×

फर्जी गन लाइसेंस मामला: CBI ने किया IAS राजीव रंजन को गिरफ्तार

फर्जी गन लाइसेंस मामले में सीबीआई ने दो अफसरों आईएएस कुमार राजीव रंजन और सेवानिवृत्त केएएस इतरत हुसैन रफीकी को रविवार को गिरफ्तार कर लिया। दोनों के खिलाफ फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कुपवाड़ा जिले में डीसी रहने के दौरान बड़ी संख्या में गैर प्रांतीय लोगों को शस्त्र लाइसेंस जारी करने के मामले में कार्रवाई की गई है

suman
Published on: 2 March 2020 7:40 AM GMT
फर्जी गन लाइसेंस मामला: CBI ने किया IAS राजीव रंजन को गिरफ्तार
X

नई दिल्ली:फर्जी गन लाइसेंस मामले में सीबीआई ने दो अफसरों आईएएस कुमार राजीव रंजन और सेवानिवृत्त केएएस इतरत हुसैन रफीकी को रविवार को गिरफ्तार कर लिया। दोनों के खिलाफ फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कुपवाड़ा जिले में डीसी रहने के दौरान बड़ी संख्या में गैर प्रांतीय लोगों को शस्त्र लाइसेंस जारी करने के मामले में कार्रवाई की गई है। राजीव रंजन इस समय जम्मू विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष हैं।

यह पढ़ें....विजय भूषण IG भर्ती बोर्ड और सत्येंद्र कुमार PTC सीतापुर से IG रेलवे लखनऊ ट्रांसफर

जांच के दौरान

सीबीआई को जांच के दौरान रंजन और रफीकी की भूमिका के बारे में पता चला था। रंजन 2015 से 2016 तथा रफीकी 2013 से 2015 तक कुपवाड़ा के डीसी रहे थे। सीबीआई ने 2012 से 2016 तक अलग-अलग जिलों के डीसी की ओर से भारी संख्या में हथियार लाइसेंस जारी किए जाने के मामले में 17 मई, 2018 को मुकदमा दर्ज किया था।

जांच के दौरान डीसी रहते हुए इन दोनों अधिकारियों की संदिग्ध भूमिका सामने आई थी। इसमें भारी मात्रा में पैसे लेकर लाइसेंस जारी करने का भी खुलासा हुआ था। सूत्रों के अनुसार मामले में जल्दी ही कुछ और अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है। इनमें 2012 से 2016 तक बारामुला, शोपियां, राजोरी, उधमपुर, डोडा और रामबन जिले में डीसी रह चुके अधिकारी प्रमुख रूप से शामिल हैं।

घरों पर छापा मार कर तलाशी

30 दिसंबर, 2019 को सीबीआई ने आईएएस अधिकारी यशा मुदगल, कुमार राजीव रंजन, इतरत हुसैन रफीकी, मोहम्मद सलीम, मोहम्मद जुनैद खान, एफसी भगत, फारूक अहमद खान और जहांगीर अहमद के घरों पर छापा मार कर तलाशी ली थी। इस ऑपरेशन को एटीएस ने जुबैदा नाम दिया था। एटीएस को जांच में 50 से अधिक लोगों के पास जम्मू-कश्मीर से जारी गन लाइसेंस मिले थे, जो फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हासिल किए गए थे। एटीएस ने जिन लोगों को पकड़ा था, उनमें एक आईएएस अफसर का भाई भी था। एटीएस को जांच में यह भी पता चला था कि 3,367 सुरक्षाकर्मियों ने भी जम्मू-कश्मीर से गन लाइसेंस हासिल किए हैं।

यह पढ़ें....आ रहा है दुनिया का पहला 44MP कैमरे वाला फोन, फीचर ऐसी कि खरीदने से खुद को रोक नहीं पायेंगे

धोनी ने भी यहां से लाइसेंस के लिए आवेदन किया था

जम्मू-कश्मीर से 4.29 लाख लाइसेंस जारी करने की बात जांच में सामने आई है। इसमें 90 फीसदी लाइसेंस दूसरे राज्य के लोगों को जारी किए गए हैं। डोडा, रामबन और उधमपुर जिले से जारी एक लाख 43 हजार 13 लाइसेंस में से एक लाख 32 हजार 321 लाइसेंस दूसरे राज्यों में रहने वालों को जारी किए गए। टीम इंडिया के कप्तान रहे महेंद्र सिंह धोनी ने भी यहां से लाइसेंस के लिए आवेदन किया था, जिसे रद्द कर दिया गया था।

फर्जी गन लाइसेंस में गिरफ्तार किए गए इतरत हुसैन रफीकी के खिलाफ एंटी क्रप्शन ब्यूरो ने भ्रष्टाचार के मामले में गत शुक्रवार को बारामुला के एंटी करप्शन कोर्ट में चालान पेश किया था। यह मामला 2015 के दौरान सब स्टैंडर्ड मैटिंग और अन्य फर्निशिंग आइटम की खरीद का है। आरोप है कि जिला स्तर की खरीद कमेटी ने मैटिंग और फर्निशिंग आइटम अधिक दामों पर खरीदीं। इससे सरकारी खजाने में सेंधमारी की गई।

suman

suman

Next Story