TRENDING TAGS :
एक्शन में उद्धव सरकार: पालघर मॉब लिंचिंग आरोपियों की लिस्ट होगी जारी, नहीं बचेगा कोई
बीते दिन महाराष्ट्र के पालघर में हुए दर्दनाक हादसे में दो साधुओं और उनके ड्राइवर की मॉब लिंचिंग करके जान से मार दिया गया था। महाराष्ट्र की उद्धव सरकार ने मॉब लिंचिंग करने वाले
महाराष्ट्र: बीते दिन महाराष्ट्र के पालघर में हुए दर्दनाक हादसे में दो साधुओं और उनके ड्राइवर की मॉब लिंचिंग करके जान से मार दिया गया था। महाराष्ट्र की उद्धव सरकार ने मॉब लिंचिंग करने वाले आरोपियों का नाम आज जारी करने का फैसला किया है। राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने बताया कि हम सभी आरोपियों के नाम आज व्हाट्सएप के जरिए जारी करेंगे। इस मामले में अबतक 101 आरोपियों को गिरफ्त में लिया जा चुका है।
सूची में कोई मुस्लिम नहीं
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि सीआईडी में एक विशेष आईजी स्तर के अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे हैं, लेकिन मैं बताना चाहूंगा कि पुलिस ने अपराध के 8 घंटे के भीतर 101 लोगों को गिरफ्तार किया। हम आज व्हाट्सएप के माध्यम से अभियुक्तों के नाम जारी कर रहे हैं, उस सूची में कोई मुस्लिम नहीं है।
अफवाहों पर गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि वीडियो में एक आवाज सुनाई दी 'ओए बास'। लोगों ने इसे ऑनलाइन प्रसारित किया और कुछ ने इसे 'शोएब बास' कहा। सभी राज्य तंत्र महामारी से लड़ रहे हैं और कुछ लोगों ने इस मामले में सांप्रदायिक एंगल लाने की कोशिश की गयी। अफवाह फैलाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
ये भी देखें: किंग खान के छोटे नवाब के लिए आया रिस्ता, फिर हुआ कुछ ऐसा
ये है पूरा मामला
गौरतलब हो कि इसी महीने अप्रैल के दिनांक 16 -17 की रात को पालघर से करीब 100 किलोमीटर दूर मॉब लिंचिंग की वारदात हुई। जिसमें पालघर के गड़चिनचले गांव में मुंबई से सूरत जा रहे दो साधुओं और ड्राइवर की गाड़ी रोक कर कुछ लोगों ने जान से मार डाला। भीड़ के हत्थे चढ़े साधु मुंबई के जोगेश्वरी स्थित हनुमान मंदिर के थे। दोनों साधु मुंबई से सूरत अपने गुरू के अंतिम संस्कार में जा रहे थे।
ये भी देखें:भट्ठों पर ईंट को आग में डालने से पहले अंतिम रूप देते कारीगर, देखें तस्वीरें
अफवाह फ़ैल गयी कि साधु चोर हैं
लॉकडाउन के चलते पुलिस ने साधुओं को हाइवे पर जाने से रोक दिया। फिर इको कार में सवार साधु ग्रामीण इलाके की तरफ मुड़ गए जहां वे लोग मॉब लिंचिंग के शिकार हो गए। पुलिस की माने तो अफवाह के कारण साधु और ड्राइवर भीड़ के शिकार हुए। भीड़ ने चोर समझ कर साधुओं की गाड़ी रोकी थी।