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जानिए शराब से राज्यों की कितनी होती है कमाई, वसूले जाते हैं ये टैक्स
लॉकडाउन के तीसरे फेज में शराब कारोबार को खोलने की छूट दे दी गई है। इस खबर के बाद से शराब कारोबार खुलने को लेकर सोशल मीडिया पर खूब...
नई दिल्ली: लॉकडाउन के तीसरे फेज में शराब कारोबार को खोलने की छूट दे दी गई है। इस खबर के बाद से शराब कारोबार खुलने को लेकर सोशल मीडिया पर खूब चर्चा है कि क्या राज्य की इकोनॉमी इसी के भरोसे चल रही है। इन बातों में कितनी सच्चाई है और राज्यों की शराब से कितनी कमाई होती है, आइए जानते हैं।
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इन करों से होती है कमाई
अब बात करते हैं कि राज्यों की कमाई के मुख्य स्रोत आखिर क्या हैं। राज्य जीएसटी, भू-राजस्व, पेट्रोल-डीजल पर लगने वाला वैट, शराब पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी और गाड़ियों पर लगने वाले कई दूसरे टैक्स इसकी कमाई के मुख्य स्रोत हैं। आबकारी शुल्क यानी एक्साइज ड्यूटी राज्यों के राजस्व में एक बड़ा योगदान देता है।
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राजस्थान ने पहले ही बढ़ा दी थी एक्साइज
हाल ही में राजस्थान ने शराब पर एक्साइज ड्यूटी 10% बढ़ा दी। देश में निर्मित विदेशी शराब पर टैक्स राजस्थान में 35 से 45 % तक हो गया है। इसी तरह बीयर के टैक्स में बढ़ोत्तरी की गई है। इसके अलावा राज्यों को केंद्रीय जीएसटी में भी हिस्सा मिलता है। हालांकि केंद्र पिछले कई महीनों से राज्यों को जीएसटी का हिस्सा नहीं दे पा रहा है, जिसे लेकर राज्य शिकायत भी कर चुके हैं।
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कई राज्यों को लेना पड़ गया कर्ज
बता दें कि राज्यों के राजस्व का बड़ा हिस्सा शराब और पेट्रोल-डीजल से आता है। लॉकडाउन के चलते इन दोनों की बिक्री ठप थी। ऐसे में राज्यों की वित्तीय स्थिति खराब हो गई थी। इस वजह से कई राज्यों को 1.5 से 2 फीसदी ज्यादा ब्याज दर पर कर्ज लेना पड़ गया था।
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सभी राज्यों की इतनी हुई कमाई
अधिकतर राज्यों के कुल राजस्व का 15 से 30 % हिस्सा शराब से ही आता है। यूपी और उत्तराखंड के कुल टैक्स राजस्व का करीब 20 % हिस्सा शराब से ही मिलता है। सभी राज्यों को समेकित रूप से पिछले वित्त वर्ष में करीब 2.5 लाख करोड़ रुपये की कमाई शराब बिक्री से हासिल हुई थी। बता दें कि 4 मई से लॉकडाउन के तीसरे फेज की शुरुआत हो गई है। इसकी तारीख 17 मई तक है। हालांकि, इस बार लॉकडाउन के बावजूद भी कई छूटें दी गई हैं।
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