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सर्वे में सच आया सामनेः पीओके और गिलगित से क्यों भाग रहे लोग, ऐसा क्या है दर्द
सर्वे से सूचना मिली है कि जम्मू और लद्दाख में 5 में से 4 लोग और कश्मीर में 10 में से 7 लोग अपने क्षेत्र में जीवन से बहुत खुश हैं और मानते हैं कि वो अपने माता-पिता की पीढ़ी के मुकाबले ज़्यादा बेहतर जीवन जी रहे हैं।
भारत के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट और पाकिस्तान के लाहौर यूनिवर्सिटी ऑफ मैनेजमेंट साइंसेज़ ने मिलकर नियंत्रण रेखा के दोनों तरफ के कश्मीर के लोगों के जीवन शैली पर साझा सर्वे किया है।यह सर्वे जम्मू-कश्मीर और PoK के लोगों की नब्ज को टटोलने के लिए है।जिससे यह पता चल जाएगा कि आखिर जम्मू-कश्मीर और PoK के लोग अपनी जिंदगी में खुशहाल है या फिर उन्हें अभी भी किसी तरह का डर है।
इस सर्वे से बहुत सी बातें सामने आईं है। भारत के जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और पाकिस्तान के नियंत्रण के कश्मीर और गिलगित-बल्तिस्तान के 1425 लोगों को इस सर्वे में शामिल किया गया है।सर्वे में बताया गया है कि इस क्षेत्र ने कई युद्ध देखे हैं, जिसमें 1948, 1962, 1965, 1971 और 1999 का कारगिल शामिल है।साथ ही इस सर्वे के ज़रिए इस क्षेत्र में रह रहे लोगों की आकांक्षाओं को जानने की कोशिश की गई ताकि उनके इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा और विकास को लेकर उनकी राय के बारे में पता लगाया जा सके।हाल ही में भारत-चीन के बीच हिंसक झड़प के चलते 20 भारतीय जवान शहीद हो गए और वहीं 35 से ज़्यादा चीन के सैनिक भी मारे गए।
इस सर्वे को 20 से 30 साल की उम्र के युवा के साथ किया जाएगा जो इस क्षेत्र का भविष्य तय करेंगे।सर्वे के दौरान 12 सवाल पूछे गए जिसमें उनसे पूछा गया कि वो अपने क्षेत्र में जीवन से कितना खुश हैं, क्या वो अपने क्षेत्र में खुश हैं या वहां से बाहर निकलकर बेहतर ज़िंदगी की तलाश करेंगे।
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सर्वे से यह जानकारी प्राप्त हुई
सर्वे से सूचना मिली है कि जम्मू और लद्दाख में 5 में से 4 लोग और कश्मीर में 10 में से 7 लोग अपने क्षेत्र में जीवन से बहुत खुश हैं और मानते हैं कि वो अपने माता-पिता की पीढ़ी के मुकाबले ज़्यादा बेहतर जीवन जी रहे हैं।
वहीं दूसरी तरफ PoK में हर दूसरा व्यक्ति और गिलगित-बल्तिस्तान में 5 में से 4 लोग अपने क्षेत्र में जीवन से खुश नहीं हैं और मानते हैं कि उनका जीवन उनके माता-पिता की पीढ़ी से बेहतर नहीं है।
सर्वे के अनुसार लद्दाख के करीब 76%, जम्मू के 69% और कश्मीर के 60% लोग सरकारों से खुश हैं, वहीं PoK के केवल 49% और गिलगित-बल्तिस्तान के केवल 30% लोग ही अपनी सरकार से खुश हैं।
रोज़गार की तलाश में PoK के 51%, गिलगित-बल्तिस्तान के 52% अपना क्षेत्र छोड़ दूसरे इलाकों में जाने को तैयार हैं। वहीं जम्मू के 39%, लद्दाख के 19% और कश्मीर के 41% लोग ही अपने क्षेत्र छोड़ना चाहते हैं।
10 में से 3 का आकंड़ा
बेहतर जीवन और बच्चों की बेहतरी के लिए भी PoK और गिलगित-बल्तिस्तान का लगभग हर दूसरा नागरिक अपने क्षेत्र को छोड़ना चाहता है, वहीं जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में यह आकंड़ा करीब 10 में से 3 का है।
स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर कश्मीर के 67%, जम्मू के 70% और लद्दाख के 74% लोग संतुष्ट हैं, वहीं PoK में 54% और गिलगित-बल्तिस्तान में केवल 27% लोग ही स्वास्थ्य सेवाओं से खुश हैं।
जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के करीब 75% लोग मानते हैं कि उनके क्षेत्र में उनके माता-पिता की पीढ़ी के मुकाबले अधिक विकास हुआ है, लेकिन PoK में 53% और गिलगित-बल्तिस्तान के 28% लोग ही यह मानते हैं कि विकास हुआ है।
शिक्षा के मामले में भी लद्दाख के 82%, जम्मू के 79% और कश्मीर के 72% लोग मानते हैं कि पिछली पीढ़ी के मुकाबले बेहतर शिक्षा सुविधाएं हैं, लेकिन पाकिस्तान के नियंत्रण वाले कश्मीर में यह आकंड़ा 55% और गिलगित-बल्तिस्तान में यह आंकड़ा केवल 33% है।
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