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Supreme Court: अब ट्रांसजेंडर को भी शिक्षा और रिजर्वेशन का सामान अधिकार, SC का केंद्र और राज्य को फ़रमान जारी

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को बड़ा तोहफा दिया है। अब ट्रांसजेडर व्यक्तियों को शिक्षण संस्थानों और नौकरियों में आरक्षण मिलेगा। इस बारे में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया है।

Jugul Kishor
Published on: 26 Aug 2023 12:52 PM IST (Updated on: 26 Aug 2023 12:56 PM IST)
Supreme Court: अब ट्रांसजेंडर को भी शिक्षा और रिजर्वेशन का सामान अधिकार, SC का केंद्र और राज्य को फ़रमान जारी
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Supreme Court (Social Media)

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को बड़ा तोहफा दिया है। अब ट्रांसजेडर व्यक्तियों को शिक्षण संस्थानों और नौकरियों में आरक्षण मिलेगा। इस बारे में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया है। दरअसल, केरल के एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति ने सुप्रीम कोर्ट ने याचिका दाखिल की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने केंद्र और राज्य सरकारों से जवाब मांगा है।

केंद्र सरकार पहले ही दे चुकी है जवाब

इसी तरह की याचिका पर जवाब देते हुए केंद्र सरकार पहले कह चुकी है कि शैक्षणिक संस्थानों में या फिर नौकरियों में पहले से मौजूद आरक्षण का लाभ उठाया जा सकता है। हालांकि कोई नया आरक्षण नहीं दिया जा रहा है। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के सचिव ने हलफनामा दायर कर कहा था कि एससी/एसटी/एसईबीसी समुदायों से संबंधित पहले से ही आरक्षण के अधिकारी हैं। इसके अलावा आठ लाख रूपए की वार्षिक पारिवारिक आय वाले ट्रांसजेंडर भी ईडब्लूएस श्रेणी के तहत आरक्षण में शामिल हैं।

ये है पूरा मामला

सीजेआई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए पूछा कि क्या संविधान 14, 19, और 21 के तहत ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को आरक्षण नहीं दिया जाना चाहिए? यह याचिका सुबी केसी नाम के ट्रांसजेंडर ने दायर की थी और कहा था की ट्रांसजेंडरों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने की आदेश जारी किया जाना चाहिए। सुबी ने सुप्रीम कोर्ट को कई उदाहरण देते हुए बताया कि ट्रांसजेंडर सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्तर पर पिछड़े हुए हैं। याचिकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट के 2014 के नालसा बनाम भारत सरकार के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि सरकारों को उसका सम्मान नहीं किया, जबकि फैसले में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को पिछड़े वर्ग में रखने को कहा गया है।

Jugul Kishor

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