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UCC: सर्वे में आया चौंकाने वाला सच, क्या सोचती हैं मुस्लिम महिलाएं, इन सवालों से मिल गया जवाब

UCC: यूसीसी को लेकर सबसे अधिक विरोध मुस्लिम धर्मगुरुओं की ओर से हो रहा है। वहीं यूसीसी पर मुस्लिम महिलाएं क्या सोचती हैं, इसे लेकर किए गए एक सर्वे में अलग ही तरह के जवाब सामने आए हैं।

Ashish Pandey
Published on: 14 July 2023 5:55 PM IST
UCC: सर्वे में आया चौंकाने वाला सच, क्या सोचती हैं मुस्लिम महिलाएं, इन सवालों से मिल गया जवाब
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Common Civil Code (photo: social media )

UCC: एक तरफ यूसीसी को लेकर लाॅ कमीशन ने जहां सुझाव मांगे हैं तो वहीं देश भर में इसको लेकर बहस शुरू हो गई है। 14 जुलाई यानी लाॅ कमीशन द्वारा मांगे गए सुझाव का आज आखिरी तारीख है। यूसीसी को लेकर विपक्षी दलों में भी एक राय नहीं है। कुछ पक्ष में कुछ इसके विपक्ष में खड़ी दिख रही हैं। यूसीसी को लेकर देशभर में जारी बहस के बीच मुस्लिम महिलाओं से किया गया एक देशव्यापी सर्वे सामने आया है, जिसके जवाब बेहद ही चौंकाने वाले हैं। यूसीसी को लेकर सबसे अधिक विरोध मुस्लिम धर्मगुरुओं की ओर से हो रहा है। वहीं यूसीसी पर मुस्लिम महिलाएं क्या सोचती हैं, इसे लेकर एक न्यूज चैनल ने सर्वे किया है, जिसमें चौंकाने वाले जवाब सामने आए हैं।

8035 महिलाओं से किए गए सवाल-
इस सर्वे में 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 8035 महिलाओं से सवाल किए गए। सर्वे में ये जानने की कोशिश की गई कि यूसीसी में जिन मुद्दों को शामिल किया जा सकता है, आखिर उसके बारे में वे क्या सोच रखती हैं। सर्वे में महिलाओं से सात प्रमुख सवाल पूछे गए। यूसीसी का इन सवालों में कोई सीधा उल्लेख नहीं था, लेकिन ये उन्हीं विषयों से जुड़े थे, जिन्हें इसके तहत कवर किया जा सकता है। तो आइए देखते हैं, मुस्लिम महिलाओं ने इस पर क्या जवाब दिए। सर्वे में अलग शिक्षा और आयु वर्ग के भी आंकड़े दिए गए हैं।

सभी के लिए एक कानून पर दिया यह जवाब-

सर्वे में महिलाओं से पूछा गया कि क्या आप शादी, तलाक, गोद और उत्तराधिकार जैसे व्यक्तिगत मामलों में देश के सभी लोगों के लिए एक कानून का समर्थन करती हैं? इस सवाल के जवाब में 67.2 प्रतिशत मुस्लिम महिलाओं ने जहां ‘हां‘ में जवाब दिया तो वहीं 25.4 प्रतिशत ने कहा, वे इसका समर्थन नहीं करती हैं, 7.4 प्रतिशत की इस बारे में कोई राय नहीं है।

मुस्लिम मर्दों की चार शादी, मिला ऐसा जवाब-

सर्वे में जब मुस्लिम महिलाओं से पूछा गया कि क्या मुस्लिम मर्दों को चार महिलाओं से शादी करनी चाहिए? सर्वे में शामिल 76.5 प्रतिशत महिलाओं ने जहां चार बीवी रखने का विरोध किया तो वहीं 17.4 प्रतिशत इसके पक्ष में दिखीं, जबकि 6.1 प्रतिशत ने कोई जवाब नहीं दिया है। ग्रेजुएट पास महिलाओं में 78.6 प्रतिशत इसके विरोध में हैं।

संपत्ति में बराबर के अधिकार का 82.3 प्रतिशत ने किया समर्थन-

वहीं सर्वे में बेटे और बेटियों को संपत्ति में बराबर अधिकार मिलने के सवाल पर 82.3 प्रतिशत महिलाओं ने इसका समर्थन किया तो वहीं 11.1 प्रतिशत ने इसका विरोध किया। 6.6 प्रतिशत महिलाओं ने अपनी कोई स्पष्ट राय नहीं व्यक्त की।

तलाक के बाद शादी पर भी रखी बात-

इस सर्वे में सामने आया कि 73.7 प्रतिशत मुस्लिम महिलाएं चाहती हैं कि तलाक के बाद मुस्लिम कपल को बिना किसी प्रतिबंध या शर्त के दोबारा शादी करने का अधिकार मिलना चाहिए। वहीं 18 फीसदी महिलाओं की राय इससे अलग रही। उन्होंने ‘नहीं‘ में जवाब दिया है। 8.3 प्रतिशत महिलाओं ने इस पर आपनी कोई राय नहीं दी। वहीं अगर ग्रेजुएट महिलाओं के आंकड़ों को देखा जाए तो 79 प्रतिशत बिना किसी शर्त के दोबारा शादी चाहती हैं। मुस्लिम समुदाय में तीन तलाक के बाद पति-पत्नी को दोबारा शादी के लिए हलाला की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। इसके बाद फिर शादी कर सकती हैं।

गोद लेने में धर्म की भूमिका-

सर्वे में यह सवाल किया गया कि क्या गोद लेने में धर्म को ध्यान में रखे बिना गोद लेने की अनुमति दी जानी चाहिए? इस सवाल पर 64.9 प्रतिशत महिलाओं ने जहां हां में जवाब दिया तो वहीं 22.9 प्रतिशत इसके विरोध में, जबकि 12.2 फीसदी ने कहा कि उन्हें नहीं पता है या वे बता नहीं सकतीं।
वसीयत के अधिकार पर रखी यह बात-
जब सर्वे में यह सवाल किया गया कि क्या सभी वयस्क भारतीयों को अपनी संपत्ति अपनी इच्छानुसार वसीयत करने के लिए स्वतंत्र होना चाहिए? इस पर 69.3 प्रतिशत मुस्लिम महिलाओं ने इसका समर्थन किया तो वहीं 16.6 फीसदी ने विरोध। 14.1 प्रतिशत ने कहा कि उन्हें नहीं पता।

शादी की उम्र, ऐसा दिया जवाब-

सर्वे में जब महिला और पुरुष दोनों के लिए शादी की उम्र 21 साल करने को लेकर सवाल किया गया तो जहां 78.7 प्रतिशत मुस्लिम महिलाओं ने इसका समर्थन किया तो वहीं 16.6 फीसदी ने इसका समर्थन नहीं करती हैं। 4.7 प्रतिशत ने इस सवाल पर अपना कोई राय नहीं रखा है।
इस सर्वे में किए गए सवालों में भले ही यूसीसी का कोई सीधा उल्लेख नहीं था, लेकिन ये उन्हीं विषयों से जुड़े थे, जिन्हें इसके तहत कवर किया जा सकता है। इस सर्वे से कहीं न कहीं तो यह साफ दिखता है कि मुस्लिम महिलाएं भी यूसीसी के खिलाफ नहीं दिख रही हैं जैसा की समझा जाता है।



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Ashish Pandey

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