Blood Donation: क्या होते हैं ट्रांसजेंडर, क्यों नहीं कर सकते रक्तदान, जानिए सब कुछ

Anshuman Tiwari
Published on: 14 March 2023 3:44 PM GMT
Blood Donation: क्या होते हैं ट्रांसजेंडर, क्यों नहीं कर सकते रक्तदान, जानिए सब कुछ
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Blood Donation: ट्रांसजेंडर क्या होता है, इसे लेकर काफी लोगों में भ्रम बना हुआ है। क्या होते हैं ट्रांसजेंडर और यही शब्द इनके लिए क्यों इस्तेमाल किया जाता है, जानते हैं इनके बारे में। ट्रांसजेंडर को हिंदी में परलैंगिक कहा जाता है। यानी ऐसे व्यक्ति जिसका लिंग उसके जन्म के समय के नियत लिंग से मेल नहीं खाता है। ट्रांसजेंटर में ट्रांस मेन, ट्रांस वीमेन, इंटरसेक्स और जेंडर क्वीयर आते हैं। साथ ही ट्रांसजेंडर में किन्नर भी शामिल किये गए हैं।

सुप्रीमकोर्ट का फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में एक फैसले में भारतीय कानून में ट्रांसजेंडर को तीसरे लिंग के रूप में घोषित किया है। यानी स्त्री, पुरुष के अलावा तीसरा जेंडर। 2014 में नेशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी और भारत सरकार के बीच एक मुकदमे के फैसला को सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसजेंडर को ”थर्ड जेंडर” यानी तीसरे लिंग के रूप में माना।

कौन आते हैं इस श्रेणी में

ट्रांसजेंडर शब्द उन लोगों के लिए प्रयोग किया जाता है जिनकी एक लैंगिक पहचान या अभिव्यक्ति उस लिंग से अलग होती है, जो उन्हें उनके जन्म के समय दी गई होती है। इसमें वे लोग भी शामिल हो सकते हैं जो अपने आप को किसी विशेष रूप से मर्दाना या स्त्री महसूस नहीं करते हैं। मिसाल के तौर पर, यदि किसी व्यक्ति को जन्म के समय स्त्रीलिंग का माना गया हो, किंतु वह अपने आप को स्त्री के रूप में न देखकर पुरुष के रूप में देखे और वैसे ही बर्ताव करे।तो ऐसे व्यक्ति को ट्रांसमैन या परलैंगिक पुरुष कहा जाएगा। इसी प्रकार यदि कोई जन्म के समय शरीर की बनावट को देख कर पुरुष माना गया हो किंतु वह अपने आप को स्त्री के रूप में देखे और वैसे ही व्यवहार करें तो उसे ट्रांसवूमन या परलंगिक महिला कहा जाएगा। ट्रांसजेंडर शब्द मोटे तौर पर क्रॉस-ड्रेसर को शामिल करने के लिए भी परिभाषित किया जा सकता है। क्रॉसड्रेसर यानी विपरीत लिंग के समान कपड़े आदि पहनना। कोई ऐसा व्यक्ति जो पूरी तरह ना तो पुरुष होता है और ना ही महिला उन्हें तीसरे लिंग के रूप में मान्यता दी गई है। समलैंगिकों की तरह ट्रांसजेंडर की कोई लैंगिक अनुरूपता नहीं होती है। ट्रांसजेंडर व्यक्ति पुरुष और महिला दोनों की तरफ आकर्षित हो सकता है।

ट्रांससेक्सुअल

ट्रांससेक्सुअल ऐसा ट्रांसजेंडर व्यक्ति होता है जो स्थायी रूप से अपना लिंग परिवर्तित करवा लेता है, जिसमें वह पहचाना जाता है। सर्जरी और हार्मोन चिकित्सा के द्वारा उसके शरीर में परिवर्तन कर उस लिंग से मिलाया जाता है जिस रूप में वह पैदा हुआ होता है। लिंग परिवर्तित करवाने की इस प्रक्रिया में आमतौर पर कई साल लग जाते हैं।

थर्ड जेंडर

ज्यादातर ट्रांसजेंडर या ट्रांससेक्सुअल व्यक्ति, महिला या पुरुष के रूप में पहचाने जाते हैं लेकिन दूसरे लोग उन्हें इन दोनों से भिन्न रूप में अर्थात् थर्ड जेंडर के रूप में देखते हैं। हिंदू, जैन, बौद्ध धर्मग्रंथों और आमतौर पर भारतीय संस्कृति और यहां तक कि कामसूत्र में भी ट्रांसजेंडर के बारे में कई जगह उल्लेख किया गया है।

रक्तदान से वंचित

2017 के एक आदेश के अंतर्गत भारत मे ट्रांसजेंडर्स को रक्तदान की इजाजत नहीं है।
केकेंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि ट्रांसजेंडर व्यक्तियों, होमोसेक्सुअल, और महिला यौनकर्मियों को एचआईवी, हेपेटाइटिस बी या सी के जोखिम वाले व्यक्तियों की कैटेगरी में रखा गया है और ऐसा करना वैज्ञानिक साक्ष्य पर आधारित है।
सरकार का कहना है कि ये लोग जोखिम श्रेणी के जनसंख्या समूह हैं और कभी-कभी, जनता स्वास्थ्य के परिप्रेक्ष्य को व्यक्तिगत अधिकारों पर हावी होना चाहिए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि विभिन्न अध्ययनों के अनुसार ऐसे लोगों में एचआईवी और हेपेटाइटिस बी या सी का प्रसार अधिक पाया जाता है। विशेषज्ञों ने रक्तदान से दो तरह के लोगों को बाहर रखने के की सिफारिश की है। कई यूरोपीय देशों में समलैंगिक पुरुषों को इसी तरह रक्तदान से बाहर रखा गया है। सरकार ने कहा है कि यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि ट्रांसजेंडर्स, पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुष और महिला यौनकर्मियों को एचआईवी, हेपेटाइटिस का खतरा अधिक रहता है।

Anshuman Tiwari

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