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वकीलों को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की फंड बनाने की मांग
वकीलों की एक टीम सुप्रीम कोर्ट इस मांग के साथ पहुंची कि काम न होने से आर्थिक परेशानी का सामना कर रहे वकीलों की मदद के लिए एक फंड बनाया जाए।
नई दिल्ली: पूरा देश इस समय कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रहा है। देश में आए दिन कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या के चलते सरकार ने पूरे देश में देशव्यापी लॉकडाउन लागू कर रखा है। ये लॉकडाउन पूरे देश में 3 मई तक लागू रहेगा। ऐसे में देश सारी सेवायें और सुविधाएं बाधित हैं। सारे काम काज, कार्यालय, तहसील सब बंद हैं। ऐसे में कई लोग अपने काम पर नहीं जा पा रहे हैं। जिसके चलते उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे देश के वकीलों ने भी सुप्रीम कोर्ट से अपने लिए एक फंड की मांग की थी। जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
कोर्ट ने खारिज की फंड बनाने की मांग
देश में पिछले एक महीने से ज्यादा समय से लागू लॉकडाउन के चलते अब कई लोगों को दिक्कतों का समना करना पड़ रहा है। देश में सरे काम काज बंद होने के चलते अब कई लोगों के सामने आर्थिक समस्याएं आने लगीं हैं। ऐसे में सरकार ने गरीबों व मजदूरों के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा भी की है। लेकिन अब देश में कानून के रक्षक कानून के ज्ञाता यानी बकीलों ने भी सुप्रीम कोर्ट से अपने लिए एक फंड बनाने की मांग की थी। वकीलों की एक टीम सुप्रीम कोर्ट इस मांग के साथ पहुंची कि काम न होने से आर्थिक परेशानी का सामना कर रहे वकीलों की मदद के लिए एक फंड बनाया जाए।
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लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मदद के लिए फंड बनाने का आदेश देने से मना कर दिया। कोर्ट ने मांग को खारिज करते हुए कहा कि ऐसे समय में देश का हर तबका दिक्कत में है। ऐसे में वो सिर्फ वकीलों के लिए कोई आदेश कैसे दे सकते हैं। कोर्ट ने बार काउंसिल का जिक्र करते हुए कहा कि वकीलों के हित देखने के लिए बार काउंसिल है। वह इस मसले पर विचार करे।
मास्क डिस्पोज का मामला देख रहा NGT
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इसके अलावा कोर्ट ने उस याचिका पर भी अपना निर्णय सुनाया जिसमें याचिकाकरता द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे मास्क को सही तरीके से डिस्पोज करने की मांग की गई थीरे। इस याचिका के सन्दर्भ में कोर्ट ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय पहले ही दिशानिर्देश जारी कर चुका है। कोर्ट ने कहा कि हमें जो जानकारी है उसके अनुसार इस मसले पर NGT पहले से सुनवाई कर रहा है। उसे ही ये मामला देखने दिया जाए।