अल्पसंख्यक मंत्रालय की स्कॉलरशिप स्कीम में घोटाला, फर्जी स्टूडेंट्स के नाम पर 144 Cr. रुपए का फ्रॉड, जांच CBI को

Scholarship Scam In Ministry: केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय की ओर दी जाने वाली स्कॉलरशिप योजना में एक जांच में करीब 53 प्रतिशत अभ्यर्थी फर्जी पाए गए। अब मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है।

Aman Kumar Singh
Published on: 19 Aug 2023 1:40 PM GMT (Updated on: 19 Aug 2023 5:14 PM GMT)
अल्पसंख्यक मंत्रालय की स्कॉलरशिप स्कीम में घोटाला, फर्जी स्टूडेंट्स के नाम पर 144 Cr. रुपए का फ्रॉड, जांच CBI को
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Scholarship Scam In Ministry (Social media)

Minority Scholarship Scam: देश में एक बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है। इसे 'अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाला' नाम दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस स्कैम के तहत कई राज्यों में बनाए गए फर्जी लाभार्थी (Beneficiary Fraud), फर्जी संस्थान तथा फर्जी नामों से बैंक खाते सामने आए हैं। यह मामला कथित तौर पर अल्पसंख्यक संस्थानों (Minority Institutions), राज्य प्रशासन और बैंकों में संस्थागत भ्रष्टाचार का है। दरअसल, केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय ने 34 राज्यों के करीब 100 जिलों में आंतरिक जांच कराई थी, जिसमें ये खुलासा हुआ।

घोटाले की बात सामने आने के बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani on Minority Scholarship Scam) ने दिए केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई के हाथ जांच देने की बात कही है। एक खबरिया चैनल के हवाले से बताया गया है, मदरसों सहित 1572 अल्पसंख्यक संस्थानों की जांच में 830 फर्जी/नॉन-ऑपरेशनल पाए गए हैं। इसमें 144 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है।

1,572 संस्थानों में 830 निकले फर्जी

अल्पसंख्यक मंत्रालय की आंतरिक जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इतने बड़े फ्रॉड देखकर मंत्रालय के अधिकारियों के भी होश उड़ गए। अब तक प्राप्त जानकारी के अनुसार, करीब 1572 संस्थानों में 830 संस्थान फर्जी पाए गए। हालांकि, ये हाल सिर्फ 21 जिलों का है। घोटाले का पता चलने के बाद केंद्रीय मंत्रालय ने जांच सीबीआई को सौंप दी है।

संस्थान या तो गैर-मौजूद, या गैर-कार्यशील

अब तक की जांच में फर्जी लाभार्थियों द्वारा छात्रवृत्ति के वास्तविक लाभार्थियों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाने तथा खजाने को 144 करोड़ रुपए के नुकसान की जांच के लिए मामला CBI को सौंपा है। सूत्रों के अनुसार, संस्थागत भ्रष्टाचार कई स्तरों पर हुआ है। जांच में पता चला कि संस्थान या तो गैर-मौजूद हैं या गैर-कार्यशील हैं। लेकिन, राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल और शिक्षा के लिए एकीकृत जिला सूचना प्रणाली (UDISE) दोनों पर रजिस्टर्ड हैं।

इन राज्यों के 830 संस्थानों से जुड़े लाभार्थियों के खाते फ्रीज करने के आदेश :

- छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में 62 संस्थानों की जांच: सभी फर्जी/नॉन-ऑपरेशनल पाए गए।
- राजस्थान (Rajasthan) के 128 संस्थानों की जांच हुई जिसमें 99 नकली/नॉन-ऑपरेशनल पाए गए।
- असम (Assam) में 68 प्रतिशत संस्थान नकली पाए गए।
- कर्नाटक (Karnataka) में 64 फीसद संस्थान नकली मिले।
- उत्तर प्रदेश में 44 प्रतिशत नकली पाए गए।
- पश्चिम बंगाल में 39 प्रतिशत नकली पाए गए।

1.80 लाख संस्थानों को मिलती है स्कॉलरशिप

केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, आंतरिक जांच (internal investigation) में करीब-करीब 53 प्रतिशत कैंडिडेट फर्जी (Fake Candidates) पाए गए। अब मामले की जांच सीबीआई को सुपुर्द की गई है। सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात ये है कि पिछले 5 सालों में सिर्फ 830 संस्थानों में ही लगभग 144 करोड़ रुपए का घोटाला किया गया है। अल्पसंख्यक मंत्रालय करीब 1 लाख 80 हजार संस्थानों को स्कॉलरशिप स्कीम उपलब्ध करवाती है।

हजार करोड़ हो सकती है रकम

बता दें, केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय पहली कक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक छात्रों को स्कॉलरशिप प्रदान करती है। स्कॉलरशिप योजना (scholarship scheme) वर्ष 2007-08 में शुरू किया गया था। अनुमान है कि मामले की पूरी जांच होने तक पूरा घोटाला करीब हजार करोड़ को पार कर जाएगा। मंत्रालय का अनुमान सही निकलता है, तो इसकी गिनती देश के सबसे बड़े घोटालों में होगी।

Aman Kumar Singh

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