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यहां लोगों ने मेडिकल टीम और पुलिस पर किया पथराव, कोरोना संदिग्ध की जांच...
कोरोना वायरस के चलते बिहार में प्रशासन बेहद सक्रिय है। किसी भी संदिग्ध को होम क्वारंटीन में रखने और उसके सैंपल की जांच पर पूरा जोर है। हालांकि, बुधवार को मुंगेर में संदिग्ध मरीजों की जांच के लिए पहुंची मेडिकल टीम पर हमला हो गया। यहां एक बच्ची की मौत के बाद टीम उसके परिवार को होम क्वारंटीन में रखने और जांच के लिए गई थी
मुंगेर कोरोना वायरस के चलते बिहार में प्रशासन बेहद सक्रिय है। किसी भी संदिग्ध को होम क्वारंटीन में रखने और उसके सैंपल की जांच पर पूरा जोर है। हालांकि, बुधवार को मुंगेर में संदिग्ध मरीजों की जांच के लिए पहुंची मेडिकल टीम पर हमला हो गया। यहां एक बच्ची की मौत के बाद टीम उसके परिवार को होम क्वारंटीन में रखने और जांच के लिए गई थी। हंगामा होने के बाद जब पुलिस बुलाई गई थी तो उसकी गाड़ी पर भी स्थानीय लोगों ने पथराव किया। सख्ती बरतने और इलाके के बड़े-बुजुर्गों के समझाने के बाद, परिवार के लोग मेडिकल टीम के साथ जाने को तैयार हुए। बिहार में कोरोना वायरस की जांच को लेकर पत्थरबाजी का ये कोई पहला मामला नहीं है। दिल्ली में तबलीगी जमात में हिस्सा लेने वालों की तलाश में मधुबनी की मस्जिद में तहकीकात करने गई पुलिस पर भी पथराव हुआ था। फायरिंग की भी जानकारी सामने आई थी।
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मिली जानकारी के अनुसार, कासिम बाजार थाने के हजरतगंज वाड़ा की गली नंबर 15 में सोमवार रात 8 वर्षीय बच्ची की मौत हो गयी थी। शव को कोरोना संदिग्ध मानकर मेडिकल टीम ने दफना दिया था। खतरे को देखते हुए सदर अस्पताल की एक मेडिकल टीम वहां जांच के लिए भेजा गया था। जब टीम वहां परिवार की जांच के लिए पहुंची तो उसका विरोध होने लगा। लोग आरोप लगा रहे थे कि मेडिकल टीम जहां जांच के लिए ले जाती है, वहां ना तो रहने की ठीक व्यवस्था है ना खाने की। उनका तर्क था कि बच्ची की मौत जब कोरोना से नहीं हुई तो पूरे परिवार को लेने मेडिकल टीम क्यों आई है।
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मेडिकल टीम ने भारी विरोध देखकर पुलिस को खबर की। मौके पर पुलिस की गाड़ी पहुंची। अभी समझाना-बुझाना चल ही रहा था कि उग्र होकर भीड़ ने मेडिकल टीम पर हमला कर दिया। टीम के सदस्य जब बचने के लिए एंबुलेंस में घुस गए तो उसपर पथराव शुरू हो गया। पुलिस की गाड़ी का शीशा इस पत्थरबाजी में टूट गया। जानकारी मिलने पर थानाध्यक्ष शैलेश कुमार दल-बल के साथ पहुंचे और लोगों को समझा-बुझा कर शांत किया. उन्होंने कोरोना वायरस महामारी से बचाव में सहयोग की अपील की। इसके बाद मोहल्ले के कुछ बड़े सामने आए और संदिग्ध परिवार को बाहर निकलवाया। बच्ची के माता-पिता और उसके चार भाई-बहन को जांच के लिए जीएनएम स्कूल ले जाया गया।