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Delhi High Court: दिल्ली हाईकोर्ट का केंद्र, चुनाव आयोग और विपक्षी दलों को नोटिस

Delhi High Court: इंडिया गठबंधन के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर हाईकोट ने की सुनवाई। याचिकाकर्ता ने कहा, कई राजनीतिक दल हमारे राष्ट्रीय ध्वज को अपने गठबंधन के लोगों के रूप में उपयोग कर रहे हैं, जो कि निर्दोष नागरिकों की सहानुभूति और वोट हासिल करने और उन्हें बढ़ावा देने के लिए एक और रणनीतिक कदम है।

Ashish Pandey
Published on: 4 Aug 2023 6:58 AM GMT
Delhi High Court: दिल्ली हाईकोर्ट का केंद्र, चुनाव आयोग और विपक्षी दलों को नोटिस
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new alliance india (photo: social media )

Delhi High Court: दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार, चुनाव आयोग और विपक्षी दलों को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस दिल्ली हाकोर्ट में कई राजनीतिक दलों को संक्षिप्त नाम भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (आई.एन.डी.आई.ए) के उपयोग पर रोक लगाने का निर्देश देने की मांग को लेकर दायर की गई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किया। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस संजीव नरूला की खंडपीठ ने याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की। दिल्ली हाकोर्ट ने केंद्र सरकार, चुनाव आयोग और विपक्षी दलों को नोटिस जारी किया है।

जो अंततः राजनीतिक हिंसा को जन्म देगी-

याचिकाकर्ता गिरीश उपाध्या ने अधिवक्ता वैभव सिंह के माध्यम से कहा कि कई राजनीतिक दल हमारे राष्ट्रीय ध्वज को अपने गठबंधन के लोगों के रूप में उपयोग कर रहे हैं, जो कि निर्दोष नागरिकों की सहानुभूति और वोट हासिल करने और उन्हें बढ़ावा देने के लिए एक और रणनीतिक कदम है। यह चिंगारी जो राजनीतिक घृणा को जन्म दे सकती है जो अंततः राजनीतिक हिंसा को जन्म देगी।

उन्होंने कहा कि इंडिया भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन का संक्षिप्त रूप है, जो अगले साल के लोकसभा चुनावों में भाजपा का मुकाबला करने के लिए 26 पार्टियों के नेताओं द्वारा घोषित एक विपक्षी मोर्चा है। याचिका में आरोप लगाया गया कि राजनीतिक दल दुर्भावनापूर्ण इरादे से संक्षिप्त नाम इंडिया का उपयोग कर रहे हैं जो न केवल हमारे देश में बल्कि विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्मों पर भी हमारे महान राष्ट्र यानी भारत की सद्भावना को कम करने के लिए कारक के रूप में कार्य करेगा।

याचिका में कहा गया कि यदि भारत शब्द का उपयोग भारतीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया द्वारा एक संक्षिप्त शब्द के रूप में किया जाएगा, लेकिन इसके पूर्ण रूप (भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन) में नहीं, तो इससे निर्दोष नागरिकों के बीच भ्रम की भावना पैदा होगी। गठबंधन यानी आई.एन.डी.आई.ए. 2024 के लोकसभा के आम चुनाव में हार जाता है तो इसे भारत के रूप में पेश किया जाएगा क्योंकि भारत देश पूरा हार गया है, जो देश के निर्दोष नागरिकों की भावनाओं को फिर से आहत करेगा जिससे राजनीतिक हिंसा हो सकती है।

कानून व्यवस्था भी प्रभावित हो सकती है-

याचिका में कहा गया कि इन राजनीतिक दलों के कृत्य से आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान शांतिपूर्ण, पारदर्शी और निष्पक्ष मतदान पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, जिससे नागरिकों को अनुचित हिंसा का सामना करना पड़ सकता है और देश की कानून व्यवस्था भी प्रभावित हो सकती है।

याचिका में गृह मंत्रालय, सूचना और प्रसारण मंत्रालय और भारत के चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग की गई है। संक्षिप्त नाम आई.एन.डी.आई.ए. का उपयोग करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करें। याचिका में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, टीएमसी, आरएलडी, जेडीयू, समाजवादी पार्टी, डीएमके, आम आदमी पार्टी, जेएमएम, एनसीपी, शिव सेना (यूबीटी), राजद, अपना दल (कमेरावादी), पीडीपी, जेकेएनसी, सीपीआई के नामों का उल्लेख किया गया है। सीपीआई (एम), एमडीएमके, कोंगनाडु मक्कल देसिया काची (केएमडीके), विदुथलाई चिरुथिगल काची, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक, केरल कांग्रेस (जोसेफ), केरल कांग्रेस (मणि) और मनिथानेया मक्कल काची (एमएमके) को पक्ष बनाया गया है।

Ashish Pandey

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