TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

जलियांवाला बाग कांड के 100 साल पूरे: राष्ट्रपति कोविंद और पीएम मोदी ने शहीदों को किया याद

अमृतसर के जलियांवाला बाग के नरसंहार कांड के आज यानी शनिवार को 100 साल पूरे हो गये हैं। इस मौके पर वहां एक खास कार्यक्रम होने वाला है, जिसमें शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाएगी।

Aditya Mishra
Published on: 13 April 2019 8:40 AM IST
जलियांवाला बाग कांड के 100 साल पूरे: राष्ट्रपति कोविंद और पीएम मोदी ने शहीदों को किया याद
X

अमृतसर: अमृतसर के जलियांवाला बाग के नरसंहार कांड के आज यानी शनिवार को 100 साल पूरे हो गये हैं। इस मौके पर वहां एक खास कार्यक्रम होने वाला है, जिसमें शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाएगी।

इस कार्यक्रम में उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू और पंजाब के राज्यपाल शहीदों को श्रदांजलि देंगे। इस मौके पर शहीदों की स्मृति में सिक्का और डाक टिकट जारी किया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर जलियांवाला बाग कांड के शहीदों को याद किया और कहा कि उनका बलिदान कभी भुलाया नहीं जा सकता।



राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जलियांवाला बाग के शहीदों को याद किया। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि '100 वर्ष पहले आज ही के दिन, हमारे प्यारे स्वाधीनता सेनानी जलियांवाला बाग में शहीद हुए थे। वह भीषण नरसंहार सभ्यता पर कलंक है। बलिदान का वह दिन भारत कभी नहीं भूल सकता। उनकी पावन स्मृति में जलियांवाला बाग के अमर बलिदानियों को हमारी श्रद्धांजलि।''



उधर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज जलियांवाला बाग जाकर वहां पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। राहुल गांधी ने स्मारक की विजिटर बुक में लिखा कि आजादी की कीमत को कभी नहीं भूलना चाहिए। हम भारत के लोगों को सलाम करते हैं, जिन्होंने इसके लिए सब कुछ दिया। इस दौरान मौके पर पंजाब सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह भी मौजूद थे।



उधर ब्रिटिश उच्चायुक्त सर डोमिनिक एसक्विथ अमृतसर में स्थित जलियांवाला बाग के शहीद समारक पहुंचे और वहां जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।

एस्क्विथ ने विजिटर्स बुक में लिखा, "जलियांवाला बाग में 100 साल पहले हुई घटना ब्रिटिश भारतीय इतिहास का शर्मनाक अध्याय है। जो हुआ, उसके लिए हमें खेद है। मैं यही कहना चाहता हूं कि 21वीं सदी में भारत और ब्रिटेन विकास के लिए प्रतिबद्ध होकर काम करेंगे।" हाल ही में इस घटना को लेकर ब्रिटिश सरकार ने औपचारिक तौर पर माफी भी मांगी थी।



ये भी पढ़ें...आखिर क्यों! सामाजिक न्याय की लड़ाई में हाशिये पर असल मुद्दे

क्या है जलियांवाला बाग हत्याकांड

अमृतसर के जलियांवाला बाग में 13 अप्रैल, 1919 को महात्मा गांधी की तरफ से देश में चल रहे असहयोग आंदोलन के समर्थन में हजारों लोग एकत्र हुए थे। जनरल डायर ने इस बाग के मुख्य द्वार को अपने सैनिकों और हथियारंबद वाहनों से रोककर निहत्थी भीड़ पर बिना किसी चेतावनी के 10 मिनट तक गोलियों की बरसात कराई थी।

इस घटना में तकरीबन 1000 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 1500 से ज्यादा घायल हुए थे। लेकिन ब्रिटिश सरकार मरने वाले लोगों की संख्या 379 और घायल लोगों की संख्या 1200 बताती है।



ये भी पढ़ें...नाम लिए बिना स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने यूपी के सीएम को बताया जनरल डायर



\
Aditya Mishra

Aditya Mishra

Next Story