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नीतीश और तेजस्वी की बीस मिनट की मुलाकात ने दिखाया रंग, पास हो गया ये प्रस्ताव

बिहार की सियासत में बीस मिनट की मुलाकात ने रंग दिखाया। इस मुलाकात को गेम चेंजिंग माना जा रहा है। दरअसल विधानसभा में सीएम नीतीश कुमार के चैंबर में तेजस्वी यादव की 20 मिनट की राजनीतिक मुलाकात ने बिहार के सियासी हलकों में तूफान मचा दिया।

Roshni Khan
Published on: 26 Feb 2020 7:52 AM GMT
नीतीश और तेजस्वी की बीस मिनट की मुलाकात ने दिखाया रंग, पास हो गया ये प्रस्ताव
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नीतीश और तेजस्वी की बीस मिनट की मुलाकात ने दिखाया रंग, पास हो गया ये प्रस्ताव

पटना: बिहार की सियासत में बीस मिनट की मुलाकात ने रंग दिखाया। इस मुलाकात को गेम चेंजिंग माना जा रहा है। दरअसल विधानसभा में सीएम नीतीश कुमार के चैंबर में तेजस्वी यादव की 20 मिनट की राजनीतिक मुलाकात ने बिहार के सियासी हलकों में तूफान मचा दिया। इस मुलाकात में ही बिहार में एनआरसी को लागू न करने और एनपीआर को 2010 के प्रावधानों के अनुसार लागू करने के प्रस्ताव की पृष्ठभूमि तैयार हुई।

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तेजस्वी की बात पर नीतीश की रजामंदी

नीतीश के राजद को छोड़कर भाजपा से हाथ मिलाने के बाद लगातार नीतीश पर हमलावर चल रहे तेजस्वी की इस मुलाकात के बारे में शायद किसी ने भी नहीं सोचा था। नीतीश और तेजस्वी के बीच करीब तीन साल बाद बीस मिनट की यह मुलाकात हुई। मुलाकात के दौरान राजद के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी और कांग्रेस विधायक अवधेश नारायण सिंह भी मौजूद थे। मुलाकात के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने अपनी धर्मनिरपेक्ष छवि दिखाने की पूरी कोशिश की। दूसरी ओर तेजस्वी ने एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ प्रस्ताव पारित कराने पर जोर दिया। तेजस्वी की इस बात पर नीतीश ने तुरंत ही अपनी सहमति भी दे दी। बाद में सदन में वही हुआ जो इस मुलाकात में तय हुआ था।

सियासी हलकों में शुरू हुईं नई चर्चाएं

इस मुलाकात के बाद सियासी हलकों में चाचा-भतीजे के एक साथ आने की चर्चाएं शुरू हो गईं। जानकारों का कहना है कि इन दिनों नीतीश मुस्लिमों में अपनी कमजोर पड़ती पकड़ को लेकर परेशान हैं। अपनी छवि को धर्मनिरपेक्ष छवि को बनाए रखने के लिए उन्होंने एनआरसी को लागू न करने का प्रस्ताव पारित करा दिया। इस कदम को नीतीश का मास्टरस्ट्रोक बताया जा रहा है क्योंकि इसके जरिये उन्होंने मुस्लिमों को संदेश दिया है कि भाजपा के साथ रहते हुए भी वे मुस्लिमों के लिए चिंतित हैं।

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नीतीश के रवैये से भाजपा नाखुश

दूसरी ओर भाजपा इस मुद्दे पर खुलकर तो कुछ नहीं कह रही है मगर भाजपा के मंत्री विनोद सिंह, विजय सिन्हा और मंत्री प्रेम कुमार ने दबी जुबान में इस प्रस्ताव पर अपनी असहमति जताई है। भाजपा विधायक मिथिलेश तिवारी का कहना है कि एनआरसी में पीएम नरेन्द्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह जो भी फैसला लेंगे, वही हमें मंजूर होगा। सियासी जानकारों के मुताबिक भाजपा को नीतीश और तेजस्वी के बीच पक रही खिचड़ी की भी चिंता है। भाजपा नीतीश-तेजस्वी के बीच हुई सियासी मुलाकात का मतलब निकालने में लगी है।

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