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देश का सबसे बड़ा गद्दार! किया ऐसा विश्वासघात कि खून से सन गया इतिहास का पन्ना

तो आइए हम आपको एक ऐसे गद्दार के बारे में बताते हैं जो कि इतिहास का सबसे बड़ा गद्दार कहा जा सकता है। दरअसल, ये गद्दार है गणोजी शिर्के। ये छत्रपति संभाजी महाराज का साला यानि (उनकी पत्नी का सगा भाई)था। आइए आपको बताते हैं इसके विश्वासघात के बारे में...

Shivakant Shukla
Published on: 15 Feb 2020 4:41 PM IST
देश का सबसे बड़ा गद्दार! किया ऐसा विश्वासघात कि खून से सन गया इतिहास का पन्ना
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लखनऊ: यदि हम इतिहास की बात करें तो विदेशी आक्रमणकारियों का नाम पहले आता है। लेकिन इसी इतिहास के पन्नों में कुछ ऐसे गद्दारों का भी नाम है जिनके विश्वासघात को आज भी लोग भूल नहीं पाते हैं। तो आइए हम आपको एक ऐसे गद्दार के बारे में बताते हैं जो कि इतिहास का सबसे बड़ा गद्दार कहा जा सकता है। दरअसल, ये गद्दार है गणोजी शिर्के। ये छत्रपति संभाजी महाराज का साला यानि (उनकी पत्नी का सगा भाई)था। आइए आपको बताते हैं इसके विश्वासघात के बारे में...

किया था ये विश्वासघात

औरंगजेब दख्खन में से मराठों को ख़त्म करने के उद्देश्य से दिल्ली से 5-6 लाख की फौज,ढेर सरे हाथी,तोफ,धनराशि लेकर दख्खन आया था। लेकिन संभाजी ने उससे ऐसे लड़ाई लड़ी की औरंगजेब को मराठों का पहला किला जीतने में ही करीब छह साल लग गए। संभाजी अपने सेना के साथ निपुणता से औरंगजेब के भव्य सेना से लोहा ले रहे थे।

लेकिन 1687 के वाई के युद्ध में शूरवीर मराठा सेनापति हम्बीरराव मोहिते मारे गए और मराठे कमजोर पड़ गए, तो इसी दौरान संभाजी के साले गणोजी शिर्के ने औरंगजेब के साथ मिलीभगत करके, छल से संभाजी और उनके करीबी साथी कवी-कलश को गिरफ्तार करवा दिया।

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संभाजी को औरंगजेब ने आमंत्रण दिया की वे इस्लाम काबुल करले तो उन्हें छोड़ दिया जाएगा और खुद औरंगजेब की बेटी से शादी करवा दी जाएगी। लेकिन संभाजी ने अपना धर्म छोड़ने से इंकार कर दिया।धर्म के लिए इस बलिदान हेतु उन्हें “धर्मवीर” कहा जाता है।

किया गया ये अत्याचार

औरंगजेब ने पहले तो उन्हें फटे कपडे पहना कर उनकी परेड़िंग करवाई और फिर गरम सलाखों से उनकी दोनों आखें फुड़वा दी, उनकी चमड़ी उधेड़वा दी,नाख़ून उखाड़ दिए गए,कुछ दिनों तक उनके जीवित शरीर को सड़ने दिया ताकि चील कौवे खा सके और उन्हें पीड़ा हो और अंत में उनके शरीर के टुकड़े टुकड़े कर जंगल में फिकवा दिया। इस सारी फसाद की वजह विश्वासघात गणोजी शिर्के ही था, जिसकी वजह से संभाजी को ये यातनाएं झेलनी पड़ी।

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Shivakant Shukla

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