TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

तिहाड़ जेल: जहां चिदंबरम से पहले ये VVIPs काट चुके हैं सजा

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चिदंबरम को तिहाड़ के बैरक नम्बर 7 में रखा जाएगा। पी. चिदंबरम की जेल में अलग सेल, खाट और अलग बाथरूम की मांगें मंज़ूर कर ली गई हैं।

Aditya Mishra
Published on: 30 March 2023 3:17 PM IST
तिहाड़ जेल: जहां चिदंबरम से पहले ये VVIPs काट चुके हैं सजा
X

नई दिल्ली: आईएनएक्स मीडिया केस में दिल्ली की विशेष अदालत ने चिदंबरम को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। चिदंबरम की सीबीआई कस्टडी खत्म होने के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चिदंबरम को तिहाड़ के बैरक नम्बर 7 में रखा जाएगा। पी. चिदंबरम की जेल में अलग सेल, खाट और अलग बाथरूम की मांगें मंज़ूर कर ली गई हैं।

आइये आज हम आपको बताते है तिहाड़ की पूरी कहानी, जहां चिदंबरम से पहले कई हाई प्रोफाइल हस्तियों को सजा के दौरान रखा जा चुका है।

ये भी पढ़ें...तिहाड़ के इस बैरक में रहेंगे पी. चिदंबरम, मिलेंगी ये सुविधाएं

सुरेश कलमाड़ी

सुरेश कलमाड़ी दिल्ली में 2010 में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में भ्रष्टाचार के चलते नौ महीने की सजा काट चुके हैं। बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया था।

कलमाड़ी 1996 से 2011 तक भारतीय ओलम्पिक संघ के अध्यक्ष थे। कलमाड़ी पुणे से कांग्रेस के सांसद भी रहे है। तिहाड़ के सूत्रों के मुताबिक सजा के दौरान उन्हें बैरक नम्बर -1 में रखा गया था।

सहारा प्रमुख सुब्रत राय

सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय पर तथाककथित तौर पर 3 करोड़ निवेशकों से 24,000 करोड़ रुपये नियमों की अनदेखी कर जुटाने का आरोप है।

कोर्ट ने उन्हें एक निश्चित समय में निवेशकों को करीब 10,000 करोड़ रुपये लौटाने का आदेश दिया। लेकिन सुब्रत राय तय वक्त में ऐसा करने में सफल नहीं हो पाए।

जिसके बाद उन्हें तिहाड़ जेल में भेज दिया गया। हालांकि बाद में उन्हें जमानत भी मिल गई। तिहाड़ के सूत्र बताते है कि उन्हें भी उसी बैरक नम्बर 1 में रखा गया था जहां आज चिदबरम को रखा गया है।

हरिकिशन लाल भगत (एचकेएल भगत)

हरिकिशन लाल भगत 1984 में सिख दंगो के आरोपी रहे है। उन पर आरोप था वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कमल नाथ, जगदीश टाइटलर और सज्जन कुमार के साथ मिलकर उन्होंने उन दंगाइयों का नेतृत्व किया।

जिन्होंने सिखों को मारा और उनका सामान लूट लिया। सजा के तौर पर उन्हें भी तिहाड़ के उसी बैरक नम्बर 1 में रखा गया था। जहां पर आज चिदबरम को रखा गया है।

चंद्रा स्वामी

चंद्रास्वामी, भारत में पैदा हुए एक ऐसे तांत्रिक, थे जिनका संबंध बड़ी-बड़ी राजनीतिक हस्तियों से रहा। फिर चाहे वह नरसिम्हा राव रहे हों , या फिर राजीव गांधी। इंदिरा गांधी के वह गुरु बताए जाते हैं।

23 सितंबर 1995 को सीबीआई ने चंद्रास्वामी खिलाफ एक मामला दर्ज किया। जिसके बाद कुछ ऐसे तथ्य सामने आए जो चौकाने वाले थे।

इस मामले के तहत चंद्रास्वामी के ऊपर दाऊद इब्राहिम के साथ कनेक्शन की बात बाहर आई। 1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद कांग्रेस ने आरोप लगाया कि चंद्रास्वामी ने अदनान खशोगी की मदद से लिट्टे को हथियार पहुंचाए हैं।

चंद्रास्वामी के खिलाफ ईडी और प्रवर्तन निदेशालय ने भी जांच की। इनकम टैक्स ने उनके आश्रम में छापा मारा। इस दौरान उनके विदेश जाने पर रोक लगा दी गई, जोकि 2009 में हटी। छापे में अदनान खशोगी को एक करोड़ रुपए देने के सबूत मिले।

1996 का वक्त रहा होगा, जब उनके जीवन की उल्टी गिनती शुरु हुई। एक के बाद एक उन पर मुकदमे चलने शुरू हो गए तो उन्हें तिहाड़ जेल के बैरक नम्बर 1 में जाना पड़ गया। यही नहीं 2011 में उनके ऊपर 9 करोड़ का जुर्माना भी लगाया गया।

ये भी पढ़ें...यूपी की जेलों में मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने पर होगी 3 साल की सजा

पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम

पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम को एक अदालत ने संचार घोटाले में 5 साल कैद की सजा सुनाई थी। सजा का ऐलान होते ही सुखराम को हिरासत में ले लिया गया। उन्हें भी तिहाड़ जेल भेजा गया था।

अदालत ने सुखराम पर 4 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। संचार घोटाले से जुड़ा यह मामला साल 1996 का है।

इस बीच दिल्ली़ के रोहिणी कोर्ट में सुखराम पर हमले की कोशिश की गई। हमला करने वाले का नाम हरिंदर सिंह बताया जा रहा है।

सुखराम को 1996 में एक निजी फर्म को ठेका देने के लिए तीन लाख रुपये की रिश्वत लेने का दोषी ठहराते हुए दिल्ली की एक अदालत ने सजा सुनाई थी।

विचाराधीन कैदियों को अमूमन जेल नंबर-7 में रखा जाता है

इससे पहले तिहाड़ जेल के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया था कि यूं तो आर्थिक मामलों के विचाराधीन कैदियों को अमूमन जेल नंबर-1 में ही रखा जाता है।

यह अलग बात है कि मौजूदा वक्त में 7 नंबर जेल में कोई हाई-प्रोफाइल आर्थिक अपराधों से जुड़े मामले का कैदी बंद नहीं है। एक कैदी जो बंद था भी करीब एक साल पहले उसे तिहाड़ की ही दूसरी जेल में शिफ्ट कर दिया गया है।

तिहाड़ में बंद हैं 650 कैदी

इस जेल में मौजूदा वक्त में करीब 650 कैदी बंद हैं। चूंकि आर्थिक धोखाधड़ी के मामलों से जुड़े कैदियों की संख्या इस जेल में फिलहाल नगण्य ही ह।

लिहाजा ऐसे में तिहाड़ की 7 नंबर जेल को कुछ समय पहले तक बच्चा जेल भी बनाकर रखा गया था। साथ ही यह जेल बहुत ही संकरी है। इसके कमरे (सेल-कोठरी) बहुत छोटी हैं।

साथ ही इन दिनों इस जेल में महिलाओं से छेड़छाड़ या महिलाओं के साथ अन्य अपराध करने वाले अपराधियों को रखा जाने लगा है।

ये भी पढ़ें...मोदी सरकार ने तैयार की नई नीति, बिजली कटी तो आपको मिलेगा हर्जाना



\
Aditya Mishra

Aditya Mishra

Next Story