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आतंकियों का खौफनाक सच: सेना ने ध्वस्त किया प्लान, भूना गोलियों से

कोरोना के संकट तो देश पर छाया ही हुआ है, इधर आतंकी भी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। उत्तरी कश्मीर के केरन सेक्टर में कुपवाड़ा में भारतीय सेना के साथ मुठभेड़ में मारे गए 5 आतंकियों के पास से कुछ सामान बरामद हुआ है।

Vidushi Mishra
Published on: 12 April 2020 2:35 PM IST
आतंकियों का खौफनाक सच: सेना ने ध्वस्त किया प्लान, भूना गोलियों से
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आतंकियों का खौफनाक सच: सेना ने ध्वस्त किया प्लान, भूना गोलियों से

नई दिल्ली। कोरोना के संकट तो देश पर छाया ही हुआ है, इधर आतंकी भी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। उत्तरी कश्मीर के केरन सेक्टर में कुपवाड़ा में भारतीय सेना के साथ मुठभेड़ में मारे गए 5 आतंकियों के पास से कुछ सामान बरामद हुआ है। आतंकियों के इस सामान को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। आतंकियों के पास से पहली बार ऐसे वस्त्र बरामद हुए हैं जो इससे पहले कभी नहीं देखे गए। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इन्हें विशेष रूप से घुसपैठ करने वाले आतंकियों के लिए बनाया गया है। साथ ही आतंकियों के पास से यूनिकोड चार्ट भी मिला हैं।

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घुसपैठ करते समय कैमोफ्लेज(छलावरण)

कश्मीर के केरन सेक्टर के जमगुंड इलाके में सूचना के आधार पर बीते 1 अप्रैल को सेना द्वारा तलाशी अभियान शुरू किया गया था। इस दौरान उनका सामना आतंकियों के एक समूह से हुआ।

जहां फिर कुछ देर चली मुठभेड़ के बाद आतंकी जंगल क्षेत्र की ओर भाग निकले थे। 5 दिनों तक चले तलाशी अभियान के दौरान एक बार फिर से आतंकियों और सेना के जवानों के बीच भीषण मुठभेड़ शुरू हुई, जिसमें पांच आतंकियों को मार गिराया गया। लेकिन इस दौरान सेना के 5 जवान भी शहीद हो गए थे।

सैटेलाइट इमेजिंग में नहीं दिखते

सेना के एक अधिकारी के मुताबिक, बर्फ में सफेद रंग के वस्त्र पहने आतंकी पहले भी देखे गए। ये वस्त्र बर्फ के दौरान घुसपैठ करते समय कैमोफ्लेज(छलावरण) होते हैं और सैटेलाइट इमेजिंग में नहीं दिखते। लेकिन इस बार जो वस्त्र आतंकियों के पास से मिले वे सफेद होने के साथ-साथ प्रोटेक्टिव भी थे। उन्होंने बताया कि ये वस्त्र अच्छे मटेरियल से बने हैं।

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इन आतंकियों के सामानों से यूनिकोड मैट्रिक्स चार्ट भी बरामद हुए हैं, जिससे आतंकी अपनी कोड भाषा बनाते हैं। एक अधिकारी के अनुसार यह भाषा तभी डिकोड हो पाती है, जब आपके पास भी यूनिकोड मैट्रिक्स चार्ट हो। इसलिए समय-समय पर आतंकी यह यूनिकोड चार्ट बदलते रहते हैं ताकि उनकी कोड भाषा आसानी से डिकोड न हो पाए।

आतंकी संगठन अल-बदर और लश्कर-ए-तैयबा

मिली जानकारी के मुताबिक, इस समूह में 12 आतंकी शामिल थे। यह समूह 30 मार्च को पीओके से एक लॉन्चिंग पैड से रवाना हुआ था। इनमें से 5 आतंकी मारे गए, और ऐसा माना जा रहा है कि शेष आतंकी पीओके लौट गए हैं।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, ये ग्रुप द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) का था। आतंकी संगठन अल-बदर और लश्कर-ए-तैयबा को प्रतिबंधित घोषित किए जाने के बाद टीआरएफ का गठन इन्हीं 2 आतंकी संगठनों द्वारा भी किया गया है।

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Vidushi Mishra

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