए।

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