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Bageshwar Dham Baba: गुजरात दौरे से पहले बागेश्वर बाबा को हीरा व्यापारी की चुनाौती, कही ये बड़ी बात

Bageshwar Dham Baba: सूरत के एक हीरा कारोबारी ने बाबा को चुनौती देते हुए कहा कि यदि हमें दरबार में आने की अनुमति मिलती है तो मौ पॉलिस किए हुए हीरो की थैली लेकर आऊंगा। अगर बाबा ने बता दिया कि थैले में कितना हीरा है तो ये थैला मैं उनकी चरणों में अर्पित कर दूंगा और उनके दैविय शक्ति को स्वीकार कर लूंगा।

Anant Shukla
Published on: 19 May 2023 7:29 PM IST (Updated on: 19 May 2023 7:33 PM IST)
Bageshwar Dham Baba:  गुजरात दौरे से पहले बागेश्वर बाबा को हीरा व्यापारी की चुनाौती, कही ये बड़ी बात
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surat diamond merchant challenged bageshwar dham baba (Photo-Social Media)

Bageshwar Dham Baba: बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जो बागेश्वर बाबा के नाम से काफी फेमस हैं। ये आए दिन किसी न किसी कारण से सुर्खियों में बने रहते हैं। अब धीरेंद्र शास्त्री गुजरात अहमदाबाद, सूरत एवं राजकोट में अपना दरबार लगाने जा रहे हैं। दौरे से पहले कुछ लोग उनका विरोध शुरू कर दिए हैं। सूरत के एक हीरा कारोबारी ने बाबा को चुनौती देते हुए कहा कि यदि हमें दरबार में आने की अनुमति मिलती है तो मौ पॉलिस किए हुए हीरों की थैली लेकर आऊंगा। अगर बाबा ने बता दिया कि थैले में कितना हीरा है तो ये थैला उनकी चरणों में अर्पित कर दूंगा और उनके दैविय शक्ति को स्वीकार कर लूंगा।

दरबार का करेंगे विरोध

व्यापारी का कहना है कि गुजरात में 22 तारीख से शुरू होने जा रहे बाबा धीरेंद्र शास्त्रा के दरबार का विरोध करेंगे। वहीं 26 और 27 को सूरत में दरबार लगेगा। व्यापारी ने कह कि बाबा के दरबार में चमत्कार, अंधविश्वास और उनकी दैवीय शक्ति के बारे में बताया जाता है, जिसका हम खुल कर विरोध करेंगे।

प्रोग्राम कैंसिल करने की मांग

व्यापारी ने कहा की हम सरकार को पत्र लिखकर उनके प्रोग्राम को कैंसिल करने की मांग करेंगे। उनके दरबार में भारी संख्या में लोग आ रहे हैं इसका मतलब सरकार सपोर्ट कर रही है। उसने कहा कि प्रत्येक जिले के कलेकटर को आवेदन दे कर सूरत, अहमदाबाद और राजकोट में दरबार को अस्वीकृत कराएंगे।

अंधविश्वास को लोग नहीं करेंगे स्वीकार

उसने कहा कि गुजरात के लोग ऐसे अंधविश्वास पर न कभी विश्वास किया है और न ही कभी करेंगे। कई आए और चले गए। उसने प्रमाण के रूप में धबूड़ी मां को नाम लिया कहा कि पहले उनके नाम की भी चर्चा होती थी, अब कोई नहीं पूछता। गुजरात के लोग जलाराम और सीताराम जैसे संतों को अपना आदर्श मानते हैं। उन्हे दिव्य दरबार और चमत्कार की जरूरत नहीं हैं।



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Anant Shukla

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