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निकिता को मिली बड़ी राहत: गिरफ्तारी पर रोक, टूलकिट केस में लगे हैं ये आरोप

बॉम्बे हाई कोर्ट ने निकिता जैकब की गिरफ्तारी पर तीन हफ्ते तक के लिए रोक लगा दी है। इससे पहले कोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने शांतनु मुलुक को दस दिन की अग्रिम ट्रांजिट जमानत दी थी।

Shreya
Published on: 17 Feb 2021 8:02 AM GMT
निकिता को मिली बड़ी राहत: गिरफ्तारी पर रोक, टूलकिट केस में लगे हैं ये आरोप
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निकिता को मिली बड़ी राहत: गिरफ्तारी पर रोक, टूलकिट केस में लगे हैं ये आरोप

मुंबई: टूलकिट केस (Toolkit Case) में मुंबई हाईकोर्ट की वकील और एक्टिविस्ट निकिता जैकब (Nikita Jacob) को बड़ी राहत मिली है। बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay high court) ने बुधवार को निकिता जैकब की गिरफ्तारी पर तीन हफ्ते तक के लिए रोक लगा दी है। निकिता पर आरोप है कि किसान आंदोलन से जुड़े टूलकिट को बनाने के मामले में उन्होंने अहम भूमिका निभाई है।

शांतनु मुलुक को भी मिली अग्रिम ट्रांजिट जमानत

बता दें कि इससे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने शांतनु मुलुक को दस दिन की अग्रिम ट्रांजिट जमानत दी थी। इस आदेश को ध्यान में रखते हुए निकिता को राहत दी गई है। वहीं कोर्ट में वकील ने निकिता जैकब का पक्ष रखते हुए कहा कि उनका हिंसा भड़काने का कोई धार्मिक, राजनीतिक और वित्तीय मकसद नहीं था। जैकब की ओर से पेश वकील मिहिर देसाई ने औरंगाबाद बेंच द्वारा सुनाया गया आदेश जस्टिस नाइक के समक्ष रखा।

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दिल्ली पुलिस के वकील ने कही ये बात

वहीं, दिल्ली पुलिस की तरफ से पेश हुए वकील हितेन वेनगोकर ने अदालत में कहा कि वह ट्रांजिट बेल पर हाई कोर्ट के स्टिस एएस गडकरी द्वारा दिए गए फैसले पर विचार करें। गौरतलब है कि निकिता ने चार हफ्ते के लिए ट्रांजिट अग्रिम जमानत की मांग की थी, ताकि वह राजधानी दिल्ली में अग्रिम जमानत याचिका दायर करने के लिए संबंधित अदालत का रूख कर सके।

क्या है निकिता पर आरोप

आपको बता दें कि निकिता जैकब के घर पर 11 फरवरी को छापा मारा गया था। इस दौरान घर की तलाशी ली गई और कई चीज जब्त की गई थी। निकिता और शांतनु पर आरोप है कि दोनों खालिस्तानी समर्थकों के साथ संपर्क में थे और उनके ही इशारे पर टूलकिट गूगल डॉक्यूमेंट क्रिएट किया था। शांतनु के ई-मेल अकाउंट से टूलकिट गूगल डॉक्यूमेंट बनाया गया था। जिसे निकिता और दिशा ने एडिट किया था और फिर इसे अलग अलग ग्रुप्स में शेयर भी किया गया।

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ये वहीं टूलकिट है जो ग्रेटा थनबर्ग ने ट्वीट किया था। ग्रेटा थनबर्ग के ट्विटर अकाउंट से ये टूलकिट लीक होने के बाद इस मामले की जांच शुरू कर दी गई। जांच के दौरान इसके तार बेंगलुरू की पर्यावरण एक्टिविस्ट दिशा रवि, मुंबई हाईकोर्ट की वकील और एक्टिविस्ट निकिता जैकब, महाराष्ट्र के बीड के इंजीनियर और एक्टिविस्ट शांतनु मुलुक से जुड़े मिले। मामले में दिशा रवि की गिरफ्तारी हो चुकी है

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