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फिर मदद को आगे आईं स्मृति ईरानी, विदेश मंत्री को लिखा पत्र
स्मृति ईरानी ने पत्र में लिखा कि इन्होंने अपने पुत्र अभयराज सिंह का शव और बहू व पौत्र को वापस स्वदेश लाने का अनुरोध किया है।
केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी के लोगों के लिए हमेशा आगे आई हैं। इसी का परिणाम ये है कि अब यहां के लोग अपनी हर समस्या के समाधान के लिए तुरंत अपनी सांसद महोदया और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के पास पहुंच जाते हैं। और उन्हें उसका संतुष्ट परिणाम भी मिलता है। ऐसे ही एक बार फिर स्मृति ईरानी द्वारा अपने संसदीय क्षेत्र के एक नागरिक की मदद करने की खबर सामने आ रही है।
दरअसल अमेठी के रहने वाले एक युवक की दक्षिण अफ्रीका के तंजानिया में मलेरिया बीमारी से मौत हो गई। जिसके बाद युवाक के परिजनों ने अपने बेटे के शव को भारत लाने के लिए अपनी सांसद महोदया को पत्र लिख कर अपनी समस्या से रूबरू कराया। जिसके बाद केंद्रीय मंत्री और सांसद स्मृति ईरानी ने मामले को संज्ञान में लेते हुए विदेश मंत्री को युवक के शव को भारत लाने के लिए सहायता का अनुरोध किया।
मदद को आगे आईं स्मृति ईरानी, विदेश मंत्री को लिखा पत्र
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों की हर संभव मदद के लिए तत्पर रहती हैं। इसी के चलते युवक के शव को भारत लाने के लिए युवक के परजनों की गुहार को सुनते हुए स्मृति ईरानी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिख कर मामले से अवगत कराते हुए मदद के लिए अनुरोध किया। ईरानी ने विदेश मंत्री को भेजे पत्र में लिखा कि उनके संसदीय क्षेत्र में कोरारी गिरधरशाह, अमेठी के निवासी रमेश चंद्र सिंह का पत्र संलग्न सहित प्रेषित कर रही हूं। स्मृति ईरानी ने पत्र में लिखा कि इन्होंने अपने पुत्र अभयराज सिंह का शव और बहू व पौत्र को वापस स्वदेश लाने का अनुरोध किया है।
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अभयराज की मृत्यु मलेरिया बीमारी के इलाज के दौरान तंजानिया अस्पताल में हो गई है। आपसे अनुरोध है कि रमेश चंद्र सिंह के प्रार्थनापत्र पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर इनके पुत्र का शव और बहू व पौत्र को स्वदेश लाने में सहयोग का कष्ट करें। अमेठी के स्थानीय ब्लॉक के गांव कोरारी गिरधरशाह निवासी रमेशचंद्र सिंह का पुत्र अभयराज सिंह (38) दक्षिण अफ्रीका के तंजानिया स्थित एक इंडियन स्कूल दार ईएस सलाम में खेल शिक्षक थे।
अचानक तबियत बिगड़ने पर अस्पताल में किया गया था भर्ती
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मृतक अभयराज के अलावा अभयराज की पत्नी रुचि सिंह भी इसी स्कूल में संस्कृत विषय की शिक्षिका हैं। शिक्षक दंपती के साथ उनका पुत्र देव आदित्य प्रताप सिंह (9) भी वहीं रहता है। शुक्रवार को तंजानिया में अभयराज की अचानक तबियत बिगड़ी। जिसके बाद विद्यालय के सहयोगियों एवं पत्नी द्वारा उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन वहां उन्हें बचाया नहीं जा सका। और रविवार रात को उनकी मौत हो गई। घटना की सूचना मिलने के बाद गांव में रह रहे पिता रमेशचंद्र, माता पुष्पा देवी, छोटे भाई अनुराग सिंह सहित अन्य परिवारीजनों का रो-रोकर हाल बेहाल है। अब इस परिवार को अंतिम आस जिले की सांसद स्मृति ईरानी और प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ से ही बची।