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Maharashtra Politics: महाराष्ट्र का सियासी मुद्दा पहुंचा बड़ी बेंच, 16 विधायकों की अयोग्यता का है मामला
Maharashtra Politics: सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय बेंच आज इस मामले पर अपना फैसला सुनाएगी। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने खुद इस बात की पुष्टि की है।
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में पिछले साल शिवसेना में हुई बगावत के बाद उद्धव ठाकरे गुट और एकनाथ शिंदे गुट की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल की गई थीं। इसके साथ ही शिवसेना से बगावत करने वाले 16 विधायकों की अयोग्यता के नोटिस का मामला भी शीर्ष अदालत के पास पहुंचा था। सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय बेंच आज इस मामले पर अपना फैसला सुनाया जाना था। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने खुद इस बात की पुष्टि की थी। लेकिन गुरुवार को ये मुद्दा सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच में भेज दिया गया। हांलाकि फैसले से पूर्व चुनाव आयोग की ओर से शिंदे गुट को असली शिवसेना बताया जा चुका है।
जिन विधायकों की अयोग्यता के संबंध में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आना है, उनमें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी शामिल है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का महाराष्ट्र की सियासत पर दूरगामी असर पड़ना तय है। सुप्रीम कोर्ट के इस महत्वपूर्ण फ़ैसले से पूर्व बुधवार से ही राज्य में सियासी हलचल काफी तेज हो गई है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुटों की ओर से फैसला अपने-अपने पक्ष में आने का दावा किया जा रहा है।
पिछले साल हुई थी उद्धव के खिलाफ बगावत
महाराष्ट्र में पिछले साल जून में बड़ा सियासी खेल हुआ था और एकनाथ शिंदे की अगुवाई में 40 विधायकों ने शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी थी। इसके परिणामस्वरूप पार्टी टूट गई थी और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी गठबंधन की सरकार गिर गई थी। बाद में शिंदे ने भाजपा के समर्थन से राज्य में नई सरकार का गठन किया था। शिंदे ने पिछले साल 30 जून को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी जबकि भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस को डिप्टी सीएम पद की शपथ दिलाई गई थी।
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महाराष्ट्र में हुई सियासी उठापटक के दौरान शिंदे खेमे में जाने वाले 40 विधायकों में से 16 विधायकों को अयोग्यता का नोटिस जारी किया गया था। जिन विधायकों को अयोग्यता का नोटिस जारी किया गया था, उनमें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी शामिल है। देश की शीर्ष अदालत ने इस साल मार्च में उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुटों की याचिकाओं पर सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। उद्धव ठाकरे गुट की याचिका में शिवसेना से बगावत करने वाले 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग भी शामिल थी।
संविधान पीठ आज सुनाएगी फैसला
सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ आज महाराष्ट्र के सियासी घमासान पर बड़ा फैसला सुनाने वाली है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ इस मामले में फैसला सुनाएगी। इस पीठ में जस्टिस एमआर शाह, जस्टिस हेमा कोहली, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस पीएस नरसिम्हा शामिल है। जस्टिस एमआर शाह 15 मई को रिटायर होने वाले हैं।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उद्धव और शिंदे गुटों के अलावा अन्य राजनीतिक दलों की निगाहें भी लगी हुई हैं। इस महत्वपूर्ण फैसले से महाराष्ट्र की सियासत की भावी दिशा तय होने वाली है। देश में अगले साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं और ऐसे में यह फैसला महाराष्ट्र की सियासत के लिए काफी अहम माना जा रहा है।
दोनों गुटों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी उम्मीदें
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पूर्व उद्धव और शिंदे गुटों की ओर से फैसला अपने-अपने पक्ष में आने का बड़ा दावा किया जा रहा है। शिवसेना के शिंदे गुट के नेता संजय शिरसाट ने कहा कि हमें जानकारी मिली है कि 16 विधायकों की अयोग्यता के संबंध में सुप्रीम कोर्ट महत्वपूर्ण फैसला सुनाने वाला है। हमें सुप्रीम कोर्ट के फैसले की चिंता नहीं है क्योंकि हमें लगता है कि शीर्ष अदालत का फैसला हमारे पक्ष में होगा। उन्होंने कहा कि जिन 16 विधायकों की अयोग्यता पर फैसला आने वाला है, उनमें मैं भी शामिल हूं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सबकुछ साफ हो जाएगा और सारी सच्चाई सामने आ जाएगी।
दूसरी ओर उद्धव ठाकरे गुट के नेता और सांसद संजय राउत ने कहा कि आज यह फैसला होगा कि देश संविधान के अनुसार चलता है या नहीं। सुप्रीम कोर्ट का फैसले से यह भी पता चलेगा कि हमारी न्याय व्यवस्था किसी दबाव में काम कर रही है या नहीं।
उन्होंने कहा कि देश संविधान के अनुसार चलता है और जो देश संविधान के अनुसार नहीं चलता उसकी हालत क्या होती है,इसे पाकिस्तान को देखकर समझा जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि यह देश संविधान के अनुसार चलना चाहिए और न्याय व्यवस्था को किसी भी प्रकार के दबाव में नहीं आना चाहिए।
अयोग्यता पर फैसला स्पीकर का विशेषाधिकार
इस बीच विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नारवेकर ने महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा कि विधायकों की अयोग्यता पर फैसला करना विधानसभा अध्यक्ष का विशेषाधिकार है। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका अपनी जिम्मेदारियों और कर्तव्यों से पूरी तरह अवगत है। उन्होंने कहा कि फैसला कुछ भी आए मगर मौजूदा राज्य सरकार के पास पूर्ण बहुमत है। उन्होंने कहा कि मेरे स्पीकर बनने के बाद राज्य की मौजूदा शिंदे सरकार फ्लोर पर बहुमत परीक्षण में कामयाब रही है। वही ठाकरे गुट के नेता आदित्य ठाकरे का कहना है कि हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है।
चुनाव आयोग की ओर से शिंदे गुट को असली शिवसेना बताए जाने के बाद अब सबकी निगाहें सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर लगी हुई है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला चाहे जिस भी गुट के पक्ष में जाए मगर इस फैसले से दूसरे गुट को बड़ा झटका लगना तय माना जा रहा है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के फैसले से महाराष्ट्र की सियासत की भावी दिशा भी तय होने वाली है।