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फांसी पर सस्पेंस: आरोपी ने फिर दायर की कोर्ट में याचिका, थोड़ी देर में होगी सुनवाई

निर्भया केस में कल होने वाली फांसी के बीच आरोपियों ने एक बार फिर फांसी से बचने का हथकंडा अपनाया है। आरोपी ने फिर कोर्ट में एक याचिका दायर की है।

Aradhya Tripathi
Published on: 19 March 2020 10:08 PM IST
फांसी पर सस्पेंस: आरोपी ने फिर दायर की कोर्ट में याचिका, थोड़ी देर में होगी सुनवाई
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नई दिल्ली: निर्भया केस में कल होने वाली फांसी के बीच आरोपियों ने एक बार फिर फांसी से बचने का हथकंडा अपनाया है। निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में चारों दोषियों के खिलाफ ट्रायल कोर्ट ने डेथ वारंट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। चारों दोषियों में तीन ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है। याचिका में दोषियों ने शुक्रवार को होने वाली फांसी पर रोक लगाने की मांग की है। कल सुबह साढ़ें 5 बजे होनी है फांसी।

कोर्ट सुनवाई पर आज ही सुना सकता फैसला

आरोपियों द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि निचली अदालत ने कई तथ्यों को दरकिनार किया है। दोषियों की कई अर्जी अभी भी विचाराधीन हैं। दया याचिकाओ पर गौर किए बिना खारिज किया गया। इसलिए डेथ वारंट पर रोक लगनी चाहिए।

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मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली हाई कोर्ट आज थोड़ी देर के बाद इस मामले की सुनवाई करेगा। उम्मीद जताई जा रहा है कि कोर्ट सुनवाई के बाद आज ही अपना फैसला भी सुना सकता है। बता दें कि दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के चारों दोषियों के खिलाफ 20 मार्च सुबह 5.30 बजे के लिए डेथ वारंट जारी किया है। तिहाड़ जेल में दोषियों को फांसी दी जाएगी।

पूरे दिन चला याचिकाओं का दौर

इससे पहले निर्भया के दोषियों की फांसी टलवाने के लिए बृहस्पतिवार को पटियाला हाउस कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक ड्रामा दिनभर चला। एक तरफ जहां पटियाला हाउस में फांसी रोकने की अर्जी पर सुनवाई हो रही थी। वहीं सुप्रीम कोर्ट में एक के बाद एक याचिका दायर की जा रही थी।

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एक याचिका खारिज तो दूसरी दायर, दूसरी के बाद तीसरी। हालांकि सभी याचिकाएं खारिज हो गई और दोषियों की आखिरी कोशिश भी फेल रही। निर्भया के दोषियों के वकील पटियाला हाउस से सुप्रीम कोर्ट के बीच दौड़ते रहे।

पूरे दिन का घटनाक्रम

सुबह पटियाला हाउस कोर्ट में डेथ वारंट पर रोक लगाने की सुनवाई थी, लेकिन उससे पहले सुप्रीम कोर्ट में मुकेश की क्यूरेटिव पिटीशन पर सुनवाई शुरू हो गई। यह याचिका उसने खुद को निर्दोष बताते हुए और 16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में न होने की दलील देते हुए दायर की थी। कुछ देर की सुनवाई के बाद इस अर्जी को खारिज कर दिया गया।

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इसके बाद पटियाला हाउस में सुनवाई शुरू हुई और इसी बीच अक्षय की दूसरी दया याचिका को राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया। इसके तुरंत बाद सुप्रीम कोर्ट में दया याचिका खारिज होने के बाद अक्षय ने सुप्रीम कोर्ट में फिर याचिका दायर कर दी, जो कुछ देर सुनवाई के बाद खारिज हो गई।

आरोपी ने बताया खुद को नाबालिग

वहीं दूसरी तरफ से पटियाला हाउस में बहस के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया। इसके तुरंत बाद पवन ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर करते हुए खुद को नाबालिग बताया। इस याचिका के फैसले का इंतजार पटियाला हाउस में कुछ देर किया गया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले ही पटियाला हाउस कोर्ट ने डेथ वारंट पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया।

इसके कुछ देर बाद ही सुप्रीम कोर्ट से फैसला आया और पवन की क्यूरेटिव पिटीशन को खारिज कर दिया।

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आरोपी पत्नी का नाटक

पटियाला हाउस कोर्ट जब फैसला सुनाने वाली थी तो अक्षय की पत्नी ने जज से कहा कि मेरे साथ न्याय नहीं हो रहा है। इस पर जज ने कहा कि निर्भया की मां से पूछें। इसके बाद अक्षय की पत्नी अदालत परिसर के बाहर आ गई और अपनी चप्पल से खुद को मारने लगी। वह चिल्लाने लगी कि मुझे भी मार दो, मेरे बच्चे को भी मार दो। चिल्लाते हुए वह बेहोश हो गई।

कुछ वकीलों और लोगों ने उसे होश में लाने का प्रयास किया और उचित स्थान पर बैठा दिया। फैसले के बाद दोषियों के परिजन अदालत से चले गए।

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