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लद्दाख सीमा पर चीन ने सौ तंबू लगाए: तनाव बढ़ा, भारत मुंहतोड़ जवाब देने को तैयार
लद्दाख सीमा पर चीन द्वारा सैनिकों की तैनाती बढ़ाए जाने के बाद भारत और चीन के बीच तनातनी और बढ़ गई है। जानकार सूत्रों का कहना है कि चीन द्वारा पिछले दो हफ्ते के भीतर सैनिकों के सौ तंबू लगाए गए हैं।
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली। चीन ने लद्दाख सीमा पर सैनिकों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी की है। चीन ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के आसपास सेना की टुकड़ियों बढ़ाकर इस बात का साफ संकेत दिया है कि वह इस इलाके में टकराव को जल्द खत्म करना नहीं चाहता। जानकारों का कहना है कि चीन ने लद्दाख के पैंगॉन्ग लेक और गाल्वन घाटी में हाल के दिनों में सौ तंबू लगाए हैं।
बंकर बनाने की मशीनें भी लाया चीन
लद्दाख सीमा पर चीन द्वारा सैनिकों की तैनाती बढ़ाए जाने के बाद भारत और चीन के बीच तनातनी और बढ़ गई है। जानकार सूत्रों का कहना है कि चीन द्वारा पिछले दो हफ्ते के भीतर सैनिकों के सौ तंबू लगाए गए हैं। इसके साथ ही इलाके में ऐसी मशीनें भी लाई गई हैं जिनसे बंकर बनाने का काम किया जाता है।
आर्मी चीफ ने लिया हालात का जादा
चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय सेना भी सतर्क हो गई है। आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवड़े ने लद्दाख पहुंचकर हालात का जायजा लिया है। उन्होंने 14 कोर के लेह स्थित मुख्यालय में आर्मी के शीर्ष कमांडरों के साथ बैठक कर चीन द्वारा सैनिकों की तैनाती से उत्पन्न स्थिति पर चर्चा की। इस उच्चस्तरीय बैठक में एलएसी पर पैदा हुई नई स्थिति के साथ ही पूरे इलाके की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की गई। माना जा रहा है कि चीनी सेना द्वारा कार्रवाई करने पर अपनाई जाने वाली रणनीति पर भी विचार किया गया।
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भारतीय सेना जवाब देने के लिए तैयार
सेना से जुड़े सूत्रों का कहना है कि भारतीय सेना भी गाल्वन घाटी में चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है। चीनी सैनिकों की तैनाती के बाद इलाके में भारतीय सैनिकों की तैनाती भी बढ़ाई जा रही है और पूरे इलाके में विशेष तौर पर सतर्कता बरती जा रही है। सैन्य सूत्रों का यह भी कहना है कि इलाके के संवेदनशील क्षेत्रों में भारत की स्थिति चीन से बेहतर है। इसलिए किसी प्रकार की कोई चिंता की बात नहीं है।
तीन बार हो चुकी है सैनिकों में झड़प
हाल में भारत और चीन के सैनिकों के बीच इलाके में तीन बार झड़प की घटनाएं हो चुकी हैं। इस बाबत भारतीय विदेश मंत्रालय का कहना है कि भारतीय सैनिक अपनी सीमा के भीतर ही अपनी गतिविधियों को अंजाम देते हैं, लेकिन यदि कोई दूसरी ताकत इलाके में अपनी गतिविधियां बढ़ाएगी तो हम भी जवाब देने के लिए तैयार हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय का यह भी कहना है कि एलएसी के पार भारतीय सेना की गतिविधियों की बातों में कोई दम नहीं है। सही बात तो यह है कि चीन की हरकतों के कारण हमारी सेना की नियमित पेट्रोलिंग में दिक्कतें आती हैं। हाल में एक भारतीय सैनिक को चीनी सेना द्वारा बंदी बनाने की बात भी सामने आई थी। हालांकि बाद में उसे रिहा कर दिया गया।
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कमांडरों की बैठक बेनतीजा
पिछले एक हफ्ते के दौरान दोनों देशों की सेनाओं के स्थानीय कमांडरों के कई बैठकें भी हो चुकी हैं मगर इन बैठकों के बावजूद टकराव बढ़ता ही जा रहा है। इन बैठकों में भारत ने गाल्वन घाटी में चीनी सेना द्वारा टेंट लगाने की कार्रवाई पर कड़ा एतराज जताया है। चीनी सेना जिस इलाके में टेंट लगा रही है, उस पर भारत अपना हक जताता रहा है।
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