×

मोदी सरकार ने तैयार की नई नीति, बिजली कटी तो आपको मिलेगा हर्जाना

Aditya Mishra
Published on: 5 Sept 2019 2:55 PM IST
मोदी सरकार ने तैयार की नई नीति, बिजली कटी तो आपको मिलेगा हर्जाना
X

नई दिल्ली: केंद्र सरकार की नजर बिजली क्षेत्र में सुधारों को आगे बढ़ाने की है।

इसमें सबसे पहले नई टैरिफ नीति का कैबिनेट नोट सभी संबंधी मंत्रालयों को भेज दिया गया है।

नई टैरिफ नीति से देशभर में ग्राहकों को चौबीसों घंटे बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित होगी।

बिजली मंत्री आरके सिंह ने इस बात के संकेत दिए हैं।

आरके सिंह के मुताबिक ग्राहकों के लिए हर वक्त बिजली उपलब्ध कराने की योजना जल्द ही हकीकत बनेगी।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आरके सिंह ने कहा, ‘‘नई टैरिफ पॉलिसी मंत्रिमंडल के पास भेजी जा चुकी है और इसके जल्दी ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है।

इसमें अन्य बातों के अलावा हम ग्राहकों को सातों दिन 24 घंटे बिजली देने का प्रावधान करने जा रहे हैं।’’

ये भी पढ़ें...जाकिर नाइक आ रहा भारत! मोदी ने मलेशियाई PM से की बात

ग्राहकों के खाते में जमा होगी जुर्माने की राशि

प्रस्तावित बिजली-दर नीति के तहत प्राकृतिक आपदा या तकनीकी कारणों को छोड़कर अगर बिजली कटौती की जाती है तो संबंधित वितरण कंपनियों को हर्जाना देना होगा और इसकी धन राशि सीधे ग्राहकों के खाते में जाएगी।

जुर्माने का निर्धारण राज्य विद्युत नियामक आयोग करेगा।

सूत्रों ने कहा कि नई टैरिफ नीति मंत्रिमंडल को भेजी जा चुकी है और इसे जल्दी ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है।

आपको बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जुलाई में अपने बजट भाषण में एक देश एक ग्रिड का लक्ष्य हासिल करने के लिए संरचनात्मक सुधारों पर जोर दिया था।

सीतारमण ने कहा था कि हम क्रॉस सब्सिडी प्रभार, खुली बिक्री पर अवांछनीय शुल्क या औद्योगिक और बिजली के अन्य उपभोक्ताओं के लिए कैप्टिव उत्पादन (निजी उपयोग के लिए) जैसे अवरोधों को हटाने के लिए राज्य सरकारों के साथ काम करेंगे।

इन संरचनात्मक सुधारों के अलावा टैरिफ नीति में महत्वपूर्ण सुधार की आवश्यकता है। बिजली क्षेत्र के टैरिफ और संरचनात्मक सुधारों के पैकेज की घोषणा की जाएगी।

ये भी पढ़ें...मोदी के 50 समझौते! पाकिस्तान की टेंशन टाइट, भारत-रूस साथ-साथ

बिजली बचत के लिए प्रोत्साहित होंगे ग्राहक

नीति में गुणवत्तापूर्ण बिजली देने की भी बात कही गई है। यानी वोल्टेज में उतार-चढ़ाव जैसी समस्याओं से निजात मिलेगी। ट्रांसफॉर्मर में गड़बड़ी जैसी समस्याएं को निश्चित समय सीमा के भीतर दूर करना अनिवार्य होगा।

नई टैरिफ नीति में अन्य बातों के अलावा बिजली सब्सिडी सीधे ग्राहकों के खातों में देने का भी प्रावधान किया गया है। यानी अगर राज्य सरकारें सस्ती बिजली देने की घोषणा करती हैं तो उन्हें सब्सिडी वितरण कंपनियों के बजाए सीधे ग्राहकों के खातों में भेजनी होगी।

सरकार का मानना है कि इस व्यवस्था से ग्राहक बिजली बचत के लिए प्रोत्साहित होंगे। वे अधिक बिजली बचत का प्रयास करेंगे ताकि उन्हें सब्सिडी ज्यादा-से-ज्यादा मिले।

ये भी पढ़ें...इमरान है भिखारी: यकीन मानिए यह सुनकर आप भी यहीं कहेंगे

तीन साल में लगाए जाएंगे स्मार्ट मीटर

साथ ही नई नीति में अगले तीन साल में स्मार्ट / प्रीपेड मीटर लगाने का भी प्रावधान होगा। स्मार्ट / प्रीपेड मीटर से ग्राहक मोबाइल फोन की तरह जरूरत के अनुसार रिचार्ज करा सकेंगे।

इससे जहां एक तरफ बिजली बचत को प्रोत्साहन मिलेगा, वहीं वितरण कंपनियों की वित्तीय सेहत भी अच्छी होगी। इसके अलावा नई नीति के अमल में आने के बाद वितरण कंपनियों को अगर 15 प्रतिशत से अधिक तकनीकी और वाणिज्यिक (एटी एंड सी) नुकसान हो रहा है तो उन्हें इस आधार पर बिजली शुल्क बढ़ाने की अनुमति नहीं होगी।

Aditya Mishra

Aditya Mishra

Next Story