TRENDING TAGS :
Parliament Special Session: सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी, संसद के विशेष सत्र का पूछा एजेंडा
Parliament Special Session:कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस बाबत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर दबाव बढ़ा दिया है। उन्होंने पीएम मोदी को लिखी गई चिट्ठी में पूछा है कि आखिर इस विशेष से सत्र को किस कारण से बुलाया गया है।
Parliament Special Session: मोदी सरकार की ओर से संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने का एजेंडा अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है। विपक्ष की ओर से लगातार सरकार से मांग की जा रही है कि सरकार 18 सितंबर से बुलाए गए संसद के विशेष सत्र का एजेंडा बताए। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस बाबत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर दबाव बढ़ा दिया है। उन्होंने पीएम मोदी को लिखी गई चिट्ठी में पूछा है कि आखिर इस विशेष से सत्र को किस कारण से बुलाया गया है।
केंद्रीय संसदीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने पिछले दिनों 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाने की जानकारी दी थी। हालांकि उन्होंने भी अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि इस विशेष सत्र को बुलाने का मकसद क्या है। इसे लेकर पिछले कुछ दिनों से तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। माना जा रहा है कि संसद के विशेष सत्र के दौरान मोदी सरकार ने कुछ बड़ा कदम उठाने का प्लान बना रखा है।
सरकार ने सहमति बनाने का नहीं किया प्रयास
पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी में सोनिया ने कहा है कि अभी तक विपक्ष को सरकार की ओर से बुलाए गए विशेष सत्र के एजेंडे की जानकारी नहीं है। आमतौर पर विशेष सत्र बुलाने से पहले बातचीत करके आम सहमति बनाने की कोशिश की जाती है। ऐसा पहली बार हुआ है जब सरकार की ओर से विशेष सत्र बुलाने से पहले आम सहमति बनाने की कोई कोशिश नहीं की गई। सरकार की ओर से अभी तक इसका एजेंडा भी स्पष्ट नहीं किया गया है।
कांग्रेस नेता ने उठाए महत्वपूर्ण मुद्दे
उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि इस विशेष सत्र के दौरान पांचों दिन सरकारी कामकाज के लिए तय किए गए हैं। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने अपनी चिट्ठी में नौ प्रमुख मुद्दों का भी जिक्र किया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने पत्र में महंगाई, बेरोजगारी, किसाने की मांग, अडानी मुद्दे पर जेपीसी जांच की मांग, केंद्र राज्य संबंध, जातीय जनगणना, एमएसएमई, सीमा पर चीन की चुनौती और सामाजिक सद्भाव का मुद्दा उठाया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम मोदी से उम्मीद जताई कि सरकार की ओर से विशेष सत्र का एजेंडे का जल्द से जल्द खुलासा किया जाएगा।
इंडिया की बैठक में भी सरकार से की गई मांग
इससे पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे के आवास पर हुई इंडिया गठबंधन की बैठक में भी सरकार से एजेंडा बताने की मांग की गई थी। मंगलवार को रात्रिभोज पर हुई इस बैठक के बाद कांग्रेस नेता गौरव गोगोई का कहना था कि संसद के विशेष सत्र में काफी कम समय बचा है मगर अभी तक सरकार की ओर से इसका एजेंडा नहीं बताया गया है। उनका कहना था कि सरकार को विशेष सत्र का एजेंडा बताते हुए अपने कामकाज में पारदर्शिता लानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन में शामिल सभी दल संसद सत्र के दौरान रचनात्मक भूमिका निभाना चाहते हैं। मौजूदा समय में देश के सामने कई महत्वपूर्ण मुद्दे हैं और सरकार को इन मुद्दों का समाधान करने की दिशा में ठोस पहल करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन में शामिल पार्टियों का मानना है कि सरकार विपक्ष की एकजुटता से घबरा गई है। उन्होंने आगे भी विपक्ष में एकता बनाए रखने और लोकसभा चुनाव में भाजपा को शिकस्त देने की बात कही।
देश के महत्वपूर्ण मुद्दों पर कांग्रेस का मंथन
इस बीच कांग्रेस सांसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी की अगुवाई में मंगलवार को हुई महत्वपूर्ण बैठक के दौरान संसद के विशेष सत्र के दौरान पार्टी की रणनीति पर गहराई से मंथन किया गया। इस बैठक के दौरान देश के सामने मौजूद महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा की गई।
बैठक में मुख्य रूप से महंगाई, बेरोजगारी, देश के सामने मौजूद आर्थिक चुनौतियों, भारी बारिश के कारण हिमाचल प्रदेश में हुए नुकसान, सीमा पर बढ़ती चुनौती, मणिपुर के हालात और अडानी से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई। चर्चा के दौरान कांग्रेस नेताओं की राय थी कि संसद के विशेष सत्र के दौरान इन मुद्दों पर चर्चा की जानी चाहिए जो देश के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं।
विशेष सत्र का बायकॉट नहीं करेगा विपक्ष
राज्यसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक जयराम रमेश ने कहा कि इंडिया गठबंधन नेता किया है कि संसद के विशेष सत्र का बायकॉट नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संसद के विशेष सत्र के दौरान पार्टी की ओर से उन मुद्दों पर चर्चा के लिए दबाव बनाया जाएगा जो देश के लिए महत्वपूर्ण हैं। हम पांच दिनों तक संसद में बैठकर मोदी चालीसा नहीं सुनने वाले हैं।
उन्होंने सवाल किया कि क्या संसद में हमारी मौजूदगी सिर्फ वाहवाही करने और प्रधानमंत्री का गुणगान सुनने के लिए है? हम संसद में मोदी चालीसा नहीं सुनेंगे बल्कि मांग करेंगे कि सरकार को सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए।