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जोर का झटका: करोड़ों लेकर गायब हुई ये कंपनी, सदमे में लोग

एक कंपनी ने पिग फार्मिंग में पैसा लगाने के बदले मोटे फायदे का लालच देकर दिल्ली, यूपी, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान सहित कई राज्यों के लोगों को फंसाया।

Shreya
Published on: 13 Nov 2019 9:10 AM GMT
जोर का झटका: करोड़ों लेकर गायब हुई ये कंपनी, सदमे में लोग
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नई दिल्ली: एक कंपनी ने पिग फार्मिंग में पैसा लगाने के बदले मोटे फायदे का लालच देकर दिल्ली, यूपी, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान सहित कई राज्यों के लोगों को फंसाया। पहले 10 हजार रुपये के इंवेस्टमेंट से शुरुआत कराई गई। 6 महीने बाद लोगों को 10 के बदले 15 हजार रुपये लौटा दिए गए। जिससे लोगों को कंपनी पर भरोसा हो जाए। इसके बाद कंपनी में लोगों ने अपनी सारी जमा-पूंजी लगा दी। ये कंपनी नवंबर 2017 में शुरु हुई थी, जिसे एक दर्जन लोग मिलकर चलाते थे। ये लोग मुनाफे के पैसे को भी वापस कंपनी में लगवा देते थे।

चक्रव्यूह में फंसे हजारों लोग

कंपनी ने एक ऐसा चक्रव्यूह तैयार किया, जिसमें हजारों लोग असानी से फंस गए। इन लोगों का 300 करोड़ से भी अधिक पैसा डूबते हुए नजर आ रहा है। इस कंपनी पर आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने सोमवार को मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।

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इस मामले में संगम विहार के रहने वाले अभिषेक सिंह ने बताया कि, पंजाब के फिरोजपुर की एक कंपनी का दावा था कि, वो पिग फार्मिंग के बिजनेस में है। जिसमें इंवेस्ट करके ज्यादा फायदा कमाया जा सकता है। कंपनी चलाने वाले 12 लोगों ने निवेशकों को बड़े-बड़े फार्म का दौरा कराया था, जहां पर भारी संख्या में सुअर थे। वहां पर उन सुअरों के पालन का काम चल रहा था।

150 फीसदी मुनाफा देने का किया था वादा

आरोपियों ने ये दावा किया था कि, कंपनी 6 महीने में निवेशकों को भारी फायदा दिया जायेगा और शुरुआत 10 हजार से लेकर साढे तीन लाख तक से की जा सकती है। मतलब अगर कोई व्यक्ति 10 हजार रुपये का इंवेस्टमेंट करता था तो, उसे 6 महीने में 15 हजार रुपये वापस मिल जाते थे और वहीं अगर साढ़े तीन लाख रुपये इंवेस्ट करता है तो 35 हजार रुपये इनाम दिया जाता था।

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लोगों का इस तरह जीता विश्वास

लोगों को कंपनी पर विश्वास हो जाए, इसलिए शुरुआत में कहे अनुसार निवेशकों के मुनाफे लौटा दिए गए थे। इसके बाद लोग ज्यादा से ज्यादा इंवेस्ट करने लगे। यहां तक कि लोगों ने वो पैसे भी इंवेस्ट कर दिएं जो उन्हें मुनाफे में मिले थे। फिर कंपनी ने 1 अप्रैल 2019 से लोगों को मुनाफा देना बंद कर दिया। निवेशकों को मुनाफा देने के लिए लगातार टाल-मटोल किया जाने लगा। अब आरोपियों ने अपने फोन भी बंद कर दिए हैं और साथ ही ऑनलाइन आना भी बंद कर दिया है।

8-10 हजार लोग को जाल में फंसाया

इस चक्रव्यूह में 8 से 10 लोगों के फंसे होने की आशंका है। कई निवेशकों ने तो 25 से 50 लाख तक पैसे इंवेस्ट किए थे। दिल्ली में 100 से ज्यादा लोगों ने 6 करोड़ से अधिक पैसा लगाया हुआ था। देशभर के हजारों लोगों के 300 करोड़ रुपये से ज्यादा पैसे दांव पर लगे हैं। कंपनी और उनके साथ जुड़े लोगों के खिलाफ राजस्थान, हरियाणा और पंजाब में भी मुकदमे दर्ज हुए हैं।

ईओडब्ल्यू ने शुरु की जांच

कंपनी का दावा था कि उसके पास दिल्ली-एनसीआर में भारी तादाद में प्रॉपर्टी है, जिससे मोटा किराया आता है। कंपनी के चार लोग विदेश भाग चुके हैं, जबकि अन्य आठ लोगों ने ऐसी किसी प्रॉपर्टी के होने से साफ इंकार कर दिया है। मामले में ईओडब्ल्यू ने 11 नवंबर को ठगी, अमानत में खयानत, आपराधिक षड्यंत्र के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।

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