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रेलवे को मिलेगा 'टाटा' का साथ, इस तरह प्रतिबंधित क्षेत्र में निजी कंपनियों को चांस
सरकार की 150 ट्रेनों को निजी क्षेत्र से चलाने की महत्वाकांक्षी योजना में टाटा समूह ने रुचि दिखाई है। इस योजना के बारे में शनिवार को प्रस्तुत किए गए बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जानकारी दी। टाटा समूह के प्रतिनिधियों ने शनिवार को हुई हितधारकों की बैठक में भाग लिया।
नई दिल्ली : सरकार की 150 ट्रेनों को निजी क्षेत्र से चलाने की महत्वाकांक्षी योजना में टाटा समूह ने रुचि दिखाई है। इस योजना के बारे में शनिवार को प्रस्तुत किए गए बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जानकारी दी। टाटा समूह के प्रतिनिधियों ने शनिवार को हुई हितधारकों की बैठक में भाग लिया।
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इस बैठक में भारतीय रेलवे के साथ इस मुद्दे पर चर्चा हुई कि किस तरह से अब तक प्रतिबंधित रहे क्षेत्र में निजी कंपनिया उतर सकती हैं। इस बैठक में अडानी, एलस्टॉम, सीमेन्स, बॉम्बार्डियर और अन्य कंपनियां भी मौजूद थीं।
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव ने कहा, टाटा समूह उन कंपनियों में से एक है जिन्होंने हितधारकों की बैठक में भाग लिया।' बजट में घोषणा की गई कि तेजस एक्सप्रेस जैसी निजी ट्रेनों को और नए मार्गों पर चलाया जाएगा।
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निजी क्षेत्र को रेलवे में सम्मिलित करने से सरकार को कम से कम 22500 करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है। वहीं, भारतीय रेलवे 150 ट्रेनों का संचालन करने वाले निजी क्षेत्र से 100 भारी यातायात मार्गों को पट्टे पर देकर लाइसेंस और ढुलाई शुल्क के माध्यम से पैसा कमाने की उम्मीद कर रहा है।
वित्त मंत्री ने बजट प्रस्तुत करने के दौरान यह योजना सामने रखी। उन्होंने कहा, चार रेलवे स्टेशन पुनर्विकास और 150 ट्रेनों का संचालन पीपीपी मोड (पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशिप) से किया जाएगा। उन्होंने कहा कि निजी भागीदारी को आमंत्रित करने की प्रक्रिया चल रही है।