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हनुमान जयंती आज: मंदिरों में विशेष तैयारियां, विशेष श्रृंगार के साथ होंगे विविध अनुष्ठान
हनुमान जी का जन्म कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को सायंकाल मेष लग्न में हुआ था। इस स्थिति में सूर्यास्त से लेकर अगले सूर्योदय के बीच हनुमान दर्शन की विशेष महत्ता मानी जाती है।
लखनऊ: दीपावली से एक दिन पूर्व शुक्रवार को नरक चतुर्दशी के साथ ही हनुमान जयंती भी मनाई जाएगी। पूरे देश के हनुमान मंदिरों में इस मौके पर विशेष तैयारियां की गई हैं क्योंकि काफी संख्या में भक्त इस दिन बजरंगबली का दर्शन करने के लिए मंदिरों में उमड़ते हैं।
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इस दौरान हनुमान मंदिरों में विशेष श्रृंगार के साथ विविध अनुष्ठान किए जाएंगे। देश में हनुमान भक्तों की संख्या काफी ज्यादा है और कोरोना स॔कट के बावजूद हनुमान जयंती पर काफी संख्या में भक्तों के हनुमान मंदिर में उमड़ने की उम्मीद जताई जा रही है।
नरक चतुर्दशी के साथ हनुमान जयंती भी मनेगी
हनुमान जी का जन्म कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को सायंकाल मेष लग्न में हुआ था। इस स्थिति में सूर्यास्त से लेकर अगले सूर्योदय के बीच हनुमान दर्शन की विशेष महत्ता मानी जाती है। हनुमान जन्म के अनुष्ठान के बाद ब्रह्म मुहूर्त में हनुमान दर्शन का विधान 14 नवंबर की भोर में पूरा होगा। तेरह नवंबर को शाम छह बजे से चतुर्दशी तिथि शुरू हो जाएगी और इस कारण छोटी दिवाली, नरक चतुर्दशी और हनुमान जयंती 13 नवंबर को ही मनाई जाएगी।
बजरंगबली का नाम लेने से कट जाते हैं संकट
हनुमान भक्तों के लिए हनुमान जयंती का काफी महत्व है और कहा जाता है कि इस दिन हनुमान जी का नाम लेने से ही सारे दुख और संकट कट जाते हैं। इस दिन पंचमुखी हनुमान की भी पूजा की जाती है।
हनुमान जयंती के साथ ही काफी संख्या में लोग शुक्रवार को भी धनतेरस का पर्व मनाएंगे। हनुमान जी को कलयुग का एकमात्र जाग्रत देव माना जाता है। कोरोना संक्रमण के चलते इस बार बड़े आयोजन तो नहीं होंगे, लेकिन हनुमान मंदिरों में बजरंगबली के दर्शन के लिए खास इंतजाम किए गए हैं।
संकटमोचन मंदिर में उमड़ेंगे भक्त
वाराणसी में हनुमान जयंती का मुख्य केंद्र संकटमोचन मंदिर होगा। संकटमोचन मंदिर के प्रति भक्तों की अपार श्रद्धा है और हनुमान जयंती के दिन इस मंदिर में काफी संख्या में भक्तों के उमड़ने की उम्मीद जताई जा रही है। संकटमोचन के अतिरिक्त दुर्गाकुंड स्थित बनकटी हनुमान, शिवाला स्थित शांति हनुमान, हनुमानघाट स्थित बड़े हनुमान मंदिर में भी भक्तों की काफी भीड़ होने की उम्मीद है।
हनुमान जयंती के मौके पर भगवान संकटमोचन के विग्रह का कलेवर भी बदला जाएगा। जानकारों के मुताबिक अर्चक दल के सदस्य संकटमोचन का पुराना कलेवर हटाकर सिंदूर लेपन करेंगे। इस मौके पर रुद्राभिषेक एवं सुंदरकांड के पाठ के बाद भजन संध्या का भी आयोजन किया जाएगा।
राजधानी के मंदिरों में भी विशेष तैयारियां
राजधानी लखनऊ के हनुमान मंदिरों में भी भक्तों के लिए दर्शन के खास इंतजाम किए गए हैं। हनुमान सेतु मंदिर के मुख्य पुजारी चंद्रकांत द्विवेदी के मुताबिक मंदिर के कपाट भोर आरती के साथ ही भक्तों के लिए खुल गए हैं। उन्होंने बताया कि छोटी दीपावली को मां अंजना के कोख से हनुमान जी का जन्म हुआ था।
अलीगंज के पुराने व नए हनुमान मंदिरों में भी शारीरिक दूरी के साथ दर्शन पूजन का इंतजाम किया गया है। पक्कापुल स्थित दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर के पुजारी श्रीराम सिंह ने बताया कि हनुमान जयंती के मौके पर बजरंगबली को सुबह भोग लगाकर प्रसाद वितरण किया गया।
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बीरबल साहनी मार्ग स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर में भी इस मौके पर विशेष आराधना की गई। पुजारी पवन मिश्रा ने बताया श्रद्धालुओं के लिए शारीरिक दूरी के साथ दर्शन की व्यवस्था की गई है। शहर के अन्य हनुमान मंदिरों में भी दर्शन पूजन की विशेष व्यवस्था की गई है।
रिपोर्ट- अंशुमान तिवारी
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