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पाकिस्तान जिंदाबाद कहने वाली लड़की, अब शुरू इनके बुरे दिन
सीएए के विरोध प्रदर्शन के लिए आयोजित रैली के मंच पर असदु्द्दीन ओवैसी भी मौजूद थे। हालांकि ओवैसी ने अमूल्या के पाकिस्तान जिंदाबाद कहते ही तुरंत माइक अपने हाथ में लेने की कोशिश की थी।
बेंगलुरु: केंद्र सरकार द्वारा पूरे भारत में सीएए लागू हुआ था। जिसका विरोधी पूरे देश में हुआ था। हैदराबाद के सांसद और एमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने भी इसका विरोध किया था जिनके मंच से पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाने वाली अमू्ल्या लियोना को कोर्ट ने बेल देने से इंकार कर दिया है। 19 वर्षीय कॉलेज स्टूडेंट अमू्ल्या को बेल न देने के पीछे कोर्ट का तर्क है कि वो भाग सकती हैं। अमूल्या पर राजद्रोह की धाराएं लगाई गई हैं।
असदु्द्दीन ओवैसी की मौजूदगी में लगाए पाक जिंदाबाद के नारे
गौरतलब है कि इसी साल 20 फरवरी को बेंगलुरु में आयोजित एक सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान अमूल्या ने एक भाषण देने के पहले पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए थे। सीएए के विरोध प्रदर्शन के लिए आयोजित रैली के मंच पर असदु्द्दीन ओवैसी भी मौजूद थे। हालांकि ओवैसी ने अमूल्या के पाकिस्तान जिंदाबाद कहते ही तुरंत माइक अपने हाथ में लेने की कोशिश की थी।
बेल मिली तो ऐसी गतिविधियों में फिर से शामिल हो सकती हैं- कोर्ट
इस मामले में कोर्ट का कहना है कि अगर अमूल्या को बेल दी गई तो वो इसी तरह की गतिविधियों में फिर से शामिल हो सकती हैं जो बड़े स्तर पर शांति के लिए खतरा है। गौरतलब है कि भाषणकला में माहिर अमूल्या को 20 फरवरी के पहले भी कई सीएए विरोधी प्रदर्शनों में बुलाया गया था। लेकिन 20 फरवरी की घटना के बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया था।
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पाकिस्तान जिंदाबाद कहने के तुरंत बाद ही हिंदुस्तान जिंदाबाद भी कहा था-वीडियो क्लिप
वीडियो क्लिप के मुताबिक पाकिस्तान जिंदाबाद कहने के तुरंत बाद ही उन्होंने हिंदुस्तान जिंदाबाद भी कहा था। उन्होंने कहा था कि आखिरकार सभी देश एक ही हैं। उन्हें भाषण पूरा नहीं करने दिया गया था क्योंकि आयोजक पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा सुनकर तुरंत हरकत में आ गए थे।
लॉकडाउन ने फंसाया पेंच
इससे पहले लॉकडाउन की वजह से अमूल्या की बेल बीते कुछ महीने में नहीं मिल पाई थी। भारत में 24 मार्च को सख्त लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई थी जिसके बाद कोर्ट की कार्यवाही भी रुक गई थी। सरकारी वकील ने सुनवाई के दौरान तर्क दिया कि अमूल्या पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाकर लोगों को भड़काने की कोशिश कर रही थीं। इससे पहले भी अमूल्या ऐसा कर चुकी हैं जिससे दो धर्मों के बीच वैमनस्यता पैदा होने का खतरा है। एक रैली में “F##k Hindutva” का पोस्टर लेकर पहुंच गई थीं जिसके बाद काफी बवाल मच गया था।
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क्या है नागरिकता संशोधन कानून?
गौरतलब है कि नागरिकता अधिनियम, 1955 में बदलाव करने के लिए केंद्र सरकार नागरिकता संशोधन बिल लेकर आई। बिल को संसद में पास करवाया गया और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह कानून बन गया। अब सरकार ने इसका नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। इसके साथ ही अब पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से आए हुए हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख, ईसाई, पारसी शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिलने में आसानी होगी। अभी तक उन्हें अवैध शरणार्थी माना जाता था।