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भाजपा की मिट्टी पलीद कर दी इस मुख्यमंत्री नेः अब हो रही थू थू

शिवराज सिंह चौहान ने इस बैठक में कार्यकर्ताओं से सवाल किया था कि ईमानदारी से बताओ तुलसी सिलावट यदि विधायक नहीं तो हम मुख्यमंत्री रहेंगे क्या? भाजपा की सरकार बचेगी क्या? इसलिए आपकी ड्यूटी है कि आप लोग तुलसी सिलावट को जिताओ, क्योंकि सांवेर से तुलसी सिलावट नहीं मैं खुद चुनाव लड़ रहा हूं। ये बीजेपी की आन-बान और शान का सवाल है।

राम केवी
Published on: 10 Jun 2020 7:25 AM GMT
भाजपा की मिट्टी पलीद कर दी इस मुख्यमंत्री नेः अब हो रही थू थू
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भोपालः मध्य प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस की रार एक बार फिर सतह पर आ गई है। मुद्दा है इंदौर में दो दिन पहले शहर की रेसीडेंसी कोठी में सांवेर के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का बयान जिसमें कथित रूप से कहा गया है कि कमलनाथ सरकार को गिराने का केंद्र से आदेश था। कांग्रेस में कोई विद्रोह नहीं था। इसीलिए ज्योतिरादित्य सिंधिया की मदद ली गई।

कथित ऑडियो हो गया वायरल

मजे की बात यह है कि इस मीटिंग में मीडिया का प्रवेश प्रतिबंधित था बावजूद इसके शिवराज सिंह चौहान का ऑडियो लीक हो गया और मध्य प्रदेश भाजपा की सांसत खड़ी हो गई। हालांकि न्यूजट्रैक ऐसे किसी वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। लेकिन मीडिया रिपोर्टस में कहा जा रहा है कि आडियो में शिवराज सिंह चौहान साफ तौर पर यह कहते सुनाई दे रहे हैं कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार भाजपा के केंद्रीय नेताओं द्वारा गिराई गई। यह ऑडियो मध्य प्रदेश में तेजी से वायरल हो रहा है। इसी के साथ कांग्रेस आक्रामक हो गई है।

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ऑडियो क्लिप के वायरल होने पर कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि भाजपा शुरू से ही कांग्रेस के आरोपों को नकारती रही जबकि सभी ने देखा कि जो विधायक बेंगलुरु में बंधक बनाए गए, उनके साथ भाजपा नेता भी मौजूद थे। उनकी तस्वीरें भी सामने आईं मगर कल कल तो प्रदेश के सीएम शिवराज चौहान ने खुद इंदौर के रेसीडेंसी कोठी में सांवेर के कार्यकर्ताओं की एक बैठक में सार्वजनिक रूप से यह स्वीकार कर कांग्रेस के उन आरोपों पर मोहर लगा दी है।

मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार केंद्र ने गिराई

उन्होंने कहा कि अब पुष्टि हो गई है कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भी इस साजिश और षड्यंत्र का हिस्सा था। जानबूझकर कांग्रेस सरकार को गिराया गया। कमलनाथ सरकार गिराने में सिंधिया की इसलिए मदद ली गई क्योंकि उनके बगैर सरकार नहीं गिर सकती थी। कांग्रेस में कोई असंतोष नहीं था। सरकार के पास पूर्ण बहुमत था।

कथित रूप से इस ऑडियो क्लिप में शिवराज को यह कहते सुना गया है कि ‘केंद्रीय नेतृत्व ने तय किया कि सरकार गिरनी चाहिए, नहीं तो ये सबकुछ बर्बाद कर देगी। मुझे बताओं कि क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया और तुलसी भाई के बिना सरकार गिर सकती थी? कोई तरीका नहीं था।

‘तुलसी सिलावट’ ज्योतिरादित्य सिंधिया के वफादार हैं और कांग्रेस के पूर्व मंत्री हैं। वह ज्योतिरादित्य के साथ भाजपा में शामिल हुए थे। लंबे समय तक कांग्रेस में रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अचानक कांग्रेस छोड़ दी। उनके पिता माधवराव सिंधिया इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के खासे करीबी थे। ज्योतिरादित्य और उनके करीबी विधायकों के कांग्रेस छोड़ने से ही कमलनाथ सरकार गिरी थी।

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शिवराज सिंह चौहान ने इस बैठक में कार्यकर्ताओं से सवाल किया था कि ईमानदारी से बताओ तुलसी सिलावट यदि विधायक नहीं तो हम मुख्यमंत्री रहेंगे क्या? भाजपा की सरकार बचेगी क्या? इसलिए आपकी ड्यूटी है कि आप लोग तुलसी सिलावट को जिताओ, क्योंकि सांवेर से तुलसी सिलावट नहीं मैं खुद चुनाव लड़ रहा हूं। ये बीजेपी की आन-बान और शान का सवाल है।

शिवराज के बयान से भाजपा संकट में पड़ गई है क्योंकि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से लेकर तमाम नेता लगातार यह कहते रहे हैं कि कांग्रेस सरकार गिराने में भाजपा का कोई हाथ नहीं है।

राम केवी

राम केवी

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