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रोडवेज कर्मचारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर सकते हैं ये मुख्यमंत्री

तेलंगाना में पिछले कई महीनों से रोडवेज कर्मी हड़ताल कर रहे हैं। तेलंगाना सरकार ने रोडवेज कर्मचारियों से हड़ताल खत्म करने की अपील की थी जिसकी समयसीमा मंगलवार को ही खत्म हो गई।

Dharmendra kumar
Published on: 6 Nov 2019 11:09 AM GMT
रोडवेज कर्मचारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर सकते हैं ये मुख्यमंत्री
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हैदराबाद: तेलंगाना में पिछले कई महीनों से रोडवेज कर्मी हड़ताल कर रहे हैं। तेलंगाना सरकार ने रोडवेज कर्मचारियों से हड़ताल खत्म करने की अपील की थी जिसकी समयसीमा मंगलवार को ही खत्म हो गई।

तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम (TSRTC) संयुक्त कार्रवाई समिति के अध्यक्ष ए रेड्डी का कहना है कि RTC यूनियनों ने वापस सेवाओं में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री के आह्वान का बहिष्कार करने का फैसला किया है।

उन्होंने कहा कि RTC कर्मचारी हड़ताल का समर्थन कर रहे हैं और जब तक सरकार हमारी मांगों पर हमारे साथ विचार-विमर्श नहीं करती तब तक हम काम पर वापस नहीं लौटेंगे

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बुधवार को TSRTC के 48000 से अधिक हड़ताल पर गए कर्मचारियों में से सिर्फ 360 कर्मचारी ही काम पर वापस आए।

अब माना जा रहा है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव रोडवेज कर्मचारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करत सकते हैं। उन्होंने पहले ही हड़ताली कर्मचारियों को चेतावनी दी थी कि अगर वो 5 नवंबर की आधी रात तक अपनी ड्यूटी ज्वॉइन नहीं तो सड़क परिवहन निगम(आरटीसी) नामक कोई इकाई नहीं होगी।

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मुख्यमंत्री ने टीएसआरटीसी के 5,100 मार्गों पर निजीकरण करने का एलान किया। साथ ही ये भी कहा था कि यदि उन्होंने ऐसा नहीं किया तो बाकी बचे 5000 मार्गों का भी निजीकरण कर देंगे।

राज्य मंत्रिमंडल ने 5,100 बस मार्गों का निजीकरण करने का निर्णय लिया था, इससे रोडवेज कर्मचारी नाराज हो गए थे। वह अपनी मांगों के लिए 5 अक्टूबर से हड़ताल पर थे। उनकी मांगों में सरकार के साथ TSRTC का विलय भी शामिल था ताकि उनकी अन्य राज्य सरकार के कर्मचारियों के साथ बराबरी हो सके।

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तेलंगाना के सीएम केसीआर ने विलय की मांग को ठुकरा दिया था। उन्होंने कहा था कि इससे अन्य निगमों के कर्मचारियों द्वारा भी ऐसी मांगों की बाढ़ आ जाएगी। TSRTC में कुल 49,340 कर्मचारी हैं।

हड़ताल के ऐलान के बाद केसीआर ने कर्मचारियों के काम पर लौटने की समय सीमा निर्धारित की और कहा कि 5 अक्टूबर की शाम निर्धारित की थी। लेकिन सिर्फ 1,200 कर्मचारियों ने उनकी बात मानी। अगले दिन उन्होंने शेष कर्मचारियों को बर्खास्त करने की घोषणा की और उन्हें TSRTC में वापस लेने से इंकार कर दिया।

Dharmendra kumar

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