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Manipur Violence: 'दो दिन से राज्य में हिंसा नहीं, सामान्य स्थिति हो रही बहाल', केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा
Manipur Violence: मणिपुर हिंसा पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने पूछा, 'जो लोग विस्थापित हुए हैं क्या सरकार उन्हें वापस उनका स्थान या घर दिलाएगी? सॉलिसिटर जनरल ने कहा, सामान्य स्थिति फिर से शुरू होने दें।
Manipur Violence: पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में हिंसा मामले पर सोमवार (08 मई) को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई हुई। सर्वोच्च न्यायालय ने अहम टिप्पणी की। शीर्ष अदालत ने कहा, कि 'राष्ट्रपति के पास किसी जनजाति (Tribe) को एसटी के रूप में पहचानने, उसकी सिफारिश करने की शक्ति होती है। ये शक्ति हाईकोर्ट (Manipur High Court on ST) के पास नहीं है। इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (SG Tushar Mehta) ने कहा, 'राज्य सरकार की ओर से कदम उठाए गए हैं। केंद्र भी निगरानी कर रहा है। स्थितियों पर लगातार नजर है।'
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र और मणिपुर सरकार ने बताया कि, राज्य में कल (रविवार) और आज (सोमवार) को कर्फ्यू में ढील दी गई। दोनों दिन वहां हिंसा की कोई वारदात नहीं हुई। केंद्र और राज्य सरकार की ओर से पेश SG तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत को बताया कि, सीएपीएफ (Central Armed Police Force) के 35 जवान नियुक्त किए गए हैं। अर्धसैनिक बल और सेना भी तैनात है। राज्य में 48 घंटे के भीतर कोई हिंसा नहीं हुई है। सामान्य स्थिति बहाल हो रही है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, 'यह मानवीय संकट है। कोर्ट ने केंद्र और राज्य से राहत शिविरों में आवश्यक इंतजाम करने को कहा।
CJI ने पूछा-...तो विस्थापितों का क्या?
सुप्रीम कोर्ट में तुषार मेहता ने कहा, 'हिंसाग्रस्त क्षेत्र में हेलीकॉप्टर और ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। लोगों को घर और खाना देने के लिए राहत शिविरों में ले जाया गया है। वहां सेना तथा अर्धसैनिक बल काम कर रहे हैं। वे सफलतापूर्वक अंजाम दे रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट से गुजारिश की 10 दिन बाद इस मामले पर सुनवाई करें। इस पर सीजेआई ने कहा, विस्थापितों का क्या? क्या सरकार उपाय कर रही है ताकि वे अपने स्थान पर पहुंचें। तुषार मेहता बोले, बिना किसी रुकावट के और सुरक्षित तरीके से यह करना सरकार कि प्राथमिकता है।
'सरकार जो कह रही है, वो बात सही नहीं'