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ताबड़तोड़ चले पत्थर: दहशत में बदल गई तिरंगा यात्रा, कांप उठे लोग

गणतंत्र दिवस के मौके पर नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में रविवार को तिरंगा यात्रा निकाली गयी। इस दौरान सीएए का विरोध करने वाले लोग भी बड़ी संख्या में तिरंगा यात्रा के सामने आ गये, जिसके बाद दोनों पक्षों में झडप हो गयी और मारपीट और पथराव शुरू हो गया।

Shivani Awasthi
Published on: 27 Jan 2020 4:35 AM GMT
ताबड़तोड़ चले पत्थर: दहशत में बदल गई तिरंगा यात्रा, कांप उठे लोग
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जबलपुर: गणतंत्र दिवस के मौके पर नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में रविवार को तिरंगा यात्रा निकाली गयी। इस दौरान सीएए का विरोध करने वाले लोग भी बड़ी संख्या में तिरंगा यात्रा के सामने आ गये, जिसके बाद दोनों पक्षों में झडप हो गयी और मारपीट और पथराव शुरू हो गया। लोगों ने वाहनों में तोड़फोड़ भी की। सूचना पर पुलिस ने हालात पर काबू पाने का प्रयास करते हुए बल प्रोग किया और आंसू गैस के गोले प्रदर्शनकारियों पर छोड़े।

जबलपुर में सीएए के समर्थक और विरोध करने वाले भिड़े:

मामला, मध्य प्रदेश के जबलपुर का है, जहां रविवार को आधारताल इलाके से सीएए के समर्थन में तिरंगा यात्रा निकाली जा रही थी, इस दौरान सीएए का विरोध करने वालों ने समर्थकों को रोक लिया। इस पर दोनों पक्षों में विवाद होने लगा और पथराव शुरू हो गया।

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इस बारे मे पुलिस ने बताया कि दोनों ओर से हुए पथराव के बाद मामला इतना बढ़ गया कि अतिरिक्त सुरक्षाबलों को तैनात करना पड़ा। पुलिस ने बताया कि हालात बिगड़ने के बाद आंसू गैस के गोले छोड़कर प्रदर्शनकारियों खदेड़ा गया। सीएए के समर्थन में निकाली जा रही रैली को पुलिस ने बैरीकेड लगाकर आगे बढ़ने से रोक दिया।

सीएए समर्थक धरने पर बैठे लोगों के सामने से निकालना चाहते थे तिरंगा यात्रा:

बताया जा रहा है कि सीएए के समर्थन में तय कार्यक्रम के मुताबिक हाथों में तिरंगा लेकर सैकड़ों लोग अधारताल से जैसे ही रद्दी चौकी की तरफ बढ़ने लगे तो पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। समर्थक इस बात पर अड़े थे कि पास में ही सीएए के विरोध में चल रहे धरने के पास से उन्हें यात्रा निकालने की अनुमति मिले। हालंकि पुलिस की रोक के कारण प्रदर्शनकारियों की काफी देर तीखी नोकझोंक होती रही। तभी सीएए का विरोध करने वाले भी वहां पहुंच गए।

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जानकारी के मुताबिक, इस दौरान महिलाओं के बीच भी विवाद होने लगा और पत्थरबाजी शुरू हो गयी, इससे कई गाड़ियां टूट गयीं। बता दें कि कानून का विरोध और समर्थन करने वालों में बड़ी संख्या में बुजुर्ग और महिलाएं शामिल थीं।

पुलिस ने छोड़े आंसू गैस के गोले:

नागरिकता संशोधन कानून का विरोध और समर्थन करने वालों के उग्र तेवर को देखते हुए पुलिस ने मोर्चा संभाला और भीड़ को हटाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ना शुरू कर दिया। पुलिस ने रद्दी चौकी से करीब एक किमी दूर बैरिकेड लगाकर रैली को रोक दिया। वहीं क्षेत्र के हालात नाजुक देख बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात की गयी है।

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Shivani Awasthi

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