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ADR आय की रफ्तार के अनुपात में इस पार्टी ने भाजपा, कांग्रेस को दे दी मात

यहां ध्यान देने की बात यह है कि सीपीएम की आय इन वर्षों में 3.71 फीसद घटकर 3.887 करोड़ रही है। एनसीपी ने 2017-18 में अपनी आय 8.15 करोड़ रुपये घोषित की थी लेकिन 2018-19 में अपनी ऑडिट रिपोर्ट नहीं दी है।

राम केवी
Published on: 15 Jan 2020 3:54 PM GMT
ADR आय की रफ्तार के अनुपात में इस पार्टी ने भाजपा, कांग्रेस को दे दी मात
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नई दिल्ली। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म ADR की एक रिपोर्टे के अनुसार तृणमूल कांग्रेस ने अपनी आय की वृद्धि की रफ्तार में भाजपा और कांग्रेस जैसी बड़ी पार्टियों को पीछे छोड़ दिया है। भाजपा की आय में दो वर्षों के तुलनात्मक अध्ययन में 135 फीसदी की वृद्धि हुई है। भाजपा ने 2017-18 में 1027.34 करो़ड़ रुपये घोषित की थी जबकि 2018-19 में यिल पार्टी की आय में रिकार्ड तोड़ वृद्धि से यह बढ़कर 2410.18 करोड़ रुपये हो गयी। कांग्रेस की आय में भी इन दोनों दरम्यानी वर्षों के अंतराल के दौरान 361 फीसद की अभूतपूर्व वृद्धि हुई और इसकी आय 2017-18 के 199.15 करोड़ रुपये से 2018-19 में बढ़कर 918.03 करोड़ रुपये हो गई है।

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यहां ध्यान देने की बात यह है कि सीपीएम की आय इन वर्षों में 3.71 फीसद घटकर 3.887 करोड़ रही है। एनसीपी ने 2017-18 में अपनी आय 8.15 करोड़ रुपये घोषित की थी लेकिन 2018-19 में अपनी ऑडिट रिपोर्ट नहीं दी है।

दान से सबसे कमाई की दलों ने

ADR की रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय दलों के तीन मुख्य आय के स्रोतों में इन दलों ने दान से सबसे अधिक धन प्राप्त किया है। भाजपा ने 2354.02 करोड़, कांग्रेस ने 551.55 करोड़, तृणमूल कांग्रेस ने 141.54 करोड़ और सीपीआई ने 4.08 करोड़ प्राप्त किया है जबकि 2018-19 में भाजपा ने पूरे देश में स्वैच्छिक योगदान में सबसे अधिक 2354.02 करोड़ प्राप्त किया जो कि कुल आय का 97.67 फीसद है। कांग्रेस को सबसे अधिक आय 551.55 करोड़ अनुदान/दान/योगदान से प्राप्त हुआ जो कि कुल आय का 60.08 फीसद है।

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2018-19 में भाजपा ने 792.39 करोड़ का खर्च चुनाव/सामान्य प्रचार में और 178.35 करोड़ प्रशासनिक व्यय में घोषित किया है। जबकि कांग्रेस ने सबसे अधिक व्यय चुनाव खर्च में 309 करोड़ और प्रशासनिक व्यय 126 करोड़ घोषित किया है।

ADR सर्वे के अनुसार 2018-19 में सभी प्रमुख छह दलों ने सबसे अधिक 83.50 फीसद 3088.43 करोड़ की आय स्वैच्छिक योगदान से प्राप्त की है। इनमें भी केवल भाजपा कांग्रेस व तृणमूल कांग्रेस ने चुनावी बॉंड से 1931.43 करोड़ की आय प्राप्त की है। सभी छह दलों ने अन्य योगदान से 1157 करोड़ की आय दर्शायी है।

दानदाताओं के नाम सार्वजनिक हों

ADR की रिपोर्ट में कहा गया है कि दान दाताओं की गुमनामी को देखते हुए चुनावी बांड 2018-19 में राष्ट्रीय दलों का सबसे लोकप्रिय स्रोत बनकर उभरा है। राष्ट्रीय दलों की 52 फीसद से अधिक आय दान राशि के चुनावी बांड से आयी है। चुनाव आयोग की साइट देखने से यह भी पता चलता है कि अभी तक केवल पांच दलों (बीजेडी, टीआरएस, वायएसआर-कांग्रेस, जेडीएस और एसडीएफ) को ही 490.59 करोड़ का दान चुनावी बांड से मिला है।

ADR का सुझाव है कि गुमनाम दानदाताओं का नाम सार्वजनिक किया जाए जैसा कि भूटान, इटली, फ्रांस, जर्मनी, ब्राजील, बुल्गारिया, अमेरिका आदि देशों में होता है। एडीआर का यह भी कहना है कि चुनावी बांड्स योजना को खत्म किया जाना चाहिए।

राम केवी

राम केवी

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