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श्रीलंका के हिंदुओं को बचाने के लिए मोदी सरकार से की गयी ये मांग
श्रीलंका में बसे हिंदुओं को भारत के तीर्थस्थलों के दर्शन के लिए दोनों देशों के बीच के बंदरगाहों पर पानी के जहाज की व्यवस्था की मांग की गयी है।
लखनऊ: श्रीलंका में बसे हिंदुओं को भारत के तीर्थस्थलों के दर्शन के लिए दोनों देशों के बीच के बंदरगाहों पर पानी के जहाज की व्यवस्था की मांग की गयी है। दरअसल, भारत सरकार और श्रीलंका सरकार के बीच औपचारिक रूप से इस सेवा को मंजूरी दी जा चुकी है। हालाँकि श्रीलंका के हिंदुओं को कांकेशंथुराई बंदरगाह के जरिये केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में स्थित कराईकल बन्दरगाह के बीच शिपिंग सेवा के लिए जहाज की आवश्यकता है। इसी को लेकर आर्थिक सलाहकार डॉ एनके सिंहा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पत्र लिख कर जहाज सेवा उपलब्ध कराने का प्रस्ताव भेजा है। वहीं श्रीलंका के हिंदू स्ट्रग्ल कमेटी के अध्यक्ष के. सचिथ्नान्थान ने भी इसकी मांग उठाई है।
श्रीलंका के हिंदुओं को भारत आगमन के लिए पानी की जहाज की जरूरत:
दरअसल, यूटी आर्थिक सलाहकार डॉ. एनके सिन्हा ने मोदी सरकार को एक प्रस्ताव भेजा है। इस प्रस्ताव के तहत भारत सरकार से अनुरोध किया गया कि एक जहाज प्रदान किया जाए या इस सेवा के लिए जहाज किराए पर देने की व्यवस्था की जाये। इसके लिए डॉ सिन्हा 13 जनवरी से दिल्ली में हैं। उनकी उम्मीद है कि होली से पहले इस योजना को शुरू किया जा सके। इसके बाद श्रीलंका के हिंदू तीर्थयात्री भारत आ सकेंगे।
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भारत सरकार से यात्री जहाज की उठी मांग:
बता दें कि भारत और श्रीलंका की सरकारों ने उत्तरी श्रीलंकाई बंदरगाह कांडियानथुराई के और केंद्र शासित प्रदेश पांडिचेरी के निकटतम भारतीय बंदरगाह कराईकल के बीच शिपिंग सेवाएं प्रदान करने के प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की है। हालाँकि श्रीलंका में अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सुरक्षा मानकों के साथ एक यात्री जहाज की न होने से यात्रियों को अब तक इस सुविधा का फायदा नहीं मिल रहा है।
श्रीलंका के हिंदू कबूल रहे इस्लाम धर्म:
गौरतलब है कि जंग के बाद बुरे हालातों से गुजरे गरीब हिंदुओं को अब्राहिम धर्म से जोड़ा गया। ऐसे में श्रीलंका के हिंदू बाहुल्य क्षेत्रों में हिंदुओं की स्थिति खराब होती चली गयी। इतना ही नहीं हाल ही में ईस्टर सन्डे के हमले में मारे गये आतंकियों ने एक हिंदू भी था, जिसने इस्लाम काबूल कर लिया था।
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भारत के तीर्थ स्थलों से श्रीलंका के हिंदुओं को जोड़ने की कवायद:
ऐसे में इस बात की मांग उठी कि श्रीलंका के हिंदुओं के 5 हजार पुराने विश्वास को बनाये रखे के लिए भारत के मंदिरों में तीर्थ यात्रा का मौका दिया जाएँ। बता दें कि भारत में श्रीलंका के हिंदुओं के लिए सबसे करीबी और प्रमुख तीर्थ स्थल तमिलनाडु का चिदंबरम है। वहीं हवाई यात्रा श्रीलंका के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के हिंदुओं के लिए अकल्पनीय है।
भारत के पास समुद्री यात्री जहाज हैं जो नियमित रूप से अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में भारतीय द्वीप क्षेत्रों के साथ मुख्य भूमि को जोड़ते हैं। अपील की गयी कि श्रीलंकाई हिंदुओं को तीर्थयात्रा सेवाएं प्रदान करने के लिए जहाजों की व्यवस्था की जाये, ताकि पवित्र चिदंबरम नटराज मंदिर में होंने वाले 10 दिवसीय उत्सव में वो शामिल हो सके।