×

समस्याओं से परेशान हैं तो आज जरूर करें भूत पूजा, हो जाएंगे मालामाल

काली चौदस दिवाली के एक दिन पहले मनायी जाती है। इस दिन काली मां की पूजा होती है। मां काली की आराधना का विशेष महत्व होता है। काली मां के आशीर्वाद से शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने में सफलता मिलती है। काली चौदस बुराई पर अच्छाई की जीत का भी प्रतीक है।

Newstrack
Published on: 13 Nov 2020 4:34 AM GMT
समस्याओं से परेशान हैं तो आज जरूर करें भूत पूजा, हो जाएंगे मालामाल
X
समस्याओं से परेशान हैं तो आज जरूर करें भूत पूजा, हो जाएंगे मालामाल

रामकृष्ण वाजपेयी

काली चौदस दिवाली के एक दिन पहले मनायी जाती है। इस दिन काली मां की पूजा होती है। मां काली की आराधना का विशेष महत्व होता है। काली मां के आशीर्वाद से शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने में सफलता मिलती है। काली चौदस बुराई पर अच्छाई की जीत का भी प्रतीक है।

काली चौदस पूजा को भूत पूजा के नाम से भी जाना जाता है। यह पूजा अधिकतर देश के पश्चिमी राज्यों खासकर गुजरात में होती है। कहते हैं इस पूजा को करने से जादू-टोना, बेरोजगारी, बीमारी, शनि दोष, कर्ज़, बिजनेस में हानि जैसी समस्याएं खत्म होती हैं।

ये भी पढ़ें: महिलाओं के लिए खास, सुंदरता चाहती हैं तो आज ही करें ये उपाय

ये चीजें जरुर करें शामिल

काली चौदस की पूजा में अगरबत्ती, धूप, फूल, काली उरद दाल, गंगा जल, हल्दी, हवन सामग्री, कलश, कपूर, कुमकुम, नारियल, देसी घी, चावल, सुपारी, शंख, पूर्णपतत्र, निरंजन, लकड़ी जलाने के लिए माचिस, छोटी-छोटी और पतली लकड़ियां, घंटा (बेल), गुड़, लाल, पीले रंग रंगोली के लिए इस्तेमाल किये जाते हैं।

diwali 2020

पूजा विधि

काली चतुर्दशी पूजा करने से पहले भी अभ्यंग स्नान करना होता है. ऐसी मान्यता है कि अभ्यंग स्नान करने से व्यक्ति नरक में जाने से बच जाता है। यह भी कहा जाता है कि अभ्यंग स्नान में अपने शरीर पर खुशबू लगाकर पूजा पर बैठना चाहिए। काली चौदस पूजा में मां काली की मूर्ति की स्थापना एक चौकी पर करें। जब आप चौकी पर मां काली को स्थापित कर लें उसके बाद दीप जलाएं। इसके बाद हल्दी, कुमकुम, कपूर, नारियल मां काली पर चढ़ाएं।

ये भी पढ़ें: Diwali 2020: आखिर क्या है नरक चतुर्दशी का महत्व, क्यों मनाया जाता है यह पर्व

ऐसा करने से बुराइयां होती हैं दूर

पहले गांव के घरों में इस दिन रात को घर का सबसे बुजुर्ग सदस्य एक दिया जला कर पूरे घर में घुमाता था सूप पीटकर दरिदर भगाता था और फिर दिया ले जाकर घर से बाहर कहीं दूर रख कर आता था। घर का दूसरा कोई सदस्य इस दिए को नहीं देखता। यह दिया यम का दीया कहलाता है। माना जाता है कि पूरे घर में इसे घुमा कर बाहर ले जाने से सभी बुराइयां और कथित बुरी शक्तियां घर से बाहर चली जाती हैं।

इसलिए दिवाली के एक दिन पहले भूत पूजा अवश्य करनी चाहिए।

ये भी पढ़ें: प्रदूषण में आई कमी, लोगों ने ली राहत की सांस, ये है बड़ी वजह

Newstrack

Newstrack

Next Story