TRENDING TAGS :
साल का पहला सूर्य ग्रहण, 500 साल बाद बन रहा ऐसा संयोग, मच सकती है तबाही
रविवार को सूर्य ग्रहण को लगने जा रहा है। यह ग्रहण सुबह 9 बजकर 15 मिनट से शुरू होगा और दोपहर 3 बजकर 4 मिनट तक रहेगा। यह ग्रहण मंगल के नक्षत्र में पड़ेगा।
लखनऊ: रविवार को सूर्य ग्रहण को लगने जा रहा है। यह ग्रहण सुबह 9 बजकर 15 मिनट से शुरू होगा और दोपहर 3 बजकर 4 मिनट तक रहेगा। यह ग्रहण मंगल के नक्षत्र में पड़ेगा। ज्योतिर्विदों का कहना है कि भारत समेत कई देशों पर इस सूर्य ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि 21 जून को लगने जा रहा सूर्य ग्रहण अत्यंत दुर्लभ है।
ज्योतिर्विदों के मुताबिक सामान्य तौर पर सूर्यग्रहण का प्रभाव ग्रहण से एक सप्ताह पूर्व और एक महीने बाद तक रहता है। कुछ मान्यताओं में 3 महीने तक सूर्यग्रहण का प्रभाव रहने की बात की जाती है।
सांसारिक ज्योतिष में ग्रहण का विशेष महत्व होता है। ग्रहण के दौरान अत्याधिक ऊर्जा उत्पन्न होती है जिससे मानव जीवन प्रभावित होती है। ज्योतिष ग्रंथ बृहत्संहिता के मुताबिक अगर एक ही महीने में दो ग्रहण, एक सौर और एक चंद्र, घटते हैं तो यह हानिकारक सिद्ध हो सकते हैं। युद्ध जैसी स्थिति की संभावना बढ़ जाती है।
यह भी पढ़ें...सिर्फ कुछ घंटे बाद लगेगा सूर्य ग्रहण, जान लें कब क्या खाएं, क्या न खायें
वायु तत्व की राशियों मिथुन, तुला और कुंभ में घटने वाला ग्रहण चक्रवात तथा अन्य देशों के साथ विवाद को बढ़ाता है। 21 जून यानी रविवार को साल का पहला सूर्यग्रहण मिथुन राशि में लगने जा रहा है। इस राशि में ग्रहण लगने से चक्रवात तथा अन्य देशों के साथ विवाद का खतरा उतपन्न हो सकता। इस स्थिति में विमान दुर्घटनाग्रस्त होने की भी संभावना रहती है।
यह भी पढ़ें...Solar Eclipse शुभ-अशुभ संकेत: जब दिखाई दें ऐसा सूर्य तो समझ लेना आ गई मौत
500 सालों के अंतराल के बाद ऐसा संयोग
सूर्य ग्रहण के दिन राहु और केतु के साथ ही चार ग्रह- शनि, बृहस्पति, शुक्र और बुध प्रतिगामी गति यानी वक्री होंगे जिसकी वजह से सीमा पर सैन्य अस्थिरता बनी रहेगी। यह अद्वितीय स्थिति जहां 6 ग्रह एक ही समय में वक्री होंगे। करीब 500 सालों के अंतराल के बाद यह स्थिति सामने आएगी।
अशुभ समाचार मिल सकता है
इस ग्रह की दूसरी सबसे बड़ी बात यह है कि ग्रहों के राजा और रानी सूर्य और चंद्र दोनों मिथुन राशि में राहु के साथ विराजमान होंगे और शनि, मंगल से बुरी तरह पीड़ित होंगे। यह स्थिति दर्शाती है कि सरकार को कठोर निर्णय लेने की जरुरत पड़ेगी। पीड़ित राहु और केतु युद्ध की उन्माद का बढ़ सकता है। इस योग की वजह से अगले कुछ महीनों में कोई अशुभ समाचार मिल सकता है।
यह भी पढ़ें...सूर्य ग्रहणः देश में कहां कहां, कितने समय रहेगा ग्रहण, देखें यहां
सूर्यग्रहण भारत की कुंडली के दूसरे भाव में स्थित
मिथुन राशि में घटित होने वाला सूर्यग्रहण भारत की कुंडली के दूसरे भाव में स्थित है। ग्रहण का यह 2-8 अक्ष अत्यधिक अशुभ है जिसके कारण गुप्त शत्रुओं से भारत को खतरा पैदा होगा। चीन गुरिल्ला युद्ध कर सकता है। चीन भारत पर हवाई हमले भी कर सकता है। चीनी के इस हवाई हमलों के खिलाफ भारतीय सेना और वायु सेना की सीमा पर तैनाती बढ़ा दी जाएगी। दोनों देशों के रिश्ते पर इसका असर काफी दिनों तक पड़ेगा।