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SBI की बल्ले-बल्ले! बंदी से पहले बैंक ने दिया ये बड़ा तोहफा
भारतीय स्टेट बैंक ने अपने ग्राहकों को बड़ा गिफ्ट दिया है। बता दें भारतीय स्टेट बैंक ये गिफ्ट ग्राहकों को त्योहारों से पहले ही देगा। गिफ्ट के रूप में भारतीय स्टेट बैंक ने सोमवार को एमएसएमई, हाउसिंग और रिटेल लोन के सभी फ्लोटिंग रेट लोन के लिए एक्सटर्नल बेंचमार्क के रूप में रेपो रेट को अपनाने का फैसला किया है।
नई दिल्ली : भारतीय स्टेट बैंक ने अपने ग्राहकों को बड़ा गिफ्ट दिया है। बता दें भारतीय स्टेट बैंक ये गिफ्ट ग्राहकों को त्योहारों से पहले ही देगा। गिफ्ट के रूप में भारतीय स्टेट बैंक ने सोमवार को एमएसएमई, हाउसिंग और रिटेल लोन के सभी फ्लोटिंग रेट लोन के लिए एक्सटर्नल बेंचमार्क के रूप में रेपो रेट को अपनाने का फैसला किया है। बैंक द्वारा लागू किया गया ये बदलाव 1 अक्टूबर 2019 से लागू होगा। जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय स्टेट बैंक भारत का दूसरा सबसे बड़ा बैंक है।
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भारतीय रिजर्व बैंक
इसके साथ ही बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 4 सितंबर 2019 को बैंकों को सभी रिटेल लोन फ्लोटिंग रेट्स पर शिफ्ट करने का आदेश दिया था। फ्लोटिंग रेट्स एक्सटर्नल बेंचमार्क्स जैसे रेपो रेट के जरिए तय होंगे।
भारतीय स्टेट बैंक ने स्वेच्छा से मिडियम एंटरप्राइजेज के लिए एक्सटर्नल बेंचमार्क पर डिपेंड लोन को बढ़ावा दिया है। इससे एमएसएमई सेक्टर को भी बढ़ावा मिलेगा। इससे पहले एसबीआई ने 1 जुलाई 2019 को फ्लोटिंग रेट होम लोन को पेश किया था। इस योजना में कुछ बदलाव किए गए हैं और इन बदलावों के साथ 1 अक्टूबर 2019 से नई योजना लागू हो जाएगी।
बेंचमार्क में भारतीय रिजर्व बैंक का रेपो रेट, फाइनेंशियल बेंचमार्क्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एफबीआईएल) की ओर से प्रकाशित भारत सरकार के 3 महीने के ट्रेजरी बिल पर दिया जाने वाला रेट, एफबीआईएल की ओर से प्रकाशित भारत सरकार के 6 महीने के ट्रेजरी बिल पर दिया जाने वाला रेट और एफबीआईएल की ओर से प्रकाशित कोई दूसरा बेंचमार्क रेट शामिल है। भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि बैंक इनमें से किसी भी एक्सटर्नल बेंचमार्क लोन ऑफर कर सकते हैं।
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1 अक्टूबर से होगें ये बदलाव
भारतीय स्टेट बैंक डिजिटल मोड से आरटीजीएस और एनईएफटी के जरिए ट्रांजेक्शंस को चार्ज-फ्री कर चुका है। जो 1 जुलाई से लागू हो गया है। इसके साथ ही भारतीय स्टेट बैंक ब्रांच में एनईएफटी/आरटीजीएस के जरिए ट्रांजेक्शन की लागत भी घट गई है।
1 अक्टूबर से बैंक ब्रांच में एनईएफटी/आरटीजीएस से ट्रांजेक्शन पर चार्ज इस तरह होंगे। 10 हजार रुपये के ट्रांजेक्शंस पर कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा। एसबीआई के एटीएम शुल्क भी 1 अक्टूबर से बदल सकते हैं।
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