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केरल में सीएम पद के चेहरे पर सस्पेंस कायम, मेट्रोमैन को लेकर दुविधा में भाजपा

केंद्रीय मंत्री मुरलीधरन ने गुरुवार को पहले श्रीधरन को सीएम पद का चेहरा बनाने की जानकारी दी और तीन घंटे बाद ही अपने बयान से पलटी मार ली। सियासी जानकारों का कहना है कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व श्रीधरन को लेकर अभी तक किसी अंतिम फैसले पर नहीं पहुंच सका है।

Dharmendra kumar
Published on: 5 March 2021 12:06 PM IST
केरल में सीएम पद के चेहरे पर सस्पेंस कायम, मेट्रोमैन को लेकर दुविधा में भाजपा
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88 वर्षीय श्रीधरन ने 26 फरवरी को मलप्पुरम में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी और केरल भाजपा श्रीधरन को सीएम पद का चेहरा बनाना चाहती है।

अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली: केरल में भाजपा के सीएम पद के चेहरे को लेकर पैदा हुआ सस्पेंस अभी खत्म नहीं हुआ है। मेट्रोमैन ई.श्रीधरन को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने के मुद्दे पर भाजपा का शीर्ष नेतृत्व ऊहापोह में फंसा हुआ है। 88 वर्षीय श्रीधरन ने 26 फरवरी को मलप्पुरम में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी और केरल भाजपा श्रीधरन को सीएम पद का चेहरा बनाना चाहती है।

केंद्रीय मंत्री मुरलीधरन ने गुरुवार को पहले श्रीधरन को सीएम पद का चेहरा बनाने की जानकारी दी और तीन घंटे बाद ही अपने बयान से पलटी मार ली। सियासी जानकारों का कहना है कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व श्रीधरन को लेकर अभी तक किसी अंतिम फैसले पर नहीं पहुंच सका है।

श्रीधरन की उम्र सबसे बड़ा रोड़ा

दरअसल श्रीधरन की उम्र 88 साल हो चुकी है और उनकी उम्र को लेकर पार्टी की दुविधा नहीं खत्म हो रही है। हालांकि यह भी सच्चाई है कि पार्टी के पास श्रीधरन के अलावा सीएम पद के लिए कोई दूसरा मजबूत चेहरा भी नहीं है।

श्रीधरन को पीएम मोदी का समर्थक माना जाता है और वे पहले भी पीएम मोदी को अच्छा नेता बता चुके हैं। भाजपा 75 साल से अधिक उम्र वाले नेताओं को टिकट देने से परहेज करती रही है और ऐसे में पार्टी 88 साल के श्रीधरन को लेकर पार्टी दुविधा की स्थिति में फंसी हुई है।

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ट्वीट के बाद मुरलीधरन ने मारी पलटी

केंद्रीय मंत्री मुरलीधरन शुक्रवार को पहले अपने ट्वीट में श्रीधरन को केरल में एनडीए की ओर से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनने का एलान किया। हालांकि बाद में उन्होंने सफाई दी कि पार्टी की ओर से अभी तक ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई है। उनका कहना था कि मैंने इस बाबत शीर्ष नेतृत्व से बात की है तो मुझे पता चला कि अभी तक इस बात की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।

प्रदेश भाजपा मेट्रोमैन के पक्ष में

दूसरी ओर प्रदेश भाजपा मेट्रोमैन की अगुवाई में ही चुनाव मैदान में उतरने की इच्छुक है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने कोच्चि में कहा कि यदि मेट्रोमैन के नेतृत्व में एनडीए को प्रदेश में सरकार बनाने का मौका मिला तो निश्चित रूप से पीएम मोदी की अगुवाई में विकास कार्य दस गुना तेजी से होंगे। उन्होंने कहा कि हमने शीर्ष नेतृत्व से श्रीधरन को सीएम पद का उम्मीदवार बनाने की घोषणा करने का अनुरोध किया है।

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इस सीट से लड़ना चाहते हैं श्रीधरन

श्रीधरन ने 26 फरवरी को केंद्रीय मंत्री आरके सिंह की मौजूदगी में अपने गृह जिले में मलप्परम में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। श्रीधरन ने मलप्पुरम से ही चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है। केरल में विधानसभा की 140 सीटें हैं और इन सीटों के लिए 6 अप्रैल को एक चरण में वोट डाले जाएंगे। अन्य राज्यों के साथ ही केरल विधानसभा के नतीजे भी 2 मई को ही आएंगे।

मानसिक उम्र ज्यादा महत्वपूर्ण

उम्र को लेकर उठ रहे सवालों का जवाब देते हुए श्रीधरन का कहना है कि मानसिक उम्र मायने रखती है, शारीरिक उम्र नहीं। उन्होंने कहा कि मानसिक उम्र ही यह तय करती है कि किसी व्यक्ति को क्या जिम्मेदारियां उठाना चाहिए। मन की उम्र ही महत्वपूर्ण है, शरीर की नहीं।

श्रीधर ने कहा कि 88 साल की उम्र में भी मैं मानसिक रूप से पूरी तरह अलर्ट और यंग हूं। उन्होंने कहा कि मुझे स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या भी नहीं है। इसलिए मुझे नहीं लगता कि उम्र के कारण मुझे खारिज किया जा सकता है। उनका कहना है कि मैं दूसरे अन्य नेताओं की तरह काम करने में पूरी तरह सक्षम हूं और एक टेक्नोक्रेट की तरह भविष्य में भी काम करना जारी रखूंगा।

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श्रीधरन को भाजपा सरकार की उम्मीद

श्रीधरन भाजपा की चुनावी उम्मीदों को लेकर भी काफी आशावादी हैं। उनका कहना है कि केरल में इस बार भाजपा सरकार बनाने में जरूर कामयाब होगी। उन्होंने कहा कि केरल के लोग काफी समझदार हैं और उन्हें अच्छी तरह इस बात की जानकारी है कि उनके और प्रदेश के लिए कौन बेहतर ढंग से काम कर सकता है।

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मजबूत चेहरा साबित हो सकते हैं श्रीधरन

श्रीधरन भाजपा के लिए मजबूत चेहरा साबित हो सकते हैं क्योंकि उन्हें समाज के सभी वर्गों में काफी सम्मान से देखा जाता है। वे 1995 से 2012 तक दिल्ली मेट्रो के निदेशक रह चुके हैं। भारत सरकार की ओर से उन्हें 2001 में पद्मश्री और 2008 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।

देश में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सूरत बदलने में उनका योगदान सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके साथ ही उन पर आज तक कोई भी दाग नहीं लगा है और ईमानदार छवि को लेकर उनका काफी सम्मान किया जाता है।

नहीं खत्म हो रही भाजपा की दुविधा

सियासी जानकारों का कहना है कि मेट्रोमैन को लेकर भाजपा दुविधा की स्थिति में फंसी हुई है। केरल में इस बार पार्टी अपनी सियासी ताकत बढ़ाने की कोशिश में जुटी हुई है। केरल में वामपंथी दलों और कांग्रेस से लड़ने के लिए श्रीधरन मजबूत विकल्प साबित हो सकते हैं मगर किसी फैसले पर पहुंचने में उनकी उम्र आड़े आ रही है। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इस मुद्दे पर गहराई से मंथन में जुटा हुआ है और पार्टी जल्द ही इस बाबत अपने पत्ते खोल सकती है।

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